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देवशयनी एकादशी 2021 : जुलाई में कब है Devshayani Ekadashi , जानिए इस दिन के शुभ मुहूर्त और शुभ योग

देवशयनी या हरिशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु 4 माह के लिए शयन करते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दौरान श्रीहरि राजा बलि के यहां विश्राम की मुद्रा में रहते हैं। मां लक्ष्मी उनकी सेवा मे लगी रहती है और भगवान शिव इस समय सृष्टि के संचालन का काम देखते हैं। शयनी एकादशी के दिन से ही चतुर्मास के आरंभ के साथ सारे शुभ काम बंद हो जाते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 4 Jun 2021 9:18 AM GMT
देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
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सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)

(Devshayani Ekadashi Kab Hai 2021)

आषाढ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस दिन से सृष्टि के पालनहार का निद्रा काल शुरू हो जाता है। वैसे तो सारी एकादशियों का अपना महत्व है, लेकिन देवशयनी एकादशी के दिन व्रत और पूजा से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। इस साल 2021 में देवशयनी या हरिशयनी एकादशी 20 जुलाई को पड़ेगी।

देवशयनी एकादशी के दिन से ही भगवान विष्णु के निद्राकाल के साथ चतुर्मास शुरू हो जाता है। इस दिन से सारे शुभ काम वर्जित रहते हैं। शादी, मुंडन गृह प्रवेश और सोलह संस्कारों में से कुछ शुभ काम बंद हो जाते है। चतुर्मास की अवधि आषाढ़ के एकादशी से कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी तक रहता है।

देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

  • देव शयनी एकादशी वार - मंगलवार ,20 जुलाई 2021
  • एकादशी तिथि शुरू - 09:59 PM, 19 जुलाई
  • एकादशी तिथि समाप्त - 7:17 PM, 20 जुलाई
  • पारणा का समय: 05.17 AM से 09.15 AM तक

शुभ काल

  • अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM से 12:59 PM
  • अमृत काल - 10:58 AM से 2:26 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:20 AM से 05:08 AM
  • रवि योग- 05:19 AM से 08:33 PM

हरिशयनी एकादशी के दिन श्रीविष्णु को नये वस्त्र और नये बिस्तर पर सुलाया जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु भक्तों से प्रसन्न होते हैं और उन्‍हें मनचाहा आर्शीवाद देते हैं।

मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु निद्रा काल से पहले सारा कार्यभार भगवान शिव को सौंप कर चतुर्मास के लिए राजा बलि के यहां निद्रा शयन में जाते हैं। इसी चतुर्मास के दौरान सावन का पवित्र मास लगता है। इस दौरान शिव पूजन और उनकी महिमा का बखान करना अतिउत्तम होता है।


Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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