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Chhath Puja Samagri List 2024: इनके बिना अधूरी है छठ पूजा, व्रत से पहले जानिए क्या है छठ पूजा सामग्री लिस्ट

Chhath Puja Samagri List 2024: छठ पूजा में सूर्य देव और छठ मइया की पूजा की जाती है। यह बहुत कठिन व्रत है जो 36 घंटे का होता है। इसमें नियमों का पालन जरूरी है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 7 Nov 2024 8:00 AM IST (Updated on: 7 Nov 2024 7:02 AM IST)
Chhath Puja Samagri List 2024: इनके बिना अधूरी है छठ पूजा, व्रत से पहले जानिए क्या है छठ पूजा सामग्री लिस्ट
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Chhath Puja Samagri List 2024: छठ पूजा में नियम का पालन है जरूरी छठ का प्रसाद बनाते समय नए चूल्हे का ही इस्तेमाल करें। चूल्हा ऐसा होना चाहिए जो प्रतिदिन जल सके। यदि आप गैस का उपयोग करते हैं तो नये चूल्हे का प्रयोग करना चाहिए। जिसे हर साल केवल छठ के दिन ही निकाला जाता हो। छठ पूजा के दौरान पहले इस्तेमाल किए गए चूल्हे का दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

छठ पूजा के समय प्रसाद में अनाजों को अच्छी तरह साफ करना जरूरी होता है। इसे घर पर ही धोकर, कुचलकर और पीसकर बनाया जाता है। इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि पक्षी अनाज को खराब न कर दें। छठ के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले अनाज पर भूलकर भी पैर नहीं लगाना चाहिए। जो भी ऐसा करता है उसे छठी मईया नाराज हो सकती हैं।

पूजा के लिए बांस से बने सूप-कटोरा और टोकरी का ही उपयोग करना होगा। छठ पूजा के दौरान कभी भी स्टील या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। प्रसाद भी शुद्ध घी में बनाया जाता है। इसमें केवल फलों का उपयोग किया जाता है। ऐसे में व्रत करने वाले को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए ,अगर आप भी इस साल छठ का व्रत रख रहे हैं तो इन नियमों का खास ख्याल रखें, ताकि छठी माता की कृपा आप पर बनी रहेगी।

छठ में नियमों का खास ख्याल रखें

छठ पूजा में मुख्य रूप से सूर्य देव की पूजा की जाती है और सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा में विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है। छठ पूजा में सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय मिट्टी के चूल्हे और पीतल के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इस पूजा में स्टील,चांदी और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। छठ व्रत रख रही महिलाओं को अर्घ्य देने के बाद ही किसी भी चीज का सेवन करें और जो भी महिलाएं व्रत रखती हैं उन्हें जमीन पर ही सोना चाहिए। छठ पूजा व्रत को कठिन है। छठ पूजा से करीब दस दिन पहले से ही लोगों को अरवा चावल और सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। व्रत रह रही महिलाओं को व्रत से जुड़े सभी नियमों का पालन करना चाहिए। छठ पूजा को बहुत ही शुभ माना जाता है इन दिनों में प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए इसके साथ ही इन शुभ दिनों में भूलकर भी मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए

इन चीजों के बिना अधूरी है छठ पूजा

डाला और सूप: छठ पूजा की सभी सामग्रियों को डाला और सूप में रखा जाता है। ये डाला और सूप बांस के बने होते हैं। आजकल कुछ लोग धातु के बने डाला और सूप भी उपयोग में लाने लगे हैं, लेकिन बांस से बनी ये वस्तुएं श्रेष्ठ मानी गई हैं।


ठेकुआ: ठेकुआ और छठ एक-दूसरे के पर्यायवाची बन चुके हैं। आटा, गुड़, ड्राई फ्रूट्स के मिश्रण से बने घी या तेल में तले ठेकुए बिना छठ पूजा अधूरी मानी जाती है।

नारियल: कच्चा और सूखा नारियल छठ के डाला और सूप में रखना अनिवार्य होता हैं। मनौती के रूप में इसकी संख्या घटती-बढ़ती रहती है।

गागर नींबू: गागर नींबू छठ की एक ख़ास पहचान है। यूपी और बिहार में इसकी खेती छठ के लिए ही की जाती है।

अरक पात: अरक पात रुई से बने गोल-गोल पत्ते होते हैं। लाग रंग के इन पत्तों के बिना छठ वाकई में अधूरी होती है। इन पत्तों को प्रत्येक सूप और डाला में रखा जाता है। इस आलता बाती भी कहते हैं और सूर्य के प्रतीक माने जाने के कारण बेहद शुभ माने गए हैं। इसके साथ ही लाल धागे से बनी बद्धी यानी माला भी प्रत्येक सूप और डाले में डाला जाता है।

गन्ना: गन्ना भी छठ पूजा की पहचान है। प्रत्येक डाला और सूप में गन्ना या ईंख के तुकडे का होना जरुरी माना गया है।

केला: केले का घौद या केले के हत्थे को डाला या सूप में रखे बिना छठ पूजा अधूरी मानी गयी है। ये संख्या में कितनी होगी, यह मनौती पर निर्भर है।

पान-सुपारी: छठ व्रत का उपवास रखने वाले यानी व्रती जब पानी में खड़े होकर सूर्य की आह्वान करते हैं, तो वे अपने हाथ में पान-सुपारी अवश्य रखते हैं।

केराव: देसी और जंगली मटर को केराव को कहते हैं। इस मटर यानी केराव को पानी में भिगोकर और फुलाकर सभी सूप और डाला में रखना एक अनिवार्य परंपरा है।

ये समान छठ में हैं बेहद जरूरी

इन 9 छठ आइटम के अलावा छठ की डाला और सूप में मूली, सुथनी, शकरकंद, अल्हुआ (मीठा आलू), सिंघारा, पत्ते सहित हल्दी और अदरक की गांठे भी अनिवार्य छठ आइटम में शामिल हैं। लेकिन उपलब्ध न होने पर भी छठ पूजा संपन्न कर सकते हैं। साथ ही सभी प्रकार के फल, जैसे- सेब, नारंगी, मुसम्मी, अन्नानास, अनार आदि भी चढ़ाए जाते हैं। जहां तक मिठाइयों की बात है, छठ पूजा की तीन मिठाइयां बेहद खास मानी गई हैं, ये हैं- चीनी पाक मिठाई, खाजा और बताशा।

छठ 2024 का चार दिन

इस साल कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12 .41 मिनट से आरंभ हो रही है, 8 नवंबर को सुबह 12 .35 मिनट समाप्त हो रही है। उदया तिथि के आधार पर छठ पूजा 7 नवंबर को है। इस दिन शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

छठ पूजा का पहला दिन: नहाय खाय- 5 नवंबर 2024, मंगलवार

छठ पूजा का दूसरा दिन: खरना- 6 नवंबर 2024, बुधवार

छठ पूजा का तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य- 7 नवंबर , गुरुवार

छठ पूजा का चौथा दिन: उषा अर्घ्य- 8 नवंबर, शुक्रवार



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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