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Sahastradhara Kyu Prasidh: सहस्त्रधारा क्यों प्रसिद्ध है?, जानिए इससे जुड़ी आस्था और चमत्कार

Sahastradhara Kyu Prasidh सहस्त्रधारा क्यों प्रसिद्ध है? साधारण नहीं है ये सहस्त्रधारा, जानिए कैसे और कब हुई इसकी उत्पति, क्यों आते हैं यहां लोग

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 27 Nov 2023 7:45 AM IST (Updated on: 27 Nov 2023 7:38 PM IST)
Sahastradhara Kyu Prasidh: सहस्त्रधारा क्यों प्रसिद्ध है?, जानिए इससे जुड़ी आस्था और चमत्कार
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Sahastradhara Kyu Prasidh: सहस्त्रधारा क्यों प्रसिद्ध है?- घुमने फिरने का हर कोई शौकीन होता है। कोई एंज्वॉमेंट के लिए घूमता है तो कई अध्यात्म की खोज में जाता है। अगर आप भी कुछ इस तरह की जगह की तलाश में है तो आप देहरादून की इस जगह जा सकते हैं।इसे सहस्त्रधारा कहते है। यहा हर बीमारी का इलाज और परम शांति है।

सहस्त्रधारा, जिसका शाब्दिक अर्थ हजार धाराएँ।'Thousand Fold Spring') है, बाल्दी नदी पर देहरादून से 16 किमी. की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। सहस्त्रधारा प्राकृतिक सल्फर वाटर स्प्रिंग है, जिसमें विविध प्रकार के औषधीय गुण हैं, जैसे- इसके जल के उपयोग से त्वचा रोगों का तथा उदरीय विकारों का उपचार संभव है।नर्मदा नदी यहाँ एक चट्टानी खंड पर बहती है और इसलिए मुख्य प्रवाह कई धाराओं में टूट जाता है। जलधाराओं पर सूरज की रोशनी पड़ने से यह एक चांदी जैसी और चमचमाती नदी बनाती है।

सहस्त्रधारा में हजार बीमारियों का रामबाण चमत्कार

जी हां, सहस्त्रधारा देहरादून से लगभग 18 किमी दूर है, इसमें नहाना शुभ माना जाता है। धर्मानुसार सहस्त्रधारा में नहाने को शुभ है। इसके पानी में कई औषधीय गुण पाये जाते हैं। इससे कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इसमें स्नान करने से मांसपेशियों में दर्द, खराब ब्लड फ्लो, मुंहासे जैसी समस्या दूर हो जाती है। इतना ही नहीं इस पानी के स्नान से गठिया जैसी बीमारी भी दूर हो जाती है। इस जगह पर चूना पत्थर के स्टैलेक्टाइट्स से पानी टपकता है. इससे यह सल्फर स्प्रिंग्स में बदल जाता है। लोग काफी दूर-दूर से यहां स्नान के लिए पहुंचते हैं.सहस्त्रधारा को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं भी हैं।

बता दें कि इस स्थल पर तीन प्राचीन गुफाएं भी हैं।इसको लेकर स्थानीय लोग कई पौराणिक कथाएं भी बताते हैं,लोगों के अनुसार, यहां मान्यता है कि हजारों साल पहले गुरु द्रोणाचार्य ने यहां पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए तप किया था। इस दौरान उन्होंने तीन बाण चलाए, कहा जाता है कि पहले ही बाण के चलने पर सहस्त्रधारा उत्पन्न हुई थी।

सहस्त्रधारा एक खूबसूरत और लोकप्रिय स्थान जो उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 16 किलोमीटर की दुरी पर राजपुर गांव के पास जंगलों के बीच स्थित है। यहाँ स्थित, पहाड़ों से गिरने वाली धाराओं के सेकड़ों समूहों की वजह से इस स्थान को सहस्त्रधारा के नाम से जाना जाता है। यह स्थान रोमांच, आध्यात्म और सुंदरता से भरपूर है। पर्यटक आकर्षण के इस केंद्र में, हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग यहाँ आते हैं। पहाड़ी के अन्दर प्राकृतिक रूप से तराशी हुई कई छोटी छोटी ग़ुफाएँ हैं जो बाहर से तो स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती किंतु इनमें जब प्रवेश करते हैं तो उनकी छत से अविरल रिमझिम बारिश की बौछारों की तरह पानी टपकता रहता है।


द्रोणाचार्य ने किया था तपस्या

यहां गुफा और एक प्राचीन शिव मंदिर भी है। कहते हैं कि गुरू द्रोणाचार्य ने यहां पर तपस्या की थी। गर्मी से परेशान होकर उन्होने भगवान शिव से एक आशीर्वाद प्राप्त किया, कि यहां हमेशा पानी टपकता रहे, और तब से लगातार पानी टपक रहा है। गुफा के भीतर भी गंधक युक्त पानी रिमझिम फुहारों की रूप में गुफा की छत से टपकता रहता है। यहां स्थित गंधक झरना त्वचा सम्बंधित बीमारियों की चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध है।

खाने-पीने और अन्य तरह की चीजें उपलब्ध कराती कुछ दुकानों के होने से, यह जगह पिकनिक के लिहाज से बेहद उपयुक्त है। यहाँ कुछ हस्तकला की चीजों की दुकानें भी है। यहां पर एक बौद्ध मंदिर भी है।

यहाँ से कुछ उचाई लगभग तीन हजार की उचाई पर स्थित एक अन्य आकर्षण का स्थान मणिदीप है, जहाँ तक पहुचने के लिए आप रोपवे द्वारा जा सकते हैं, ये आप के सहस्त्रधारा यात्रा को और निश्चित ही और भी यादगार बना देगा।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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