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Diwali 2022 Date and Time: ज्योतिषाचार्यो के अनुसार मंगलवार 25 तारीख को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो जा रही है और 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी।
Diwali 2022 Date and Time: हिंदू धर्म में दिवाली (दीपावली) सबसे बड़ा और विशेष त्योहार माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हालाँकि हर महीने कोई ना कोई पर्व-त्योहार और व्रत पड़ते ही रहते हैं। लेकिन दीपों का पर्व दीपावली बेहद उल्लास और खास माना जाता है। बता दें कि कार्तिक मास की अमावस्या (Kartik Amavasya 2022) तिथि को दीवाली का पर्व मनाया जाता है।
पैराणिक धार्मिक मान्यतााओं के अनुसार जब श्री राम लंका नरेश रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे तो उस समय समस्त अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर श्रीराम का स्वागत किया था। जिस दिन से प्रतिवर्ष दीपावली का त्यौहार मनाया जाने लगा। उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म में दीवाली का त्योहार प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे अंधकार पर प्रकाश के विजय का पर्व भी कहा जाता है। इतना ही नहीं इस पर्व को नएपन और उल्लास के रूप में भी मनाया जाता है।
इस दिन सभी की खासकर कोशिश रहती है की वह इस पर्व को अपने परिवार के लोगों के साथ अपने घर में ही मनाए। इसलिए यह बेहद जरुरी है कि ट्रेन, बस आदि का रिजर्वेशन कराने के लिए आप पहले से ही आप जान लें कि दीपावली का पर्व कब है?
जानें कब है दीपावली (Kab Hai Diwali 2022)
आपको बता दें कि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ही दीपावली पर्व परंपरा अनुसार मनाया जाता है। इस साल अमावस्या तिथि सोमवार 24 अक्टूबर और मंगलवार 25 अक्टूबर को है। लेकिन, बता दें कि ज्योतिषाचार्यो के अनुसार मंगलवार 25 तारीख को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो जा रही है और 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी। ऐसे में उसी दिन निशित काल में भी अमावस्या तिथि रहेगी। इसलिए सोमवार 24 अक्टूबर को ही सर्वमान्य रूप से पूरे देश में दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिष विधि विधान के अनुसार, संजोग कुछ ऐसा बना है कि नरक चतुर्दशी जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है वो भी इसी दिन मनाई जायेगी।
दीपावली पर तिथि पर बन रहा है विशेष संयोग
ज्योतिषये गणना के मुताबिक़ रविवार 24 अक्टूबर के दिन त्रयोदशी तिथि शाम 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। इसके अलावा सोमवार 24 तारीख को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी और अमावस्या तिथि आरंभ होगी। गौरतलब है कि अमावस्या तिथि मंगलवार 25 तारीख को शाम 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी।
दीपावली का विशेष है महत्व
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दीपावली का भी धामिर्क रूप से काफी विशेष महत्त्व है। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री राम ने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की थी और इसी शुभ दिन वह 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे। इसलिए भगवान राम के वापस आने के खुशी में प्रकाश का पर्व दीपावली का त्यौहार बड़े -धाम के साथ मनाया जाता है । मान्यताओं के मुताबिक़ जब भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता अयोध्या आए थे तो उनके स्वागत लोगों ने दीप जलाकर किया था। गौरतलब है कि दीपावली का त्यौहार अपनों से मिलन का त्योहार है आमतौर पर सभी लोग इस दिन एक दूसरे के घर जाते हैं और उन्हें मिठाई बांटते और खिलाते हैं।