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Chandrama Ka Kark Rashi Mein Pravesh : दो दिन इन राशियों के लिए रहेगा भारी, चंद्रमा का पड़ रहा प्रभाव
chandrama ka kark rashi mein pravesh : जिन लोगों की जन्मकुंडली में चंद्र शुभ अवस्था में है , उनका दांपत्य जीवन भी सुखद रहेगा।
chandrama ka kark rashi mein pravesh चंद्रमा का कर्क राशि में प्रवेश
कर्क राशि जल तत्व प्रधान राशि है। इसके स्वामी चंद्र है। चंद्रमा हर राशि में ढ़ाई दिन रहते हैं और अपना प्रभाव छोड़ते हैं। चंद्रमा मन के भाव को परिभाषित करते हैं। संबंधों पर असर डालते हैं। जिन लोगों की जन्मकुंडली में चंद्र शुभ अवस्था में है वे लोगों को प्रभावित करने में कामयाब होंगे। उनका दांपत्य जीवन भी सुखद रहेगा।
चंद्रमा हर राशि में ढाई दिन रहते हैं। आज चंद्रमा पूरे दिन रात अपनी स्वराशि में रहेंगे। कल यानि 5 सितंबर को 7.15 बजे शाम को सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे।
चंद्रमा का राशियों पर प्रभाव
मेष : चंद्रमा के कर्क राशि में आने से इस राशि के जातक को धन-संपत्ति, भौतिक सुखों में वृद्धि के साथ प्रेम संबंधों में भावुकता की वृद्धि होगी।
वृषभ : इस राशि के जातक में रचनात्मक में वृद्धि होगी। जीवनसाथी के साथ मधुरता बढ़ेगी। भाई से संबंध सुधरेंगे।
मिथुन : इस राशि के जातक को धन का लाभ और पारिवारिक सुख मिलेगा। प्रेम संबंधों में बदलाव होगा।
कर्क : इस राशि के जातक भावुक होंगे और छोटी-छोटी बातों में परेशान रहेंगे, इन दो दिनों इनके आकर्षण का प्रभाव बढ़ेगा।
सिंह : इस राशि के जातक को आर्थिक लाभ के लिए दो दिन बेहतर रहेंगे। खर्च की अधिकता के बावजूद धन का लाभ होगा।
कन्या : इस राशि के जातक बचकर रहे। दांपत्य जीवन में टकराव हो सकता है। नए प्रेम संबंध बनेंगे।
तुला : इस राशि के जातक को आजीविका के नए साधन मिलेंगे। जातक के काम में तरक्की होगी।
वृश्चिक : इस राशि के जातक में धार्मिक प्रवृत्ति बढ़ेगी। परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे।
धनु : इस राशि के जातक सावधान रहें और पानी से दूर रहें। परिवार में तनाव बढ़ेगा। प्रेम संबंधों में टकराव होगा।
मकर : इस राशि के जातक का जीवनसाथी के साथ अंतरंगता बढ़ेगी। प्रेम संबंधों में मधुरता बढेगी।
कुंभ : इस राशि के जातक प्रेम संबंधों में भी संभलकर रहें। किसी को पैसा न दें।
मीन : इस राशि के जातक को पारिवारिक जीवन में महत्व मिलेगा। धन लाभ और प्रेम का प्रस्ताव मिलेगा।
कर्क राशि में चंद्रमा का प्रभाव
कर्क राशि में चंद्रमा का होना कई स्थितियों मे शुभ होता है कई में अशुभ। अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा नीच या अशुभ अवस्था में बैठा है तो माता को कष्ट होता है। चंद्रमा से संबंधित बीमारियों में दिल से संबंधित रोग या आँख की पुतली की बीमारियाँ प्रमुख हैं। सर्दी-जुकाम भी इसके अशुभ होने की निशानी है।
घर के आसपास जल तत्व की कमी, संवेदनशीलता एवं हृदय में भावनाओं की कमी होती है। अत्याधिक बेचैनी और मानसिक तनाव बना रहता है। आत्महत्या करने के विचार बार-बार आते हैं। व्यक्ति घोर निराशावादी हो जाता है।
जिनके चंद्र कमजोर होते है उन्हें घर के बड़ों के आशीर्वाद और मां के हाथों से दही खाकर ही कि यात्रा करनी चाहिए। प्रतिदिन वट के वृक्ष में जल चढ़ाएँ। अपने मन की बातें किसी को न बताएँ। सोमवार का व्रत रखें।