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Diwali Puja Muhurat 2024: दिवाली की पूजा शुभ मुहूर्त करें,इस दिन किये इस मंत्र और उपाय से बने धनवान, जानिए क्या
Diwali Puja Muhurat 2024 : दिवाली की रात किस शुभ मुहूर्त में पूजा की जाएँगी, इस क्या करें कि समृद्धि बढे, इसके लिए जानते हैं दिवाली उपाय और मंत्र
Diwali mantra hindi: दिवाली हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को देशभर में त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है, इसलिए दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी, रंगोली और दीयों से सजाते हैं। दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत और भगवान राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
दिवाली पर ऐसे करें दोष दूर
दिवाली के शुभ अवसर पर सभी लगो ऐसी चीजे खर कोई ऐसी ही चीजे खरीदता है जिससे घर में खुशहाली आए।. क्या आप पता है कि दिवाली के शुभ अवसर पर झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। दिवाली के दिन बहुत लोग झाड़ू खरीद कर उसकी पूजा करते हैं और अगले दिन इसे इस्तेमाल भी करते है। झाड़ू की पूजा करने से घर के सारे दोष दूर होते हैं। जानिए झाड़ू से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी जिसे शायद आप नहीं जानते होंगे…
हमेशा याद रखें कि झाड़ू को कभी पूजा घर, भंडार ग्रह और बेडरुम में न रखें। क्योंकि बेडरुम में झाड़ू रखने से वैवाहिक जीवन में अनबन शुरू हो जाती है। कभी भी झाड़ू को पैर से लांघना नहीं चाहिए. झाड़ू को कभी जलाना नहीं चाहिए इससे मां लक्ष्मी का अपमानित होती हैं। झाड़ू को कभी खड़ा करके नहीं रखना चाहिए. बहुत समय से इस्तेमाल हो रही झाड़ू को घर में नहीं रखना चाहिए।. इसकी जगह पर आपको नई झाड़ू लानी चाहिए।ऐसा माना जाता है कि कि झाडू को खुला करके रखना अपशगुन माना जाता है। मेन गेट पर झाड़ू कभी दिखनी नहीं चाहिए। अगर घर में झाड़ू का इस्तेमाल न हो तो उसे नजर के सामने नहीं रखना चाहिए। दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में झाड़ू दान करनी चाहिए। इसके अलावा अगर नए घर में अगर ग्रहप्रवेश करना हो तो घर में झाड़ू लेकर ही प्रवेश करें। अगर झाड़ू काफी पुरानी हो जाए तो शनिवार के दिन ही पुरानी झाड़ू बदलनी चाहिए. इसके अलावा शनिवार को घर में साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।
दिवाली पर इन मंत्रों का करें जाप
ॐ लक्ष्मी नमः” यह मंत्र देवी लक्ष्मी को समर्पित है, देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” धन प्राप्ति के लिए यह मंत्र बहुत प्रभावशाली माना जाता है
दिवाली भगवान राम की अयोध्या वापसी और रावण पर भगवान राम की जीत का त्योहार भी है. जब भगवान राम रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद अपनी नगरी अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत और जश्न मनाने के लिए पूरे शहर को दीपक जलाकर सजाया था. यह त्यौहार हमें सिखाता है कि अंधेरा हमेशा अस्थायी होता है और प्रकाश हमेशा विजयी होता है। दिवाली का त्यौहार हमें ज्ञान का प्रकाश प्राप्त करने का संदेश भी देता है. यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें ज्ञान के प्रकाश में अपने अंदर के अंधकार रूपी बुराइयों को खत्म करना चाहिए. दिवाली परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाई जाती है। इसलिए यह त्योहार हमें अपनों के साथ समय बिताने और उनके साथ प्यार और खुशियां बांटने का भी संदेश देता है।
कब है दिवाली?
31 अक्टूबर को अमावस्या रहेगा। जब सूर्य तुला राशि में नीच राशि में होता है और चंद्रमा वृश्चिक राशि में होता है यानी उसके बहुत करीब होता है।फिर इन दोनों ग्रहों की कमजोर स्थिति के कारण दिवाली की रात बहुत अंधेरी रात होती है। इसलिए इस दिन सभी लोग मिलकर इस अंधेरी रात में दीपक जलाकर दीपोत्सव यानी दिवाली का त्योहार मनाते हैं। सूर्य और चंद्रमा की सबसे कमजोर स्थिति यह दर्शाती है कि 1 नवंबर को अंधेरी रात होगी, इसलिए महादशा के अनुसार 1 नवंबर को दिवाली मनाना शुभ रहेगा।
हर साल कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है। इस बार अमावस्या तिथि 1 नवंबर, शुक्रवार को शाम 06 . 16 मिनट पर समाप्त होगी। जबकि, अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर, गुरुवार को दोपहर 03 .52 मिनट पर होगी।दिवाली रात का त्योहार माना जाता है और लक्ष्मी पूजा भी सूर्यास्त के बाद और चंद्रमा होने तक होती है। इस लिहाज से पंडित सुरेश पांडेय के अनुसार 1 नवंबर 2024 को दिवाली मनाई जाएगी।
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05 .12 मिनट से 07 . 43 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा। लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 05 .12 मिनट से 10 .30 मिनट तक रहेगा। भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा आप 31 अक्टूबर को रात 10:30 बजे तक कर सकते हैं।