TRENDING TAGS :
Chhath Puja 2022: छठ पूजा का आज दूसरा दिन खरना, व्रतियों ने लिया संकल्प, जानिए सांध्यकालीन व प्रात:कालीन अर्घ्य के मुहूर्त
Chhath Puja 2022: रविवार 30 अक्टूबर 2022 की शाम सभी व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य और सोमवार 31 अक्टूबर 2022 की सुबह उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के बाद पारण (समापन) करेंगे।
Chhath Puja 2022 : लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को खरना के साथ ही व्रतियों के 36 घंटे के निर्जला व्रत का आरंभ हो गया। इसके बाद व्रती अन्न या जल कुछ भी व्रत पूरा होने तक ग्रहण नहीं करते हैं। रविवार 30 अक्टूबर 2022 की शाम सभी व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य और सोमवार 31 अक्टूबर 2022 की सुबह उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के बाद पारण (समापन) करेंगे। इसके लिए लखनऊ के सभी घाटों पर भी दुरुस्त इंतजाम किए गए हैं।
छठ में खरना का विशेष है महत्व
छठ में खरना का काफी महत्व माना जाता है। खरना की पूजा शाम 05:26 बजे से सायं 07:22 बजे तक होगी । इसके बाद ही व्रति खरना का प्रसाद ग्रहण करेंगी।
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय
छठ पूजा 2022 खरना मुहूर्त (Chhath Puja 2022 Kharna Muhurat)
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के अनुसार कार्तिक माह की पंचमी तिथि का दिन खरना कहलाता है.। इसे लोहंडा के नाम से भी जाना जाता है।खरना के दिन महिलाएं शाम को मीठा भोजन कर व्रत शुरू करती हैं।
सूर्योदय - प्रात: 06 बजकर 31 मिनट पर
सूर्योस्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
खरना 2022 शुभ योग (Kharna 2022 Shubh yoga)
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के अनुसार खरना बेहद शुभ योग में मनाया जाता है। बता दें कि इस दिन रवि और सुकर्मा योग बन रहे हैं जिससे इस दिन की महत्व और बढ़ गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ रवि योग में सूर्य की विधि-विधान से पूजा की जाए तो व्यक्ति की कुंडली से सूर्य का दुष्प्रभाव भी दूर हो जाता है।
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के अनुसार शुभ मुहूर्त
रवि योग - 06.31 एम - 09.06 एम
सुकर्मा योग - 10.23 पीएम - 07.16 पीएम , अक्टूबर 30
सांध्यकालीन व प्रात:कालीन अर्घ्य के मुहूर्त
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान "ट्रस्ट"के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के अनुसार रविवार 30 अक्टूबर 2022 को शाम सायं 05:34 मिनट तक अस्ताचलगामी अर्घ्य और सोमवार 31 अक्टूबर 2022 को प्रातः 06:29 के बाद उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने का सही समय है।
स्थानीय स्तर पर सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जानना बेहद है जरूरी
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के अनुसार रविवार को सूर्यास्त का समय शाम को 5. 40 बजे है। उन्होंने बताया कि अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य देने के लिए शाम 4:56 बजे से 5:34 बजे तक उपयुक्त समय है। ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के मुताबिक़ अक्षांश और देशांतर के मुताबिक सूर्यास्त और सूर्योदय के समय में अंतर होने के कारण अर्घ्य के वक्त स्थानीय स्तर पर सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जरूर पता कर लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि सोमवार को सुबह 6:15 बजे सूर्योदय होना है। पंडित राकेश पाण्डेय ने बताया कि भारत के अलग-अलग हिस्सों में व्रत करने वालों को समय का खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश और राजस्थान के शहरों में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में डेढ़ घंटे से भी अधिक का अंतर होता है।
सूप-दउरा, आम की लकड़ी की दिन भर होती रही खरीदारी
लखनऊ में छठ का बाजार रफ्तार पकड़ चुका है। चौक-चौराहों पर भी बाजार सजा हुआ देखा जा सकता है । मुख्य मार्गों के किनारे भी कई दुकानें लगी हुई हैं। छठ से जुडी जरूरी चीजों की खरीदारी चल रही है। शुक्रवार को आम की लकड़ी, मिट्टी के चूल्हे, मिट्टी के हाथी, कोसी थाल, सूप, दउरा, डलिया आदि की खरीदारी दिन भर चलती रही। छठ महापर्व के लिए एक सप्ताह से चल रही छिटपुट खरीदारी अब आज अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। इसलिए बाजार में भीड़ भी काफी बढ़ जाने के कारण दर-मोल भी हो रहा है।