×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Christmas-Tree: जानिए महत्व और इतिहास, इस क्रिसमस आप भी घर में ले आइये क्रिसमस ट्री, फिर देखिए चमत्कार

Christmas-Tree: घर की नकारात्मक ऊर्जा को ख़त्म करने के लिए क्रिसमस ट्री खास है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर-परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का साया हो वहां क्रिसमस ट्री लगाने से नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म हो जाती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 25 Dec 2021 8:30 AM IST (Updated on: 25 Dec 2021 9:14 AM IST)
Christmas-Tree
X

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Christmas-Tree क्रिसमस ट्री

बस कुछ दिनों में क्रिसमस (Christmas ) का पर्व आने वाला है। इसमें भगवान ईसा का जन्मदिवस सद्भाव व प्रेम से से पूरी दुनिया में मनाया जाता है। वैसे तो क्रिसमस पर चर्च जाने , प्रार्थना करने के साथ घरों को सजाने और केक काटने का रिवाज है, जो दुनियाभर के लोग करते हैं। लेकिन इसके साथ ही क्रिसमस के मौकों पर लोग घरों में क्रिसमस ट्री भी लाते है और उसे सजाते हैं। क्रिसमस ट्री (Christmas-Tree )घर के वास्तु दोष निवारण में अहम भूमिका निभाता है।


क्रिसमस ट्री का महत्व

चीनी वास्तु शास्त्र (Chinese Vastu Shastra) के अनुसार घर की नकारात्मक ऊर्जा को ख़त्म करने के लिए क्रिसमस ट्री खास है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर-परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का साया हो वहां क्रिसमस ट्री लगाने से नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म हो जाती है। साथ ही घर-परिवार में खुशियां बनी रहती है। चीनी वास्तु शास्त्र के अनुसार हम आपको क्रिसमस ट्री से संबंधित कुछ वास्तु टिप्स बता रहे हैं जिसे अपनाने पर घर-परिवार में सदैव खुशियां बनी रहेगी।

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

क्रिसमस ट्री का वास्तु विधान कैसे लगाएं पौधा

वास्‍तु शास्त्र के अनुसार, क्रिसमस ट्री बच्चों और बड़ों सभी के बीच एकजुटता का भाव बढ़ाता है जिससे घर में तनाव नहीं होता। यह परिवार के साथ परंपराओं को भी जीवित रखने का काम करता है।यही वजह है कि क्रिसमस के दिन सारा परिवार मिलकर इसे डेकोरेट करता है तो इससे घर के सभी सदस्यों के बीच सौहाद्र बना रहता है।ये क्रिसमस ट्री को उत्तर दिशा में रखा जाना चाहिए। आप इसे उत्तर पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं। इसके साथ ही ध्यान रखें कि क्रिसमस ट्री का आकार तिकोना हो। वास्‍तु में तिकोने आकार को अग्नि का प्रतीक माना जाता है। दक्षिण कोण में क्रिसमस ट्री नहीं रखना चाहिए, इससे नुकसान होता

क्रिसमस ट्री को लेकर ध्यान देने वाली बात

  • क्रिसमस ट्री घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। क्रिसमस ट्री में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। यह पौधा कभी पेड़ नहीं बनता, बस अपनी अधिकतम ऊंचाई के बाद वैसा ही बना रहता है। तो इसका मतलब इसे घर में रखने के लिए अधिक स्थान की भी आवश्यकता नहीं है। मां लक्ष्मी का रूप माने जाने वाले क्रिसमस ट्री को घर में रखने से घर से धन की कमी दूर हो जाती है। साथ ही उस घर के आसपास भी कंगाली का साया नहीं आता।
  • वास्तु के अनुसार आपके घर में किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा है तो क्रिसमस ट्री उसे नष्ट करके घर में धन की वृद्धि करता है। चीनी वास्तु शास्त्रों की माने तो क्रिसमस ट्री को घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि घर के दक्षिणी भाग में लगा हुआ क्रिसमस ट्री फायदे के बदले काफी नुकसान पहुंचा सकता है।
  • क्रिसमस ट्री को सजाते वक्त उसके आस पास मोमबत्ती को लगाया जाता है। लोगों का मानना है कि मोमबत्ती जलाने से पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। वहीं इसके आसपास अगर खुशबूदार मोमबत्ती लगाई जाए तो और भी ज्यादा पॉजिटिव एनर्जी आएगी।
  • आज के समय में लोग बाजार से प्लास्टिक का क्रिसमस ट्री खरीद लाते हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि प्राकृतिक क्रिसमस ट्री से आप वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं। इसलिए घर में असली क्रिसमस ट्री लाएं।
  • क्रिसमस ट्री को लोग लाइट और रिबन से सजाते हैं। वहीं कुछ लोग क्रिसमस ट्री पर घंटी भी बांधते हैं। चीनी मान्यता के अनुसार घंटी की आवाज बहुत ही असरदार होती है।घंटी बजने पर इससे निकलने वाला कंपन (वाइब्रेशन) पूरे शरीर में नई ऊर्जा लाता है। साथ ही घंटी की आवाज के कारण बुरी आत्माएं और बुरी ताकतें दूर भागती हैं। लोगों का मानना है कि क्रिसमस ट्री पर लाल रंग के रिबन में बांधकर तीन सिक्के लटकाए जाएं तो घर में धन की कमी नहीं होती है। साथ ही बरकत साल भर जारी रहती है।
  • ठंड के मौसम में साफ हवा मिलना बेहद मुश्किल है। ठंड के इस मौसम में फॉग के साथ स्मोक मिलकर स्मॉग बनाता है। जो बेहद घातक है। ऐसे में अगर आप प्राकृतिक क्रिसमस ट्री घर में रखते हैं तो फिर घर में साफ हवा का प्रवाह होगा।

क्रिसमस ट्री के फायदे

क्रिसमस के मौके पर ईसाई धर्म के लोगों के साथ अब अन्य धर्म के लोग भी क्रिसमस के पौधे को घर लाते हैं। कहते हैं कि यह सदाबहार का पौध जीवन में खुशियां देता है और कड़ाके की सर्दी में जीवन का संचार करता है। यह पौधा हमारे लिए कई तरह से उपयोगी और फायदेमंद है।

  • सजावटी पौधे की तरह- घर की शोभा और खूबसूरती बढ़ाने के काम आता है। यह पौधा घर के अंदर की हवा को शुद्ध करता है।
  • मधुमक्खी-कीड़ों से दूर रखता है- क्रिसमस ट्री जिस घर में रहता है वहां कीड़े नहीं लगते और बैक्टीरिया अपना घर नहीं बना पाता है।
  • नकारात्मकता दूर करें- क्रिसमस ट्री से घर में खुशहाली रहती है। नकारात्मकता घर के सदस्यों पर हावी नहीं होती है।
  • क्रिसमस ट्री में मां लक्ष्मी का वास- क्रिसमस ट्री का पौधा मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। जिस घर में यह पौधा रहता है वहां धन की कमी नहीं रहती है।
  • परिवार में एकता- क्रिसमस ट्री परिवार में लोगों के बीच प्यार बढ़ाने का काम करता है।

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

क्रिसमस ट्री का इतिहास

क्रिसमस के पेड़ यानी सदाबहार के पेड़ का बहुत महत्व है। जीवन के प्रतीक के रूप में सदाबहार के पेड़ों को मिस्त्र और रोम में घरों में रखना काफी शुभ माना जाता रहा है। ईसा मसीह के जन्म से पहले इन पेड़ों का अस्तित्व रहा है।

कहते हैं कि 16वीं शताब्दी के ईसाई धर्म के सुधारक मार्टिन लूथर ने 24 दिसंबर की शाम को एक बर्फीले जंगल से जाने के क्रम में सदाबहार के पेड़ को देखा। पेड़ की डालियां चांद की रोशनी से चमक रही थी और मार्टिन लूथर ने घर आकर एक सदाबहार का पेड़ लगाया। पेड़ को छोटे- छोटे कैंडल से सजाया। जिसके बाद उन्होंने जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के सम्मान में भी सदाबहार के पेड़ को सजाया।और इस पेड़ को कैंडल की रोशनी से प्रकाशित किया। इस पेड़ को पहली बार 18 वीं सदी में अमेरिका में एक व्यवसायी ने बेचा था उसके बाद पूरी दुनिया में क्रिसमस पर इस पेड़ की डिमांड बढ़ गई।

यह भी मान्यता है कि जब ईसा मसीह का जन्म हुआ था, तब सर्दियों का मौसम था और दुनिया भर के पेड़ों ने चमत्कारिक रूप से इसकी बर्फ को हटा कर उसे हरे रंग की नई शूटिंग का उत्पादन किया था और तभी से क्रिसमस के पेड़ का रिवाज शुरू हुआ है।




\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story