जानिए दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त, इन उपायों से होगी धन-धान्य की वृ्द्धि

देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। दिवाली पर पूजा का खास महत्व होता है। इस दिन कार्तिक मास की अमावस्या को महानिशा काल में और स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है।

Shreya
Published on: 27 Oct 2019 4:18 AM GMT
जानिए दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त, इन उपायों से होगी धन-धान्य की वृ्द्धि
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जानिए दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त, इन उपायों से होगी धन-धान्य की वृ्द्धि

देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। दिवाली पर पूजा का खास महत्व होता है। इस दिन कार्तिक मास की अमावस्या को महानिशा काल में और स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से पूरे साल धन-धान्य की वृद्धि होती है। ऐसे में अगर आप पूजा के समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखते हैं तो आपकी किस्मत चमक सकता है।

इस तरह करें लक्ष्मी-गणेश की पूजा-

सबसे पहले अपने घर की उत्तर या पूर्व दिशा को (पूजास्थल) को साफ करके स्थिर लग्न में एक लकड़ी के पटरी पर सवा मीटर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और कुबेर आदि देवताओं की स्थापना करें।

सभी देवी देवताओं को रोली, चावल, धूप,दीप मोली, सफेद मिष्ठान्न अर्पण करें। भगवान गणेश को 27 हरी दूर्वा की पत्तियां और देवी लक्ष्मी को कमल का पुष्प चढ़ाएं।

आप स्वयं स्थिर लग्न में लाल आसन पर बैठकर और अपने दाएं हाथ में जल लेकर देवी लक्ष्मी से अपने घर में सदैव रहने की प्रार्थना करें।

साथ ही कमलगट्टे की माला को लेकर ॐ गं गणपतये नमः, ॐ ह्रीं श्रीं महालक्ष्मये नमः और ॐ कुबेराय नमः मन्त्र का 108 बार जाप करें।

जाप के बाद भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और सभी देवताओं को सफेद मिठाई, फल और साबूदाने की खीर का भोग लगाएं। फिर उसको परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद के रुप में दें।

इस उपाय से होगी मां लक्ष्मी की कृपा-

दिवावी की पूजा करने से पहले सभी पूजा सामग्री को पूजास्थल पर एक जगह इकट्ठा कर लें।

पूजा करने से करीब 15 मिनट पहले किसी जरुरतमंद सुहागन महिला को घर पर बुलाकर लाल साड़ी या सवा मीटर लाल कपड़ा और सुहाग की समस्त सामग्री और सफेद मिठाई अवश्य दें।

दिवाली की पूजा शुरु करने से पहले घर के सभी कमरों को रोशन कर दीजिए और घर के सभी दरवाजे और खिड़कियों को खोल दें, साथ ही घर में गुलाब की सुगन्ध करें।

तिजोरी में रखें इस दिव्य पोटली को-

सबसे पहले एक चकोर रेशमी पीला रुमाल लें और 27 कमलगट्टे, 11 पीली कोड़िया/शुद्ध गुलाब का इत्र और लाल चंदन का टुकड़ा लें।

स्थिर लग्न में अपने घर की उत्तर दिशा में लाल आसन पर बैठें।

भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और उन्हें लाल गुलाब के फूल चढाएं।

फिर ॐ श्रीं श्रियै नमः मंत्र का 108 बार जाप करें और मां लक्ष्मी से अपने घर में सदैव रहने के लिए प्रार्थना करें।

देवी लक्ष्मी से अपने मन की प्रार्थना और ये समस्त सामग्री पीले रुमाल में रखकर कलावे की मदद से बांध दें और इसे घर की तिजोरी में रख दें।

इस उपायों से होगी व्यापार-नौकरी में तरक्की-

स्थिर लग्न में या महानिशा काल में अपने घर की उत्तर या पूर्व दिशा में देवी लक्ष्मी के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और लाल आसन पर बैठकर भगवान गणेश जी का ध्यान करें और भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप करें।

शुद्ध चांदी के बर्तन या किसी भी बर्तन में साबूदाने की खीर या सफेद मिठाई रखें और उन्हें लाल गुलाब के फूल और कमल के फूल चढ़ाएं।

आसन पर बैठकर उच्च स्वर में श्री सूक्त का जाप करें। जाप करने के बाद माता लक्ष्मी को खीर या मिठाई का भोग लगाएं और इसे छोटी कन्या और सुहागन स्त्री को दें।

पूजा का मुहूर्त-

व्यापारी वर्ग पूजा का समय दोपहर 2:17 से 3:41 तक

शाम की पूजा का समय 6:45 से 8:36 तक

महानिशाकाल रात 1:14 से 3:27 तक

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