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Chhath Vrat Kaise Rakhte Hain: छठ व्रत कैसे रखते हैं यहां जानिए पूरी जानकारी नहाय-खाय, खरना से सूर्य को अर्घ्य देने का समय
Chhath Puja 2024 Date and Time:आज से महापर्व छठ शुरू। छठ पर्व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तक चलता है। जानते है इस साल महापर्व छठ की सम्पूर्ण जानकारी
Chhath Vrat Kaise Rakhte Hain आज से छठ पूजा शुरू हो गई है। मान्यता के अनुसार हर साल छठ पूजा दिवाली के 6 दिन बाद पड़ता है। ऐसे में अगर आप भी छठ पूजा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तो पूजा के नहाय खाए से लेकर पारण तक की जानकारी यहां सही – सही दी गई है. छठ पूजा सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है। यह बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। यह त्योहार चार दिनों तक चलता है, और इसमे डूबते और उगते सूरज की पूजा की जाती है
छठ महापर्व सूर्य भगवान और प्रकृति पूजा के लिए समर्पित होता है और व्रती चार दिन तक उपवास रखते हैं. महाव्रत की शुरुआत नहाय खाय से होती है, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य के बाद व्रती उपवास तोड़ते हैं। इस महाव्रत में कई नियमों का पालन जरूरी होता है। जानते हैं कैसे...
छठ पूजा के नियम
छठ में कई नियमों का पालन जरूरी होता है। इस पर्व में मिट्टी और पवित्र धातु पीतल के बरतनों का उपयोग करना जरूरी है। छठ पूजा करने वाले पूरे परिवार के साथ दिवाली के बाद से सात्विक भोजन करते हैं। पूजा के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद के लिए गेहुं की साफ सफाई पर भी बहुत ध्यान दिया जाता है। पूजा वाले घर में साफ सफाई और पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है। व्रत के दौरान व्रती साफ वस्त्र धारण करते हैं और जमीन पर चटाई बिछाकर सोते हैं। पूजा के लिए बांस से बनी टोकरी और सूप का उपयोग किया जाता है।
चार दिवसीय छठ पूजा में लोग अपने घर- परिवार की सुख-समृद्धि के साथ संतान की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए की जाती है।इस व्रत में उगते और डूबते सूर्य की पूजा की जाती है, जिससे हमें जीवन में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। छठ पूजा में नियमों का पालन बेहद मायने रखता है।
छठ पूजा की तिथियां
छठ पूजा का पहला दिन- नहाय खाय, 5 नवंबर 2024, मंगलवार
छठ पूजा का दूसरा दिन- खरना, 6 नवंबर 2024, बुधवार
छठ पूजा का तीसरा दिन- संध्या अर्घ्य, 7 नवंबर, गुरुवार
छठ पूजा का चौथा दिन- उगते सूर्य को अर्घ्य, 8 नवंबर 2024, शुक्रवार
(संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : 7 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 32 मिनट से
(उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय : 8 नवंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 38 मिनट तक।
चार दिन तक चलने वाले महापर्व छठ की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इस बार 5 नवंबर मंगलवार को नहाय खाय है। 6 नवंबर बुधवार को खरना, 7 नवंबर गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 8 नवंबर शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ व्रत की समाप्ति होगी और व्रती पारण करेंगे।
छठ पूजा का प्रसाद
छठ पूजा में प्रसाद के रूप में ठेकुआ, मालपुआ, चावल के लड्डू, फल और नारियल बांटे जाते हैं. सबसे पहले ये सारी चीजें सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित की जाती हैं।
छठ पूजा की विधि
छठ पूजा के लिए दो बड़े बांस की टोकरी लें, जिन्हें पथिया और सूप के नाम से जाना जाता है।इसमें डगरी, पोनिया, ढाकन, कलश, पुखार, सरवा भी जरूर रख लें।-बांस की टोकरी में भगवान सूर्य देव को अर्पित करने वाला भोग रखा जाता है। जिनमें ठेकुआ, मखान, अक्षत, भुसवा, सुपारी, अंकुरी, गन्ना आदि चीजें शामिल हैं।इसके अलावा टोकरी में पांच प्रकार के फल जैसे शरीफा, नारियल, केला, नाशपाती और डाभ (बड़ा वाला नींबू) रखा जाता है।इसके साथ ही टोकरी में पंचमेर यानी पांच रंग की मिठाई रखी जाती है। जिन टोकरी में आप छठ पूजा के लिए प्रसाद रखा रहे हैं उन पर सिंदूर और पिठार जरूर लगा लें।छठ के पहले दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है।इस दिन भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल की टोकरी या सूप का उपयोग करना चाहिए।