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Chandrayaan -3 Bhavishyavani: 23 अगस्त चंद्रयान -3 के लिए शुभ या अशुभ, जानिए सफलता में कौन सा ग्रह देगा बाधा

Chandrayaan -3 Bhavishyavani: चंद्रयान -3 चंद्रमा की सतह को 23 अगस्त को छूएगा। इस बार इस मिशन की सफलता का वैज्ञानिक समेत ज्योतिष भी दावा कर रहे है।। सफलता पूर्वक लैंडर के अलग होने के बाद चांद तक पहुंचने का चंद्रयान -3 का सपना भारत के लोगों का पूरा होगा। और चांद पर सफल प्रक्षेपण करने वाला विश्व का चौथा देश बन जायेगा। जानते है चंद्रयान- 3 की ज्योतिषीय भविष्यवाणी...

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 18 Aug 2023 12:15 PM GMT (Updated on: 20 Aug 2023 4:09 AM GMT)
Chandrayaan -3 Bhavishyavani: 23 अगस्त चंद्रयान -3 के लिए शुभ या अशुभ, जानिए सफलता में कौन सा ग्रह देगा बाधा
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Chandrayaan -3 Bhavishyavani (सांकेतिक तस्वीर, सोशल मीडिया)

Chandrayaan -3 Bhavishyavani: चंद्रयान -1 और चंद्रयान -2 की असफलता के बाद चंद्रयान -3 ( Chandrayan -3) का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था। अगस्त के पिछले वीक चंद्रयान -3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चुका है। और इसके साथ ही चंद्रमा तक पहुंचने में मात्र 100 किमी की दूरी बची है। वैज्ञानिकों का मानना है चंंद्रयान की सफलता 23 अगस्त तक मिलने की संभावना है

चंद्रयान -3 17 अगस्त बृहस्पतिवार ही चंद्रयान के प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर अलग हुआ। मतलब यह मिशन चंद्रयान-3 ने बीते बृहस्पतिवार को अच्छी सफलता हासिल की, लैंडर मॉड्यूल का सफलतापूर्वक प्रणोदन मॉड्यूल से अलग होना, इसके बाद यह मिशन अब अपने अगले पड़ाव पर है और जल्द ही चांद पर तिरंगा फहराने का इंतजार है। मतलब 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इसकी निर्धारित 'सॉफ्ट लैंडिंग' का पूरे देश को बेसब्री से इँतजार है

23 अगस्त चंद्रयान -3 के लिए शुभ

चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर23 अगस्त को उतर सकता है। इस दिन तुलसी जयंति है, चंद्रमा 02:54 AM तक चन्द्रमा तुला उसके बाद वृश्चिक राशि पर संचार करेगा। इंद्र योग रहेगा, जिस समय लैंडर के उतरने का समय बताया जा रहा है उस समय लाभ की चोघड़िया का योग है। तो इसके लिए शुभ हो सकता है। ग्रहों की स्थिति चंद्रयान की शुभता का संकेत गदे रही है। ऐसा कहा जा सकता है कि यह मिशन सफल हो सकता है, मगर बहुत अड़चनें आने की संभावना भी नजर आ रही है।वृश्चिक लग्न उदय चंद्रमा की वजह से मिशन की सफलता को सोच सकते है, लेकिन कई ग्रह स्थितियां बाधा भी दे सकती हैं क्योंकि शनि और मंगल का आमने सामने होना और गुरु और राहु का एक साथ छठे भाव में होना और उन पर शनि की दृष्टि होना तथा दशमेश सूर्य का अष्टम भाव में होना कुछ तकनीकी समस्या की ओर इशारा करता है। तुलीा लग्न भारत के लिए शुभ साबित हो सकता है।

लैंडर मॉड्यूल में लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' शामिल ।हैं जो अब एक ऐसी कक्षा में उतरने के लिए तैयार है जिससे यह चंद्रमा की सतह के और करीब आ जाएगा। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' अगले बुधवार को शाम 5.47 बजे निर्धारित है। चंद्रयान-3 के उतरने की संभावना 23-24 अगस्त को बन रही है। चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र पर्यावरण और वहां से संबंधित कठिनाइयों के लिहाज से बहुत अलग भूभाग हैं और इसलिए ये अज्ञात बने हुए हैं। चंद्रमा पर पहुंचने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान भूमध्यरेखीय क्षेत्र में, चंद्र भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में कुछ डिग्री अक्षांश पर उतरे थे। चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र का अन्वेषण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके आसपास स्थायी छाया वाले क्षेत्रों में पानी की मौजूदगी की संभावना हो सकती है। संकेत प्राप्त करते हुए यह 23 अगस्त को लक्षित स्थान तक पहुंचे और सुरक्षित लैंडिंग करे।

सिंह क्रांति में चंद्रयान-3 हुआ था अलग

सिंह क्रांति में चंद्रयान-3 का लैंडर होगा अलग।मतलब की चंद्रयान -3 दो भागों में बटेगा। आज यानि 17 अगस्त को दोपहर 1. 23 मिनट पर सूर्य अपनी ही स्‍वराशि सिंह में गोचर कर रहे हैं। जो कि सिंह क्रांति है, सिंह संक्रांति वैसे भादो के माह में होती है लेकिन इस बार अधिकमास होने के कारण यह श्रावण माह में हो रही है। इसलिए इसका अधिक महत्व हो गया है।आज शिव योग है और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है।जो हर तरह से सकारात्मक परिणाम देने वाला दिन है। और आज की तारीख 17 का युग्म भी 8 आता है जो कि सम अंक है ऐसे में इस तारीख में किया गया काम का परिणाम पक्ष आने की संभावना रहती है। मतलब आज ही चंद्रयान के प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर अलग होंगे।

चंद्रयान में क्या होता है प्रोपल्शन-लैंडर ?

चंद्रयान-3 में एक प्रोपल्शन मॉड्यूल है। इसका वजन 2,148 किलोग्राम है। इसका मुख्य काम लैंडर को चंद्रमा के पास लेकर जाने का था। अब या चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चुका है तो इसे लैंडर से अब अलग किया जाएगा। वहीं, लैंडर का वजन 1,723.89 किलोग्राम है। इसमें एक रोवर शामिल हैं। रोवर का वजन 26 किलोग्राम है। चंद्र -3 का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारना है। चंद्रयान-2 मिशन में लैंडर की क्रैश लैंडिंग हो गई थी। इसके बाद लैंडर दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया था। और वह मिशन विफल हो गया था।

चंद्रयान -3 की प्रक्षेपण पर ज्योतिष शास्त्र की नजर

जिस दिन चंद्रयान-3 को चंद्र की कक्षा में भेजा गया था उस दिन वृश्चिक लग्न था। इसके के स्वामी मंगल दशम भाव में शुक्र के साथ विराजमान हैं और इस मिशन को बल मिलने की प्रबल संभावना है, क्योंकि लग्नेश का दशम में होना और वहां से लग्न को देखना लग्न और दशम दोनों भागों को प्रबल बनाता है जो इस मिशन और उसके वैज्ञानिकों के लिए सकारात्मक परिणाम देगा।

मंगल के साथ शुक्र का होना, चतुर्थ भाव में बैठे वक्री शनि थोड़ा परेशान करेंगे। लेकिन शनि - मंगल का प्रभाव तकनीकी कार्यों में शुभ है। उम्मीद हैं कि इस मिशन में सफलता मिल सकती है।

  • भाग्यस्थान के स्वामी चंद्रमा सप्तम भाव में बैठकर उच्च हो गए हैं और चंद्रमा का उच्च होना चंद्रयान के लिए बहुत अनुकूल माना जा सकता है ।
  • वृषभ राशि में चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होंगे जो कि उनका सबसे अनुकूल नक्षत्र माना जाता है। ऐसे में इस मिशन को सफलता मिलने की प्रबल संभावना बनाया।
  • चंद्रमा की राशि के अनुसार चंद्र, बुध और बृहस्पति प्रक्षेपण के दौरान रहना की संभावना है।
  • चंद्रमा भाग्येश होकर सप्तम भाव में उच्च राशि के हैं जबकि बुध अष्टमेश और एकादशेश होकर भाग्य स्थान में विराजित हैं
  • बृहस्पति द्वितीयेश और पंचमेश होकर छठे भाव में राहु के साथ स्थित हैं और उन पर वक्री शनि की दृष्टि है।
  • दशम भाव के स्वामी सूर्य महाराज अष्टम भाव में स्थित हैं। यह ज्यादा अनुकूल स्थिति नहीं है।

Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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