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Chhathi Ka Bhog:कान्हा को प्रिय है यह भोजन, छठी के दिन लगाएं इसका भोग मिलेगा मनचाहा फल

Chhathi Ka Bhog:जन्माष्टमी जब भी होती है उसके छठे दिन कान्हा की छठी मनाई जाती है।इस बार कान्हा की छठी दो दिन 31 अगस्त और 1 सितंबर को मनाई जा रही है...जानते है कान्हा की छठी का भोग क्या होगा

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 31 Aug 2024 10:29 AM IST
Chhathi Ka Bhog:कान्हा को प्रिय है यह भोजन, छठी के दिन लगाएं इसका भोग मिलेगा मनचाहा फल
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Chhathi Ka Bhog:इस बार वैसे तो जन्माष्टमी 26 सितंबर को थी लेकिन कुछ जगहों पर 27 सितंबर को मनाई गई इसलिए कान्हा की छठी दो दिन 31 अगस्त और 1 सितंबर को मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के 6 दिन बाद उसकी छठी मनाया जाता हैं। इसी तरह जन्माष्टमी के 6 दिन बाद भगवान कृष्ण की छठी’भी मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों और घरों में भजन-कीर्तन किया जाता है और कढ़ी चावल का प्रसाद का बनाया जाता है। इस व्रत की महिमा काफी होती हैं इसलिए इस व्रत को रखा जाता है। हर साल ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ (Krishna Janmashtami) के 6 दिन बाद ‘कृष्ण छठी’ (Krishna Chhathi) मनाई जाती है।

इस व्रत से जुड़ी खास बातें जानिए

इस साल 31 अगस्त और 1 सितंबर, छठी को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जानें कृष्ण छठी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

छठी के दिन का भोग में क्या रखे

कृष्ण छठी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करके इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर कानहा को स्थापित करते है। इसके बाद लड्डू गोपाल का पंचामृत से स्नान करें और नए वस्त्र पहनाकर स्थापित करें।

इसके बाद प्रभु को रोली या पीले चंदन का तिलक लगाएं। साथ फूल माला अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें। माखन मिश्री और कढ़ी चावल का भोग लगाएं। इसके बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें। अब प्रभु से जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए कामना करें।

कहते हैं कि छठी के दिन षष्ठी देवी को अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है और उनकी कृपा से राजा प्रियव्रत का मृत पुत्र फिर से जीवित हो गया है। इसलिए बच्चे की छठी पूजी जाती है और उसके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है। इसी तरह भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उनकी भी छठी पूजी जाती है और कान्हा जी को कढ़ी-चावल का भोग लगाया जाता है।

श्री कृष्ण की छठी के दिन उनकी पसंदीदा चीजों का भोग लगाने से कान्हा खुश होते हैं और मनवांछित फल देते हैं। इस दिन श्री कृष्ण को माखन और मिश्री का भोग लगाए। माखन चोरी का उनकी बाल कथाओं में एक विशेष स्थान है। माखन के लिए तो उन्होंने कई हांडियां भी फोड़ी। सनातन धर्म में छठी के दिन कढ़ी- चावल बनाने की भी परंपरा है । श्री कृष्ण की छठी में कढ़ी- चावल का भोग लगाना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए भगवान को छठी के दिन कढ़ी- चावल का ही भोग लगाएं। साथ ही श्री कृष्ण को माखन- मिश्री का भोग जरूर लगाए।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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