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Chhath Puja 2023 Date and Time: कब मनाया जायेगा इस साल छठ महापर्व, जानिए यहां 4 दिवसीय छठ के बारे में सबकुछ

Chhath Puja 2023 Date and Time: इस साल छठ पूजा कब है, जानिए छठ पूजा का चार दिन कब कब है...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 5 Oct 2023 12:30 AM GMT (Updated on: 5 Oct 2023 12:31 AM GMT)
Chhath Puja 2023 Date and Time: कब मनाया जायेगा इस साल छठ महापर्व, जानिए यहां 4 दिवसीय छठ के बारे में सबकुछ
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Chhath Puja 2023 Date and Time: छठ पूजा कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व की शुरूआत नहाय-खाय से होती है, जो कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है। ऐसे में आज हम आपको छठ पूजा के बारे में बताने जा रहे हैं कि इस साल छठ की पूजा कब है इस4 दिवसीय छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैय्या की पूजा किस तारीख को की जाएगी। इसमें व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देते और उससे एक दिन पूर्व डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

छठ पूजा में पहला दिन नहाय-खाय का होता है, दूसरा खरना, तीसरा दिन छठ पूजा और संध्या अर्घ्य का और चौथे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पारण करके व्रत को पूरा करते हैं छठ पूजा 2023 का कैलेंडर।

छठ में 4 दिन कब क्या है

इस साल कार्तिक शुक्ल षष्ठी ति​थि 18 नवंबर दिन शनिवार को सुबह 09:18 am से प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन 19 नवंबर दिन रविवार को सुबह 07:23 am पर होगा. उदयातिथि के आधार पर छठ पूजा 19 नवंबर को है, उस दिन छठ पूजा का संध्या अर्घ्य दिया जाएगा।

  • छठ पूजा का पहला दिन: नहाय-खाय, 17 नवंबर, दिन शुक्रवार
  • छठ पूजा का दूसरा दिन: खरना, 18 नवंबर, दिन शनिवार
  • छठ पूजा का तीसरा दिन: छठ पूजा, संध्या अर्घ्य, 19 नवंबर, दिन रविवार
  • छठ पूजा का चौथा दिन: उगते सूर्य को अर्घ्य, पारण, 20 नवंबर, दिन सोमवार
  • पहले दिन छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय होता है। इस साल नहाय-खाय 17 नवंबर को है। उस दिन सूर्योदय 06:45am पर और सूर्यास्त 05:27 पर होगा। इस दिन रवि योग और भद्रा दोनों हैं।
  • दूसरा दिन खरना छठ पूरा का दूसरा दिन होता है। इस वर्ष लोहंडा और खरना 18 नवंबर को है।उस दिन का सूर्योदय 06:46 ए एम पर और सूर्यास्त 05:26 पी एम पर होगा। इस दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है।
  • छठ पूजा का तीसरा दिन- छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है। इस दिन व्रती घाट पर आते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा। संध्या अर्घ्य सूर्यास्त के समय देते हैं। संध्या अर्घ्य का समय शाम 05:26 pm पर है।उस दिन सूर्यास्त 05:26 pm पर होगा। इस दिन सूर्योदय 06:46 am पर है।
  • छठ पूजा का आखिरी और पारण का दिन- छठ पूजा का चौथा दिन उगते सूर्य को अर्घ्य और पारण का होता है। इस साल 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। उस दिन सूर्योदय 06:47 ए एम पर होगा। ऐसे में उगते सूर्य को अर्घ्य 06:47 ए एम पर दिया जाएगा। उस दिन सूर्यास्त 05:26 पी एम पर होगा।स्थान के अनुसार इसके समय में अंतर हो सकता है।

छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है। माताएं अपनी संतान की सुरक्षा और उसके सुखी जीवन के लिए छठ पूजा करती हैं। छठ पूजा का व्रत सबसे कठिन होता है। नहाय खाय के बाद से उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक व्यक्ति को निर्जला व्रत रखना होता है।

छठ पूजा विधि

छठ पर्व से दो दिन पहले चतुर्थी के दिन स्नानादि करके भोजन किया जाता है। पंचमी को उपवास करके संध्याकाल में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्ध्य दिया जाता है। तत्पश्चात पारण किया जाता है। पूरा दिन बिना जल पिये नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है।

एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढक दें। तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर निम्न मंत्रों का जाप करें।

ऊं अद्य अमुकगोत्रोअमुकनामाहं मम सर्व

पापनक्षयपूर्वकशरीरारोग्यार्थ श्री

सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।

ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।

अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥

इस मन्त्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्यदेव को अर्ध्य दें।छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी पवित्रता और लोकपक्ष है। भक्ति और आध्यात्म से परिपूर्ण इस पर्व के लिए न तो विशाल पंडालों की, न भव्य मंदिरों की और ना ही ऐश्वर्य युक्त मूर्तियों की जरूरत होती है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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