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Chhath Vrat Kaise Rakhte Hain: छठ व्रत कैसे रखते हैं यहां जानिए पूरी जानकारी नहाय-खाय, खरना से सूर्य को अर्घ्य देने का समय

Chhath Puja 2024 Date and Time:आज से महापर्व छठ शुरू। छठ पर्व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तक चलता है। जानते है इस साल महापर्व छठ की सम्पूर्ण जानकारी

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 7 Nov 2024 7:30 AM IST (Updated on: 7 Nov 2024 7:00 AM IST)
Chhath Puja: छठ पूजा क्यों मनाते हैं, कब से हुई इसकी शुरुआत, जानें कथा के बारे में
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Chhath Puja (फोटो- न्यूजट्रैक)

Chhath Vrat Kaise Rakhte Hain आज से छठ पूजा शुरू हो गई है। मान्यता के अनुसार हर साल छठ पूजा दिवाली के 6 दिन बाद पड़ता है। ऐसे में अगर आप भी छठ पूजा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तो पूजा के नहाय खाए से लेकर पारण तक की जानकारी यहां सही – सही दी गई है. छठ पूजा सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है। यह बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। यह त्योहार चार दिनों तक चलता है, और इसमे डूबते और उगते सूरज की पूजा की जाती है

छठ महापर्व सूर्य भगवान और प्रकृति पूजा के लिए समर्पित होता है और व्रती चार दिन तक उपवास रखते हैं. महाव्रत की शुरुआत नहाय खाय से होती है, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य के बाद व्रती उपवास तोड़ते हैं। इस महाव्रत में कई नियमों का पालन जरूरी होता है। जानते हैं कैसे...

छठ पूजा के नियम

छठ में कई नियमों का पालन जरूरी होता है। इस पर्व में मिट्‌टी और पवित्र धातु पीतल के बरतनों का उपयोग करना जरूरी है। छठ पूजा करने वाले पूरे परिवार के साथ दिवाली के बाद से सात्विक भोजन करते हैं। पूजा के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद के लिए गेहुं की साफ सफाई पर भी बहुत ध्यान दिया जाता है। पूजा वाले घर में साफ सफाई और पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है। व्रत के दौरान व्रती साफ वस्त्र धारण करते हैं और जमीन पर चटाई बिछाकर सोते हैं। पूजा के लिए बांस से बनी टोकरी और सूप का उपयोग किया जाता है।

चार दिवसीय छठ पूजा में लोग अपने घर- परिवार की सुख-समृद्धि के साथ संतान की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए की जाती है।इस व्रत में उगते और डूबते सूर्य की पूजा की जाती है, जिससे हमें जीवन में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। छठ पूजा में नियमों का पालन बेहद मायने रखता है।

छठ पूजा की तिथियां

छठ पूजा का पहला दिन- नहाय खाय, 5 नवंबर 2024, मंगलवार

छठ पूजा का दूसरा दिन- खरना, 6 नवंबर 2024, बुधवार

छठ पूजा का तीसरा दिन- संध्या अर्घ्य, 7 नवंबर, गुरुवार

छठ पूजा का चौथा दिन- उगते सूर्य को अर्घ्य, 8 नवंबर 2024, शुक्रवार

(संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : 7 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 32 मिनट से

(उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय : 8 नवंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 38 मिनट तक।

चार दिन तक चलने वाले महापर्व छठ की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इस बार 5 नवंबर मंगलवार को नहाय खाय है। 6 नवंबर बुधवार को खरना, 7 नवंबर गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 8 नवंबर शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ व्रत की समाप्ति होगी और व्रती पारण करेंगे।

छठ पूजा का प्रसाद

छठ पूजा में प्रसाद के रूप में ठेकुआ, मालपुआ, चावल के लड्डू, फल और नारियल बांटे जाते हैं. सबसे पहले ये सारी चीजें सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित की जाती हैं।

छठ पूजा की विधि

छठ पूजा के लिए दो बड़े बांस की टोकरी लें, जिन्हें पथिया और सूप के नाम से जाना जाता है।इसमें डगरी, पोनिया, ढाकन, कलश, पुखार, सरवा भी जरूर रख लें।-बांस की टोकरी में भगवान सूर्य देव को अर्पित करने वाला भोग रखा जाता है। जिनमें ठेकुआ, मखान, अक्षत, भुसवा, सुपारी, अंकुरी, गन्ना आदि चीजें शामिल हैं।इसके अलावा टोकरी में पांच प्रकार के फल जैसे शरीफा, नारियल, केला, नाशपाती और डाभ (बड़ा वाला नींबू) रखा जाता है।इसके साथ ही टोकरी में पंचमेर यानी पांच रंग की मिठाई रखी जाती है। जिन टोकरी में आप छठ पूजा के लिए प्रसाद रखा रहे हैं उन पर सिंदूर और पिठार जरूर लगा लें।छठ के पहले दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है।इस दिन भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल की टोकरी या सूप का उपयोग करना चाहिए।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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