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आटे का उपाय बदल सकता है किस्मत

raghvendra
Published on: 1 Sept 2018 2:01 PM IST
आटे का उपाय बदल सकता है किस्मत
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कई बार ऐसा होता है कि आमदनी के अच्छे और कई स्रोत होने के बावजूद वहां धन से जुड़ी परेशानियां लगी ही रहती हैं। अक्सर ऐसे घरों में किसी न किसी प्रकार का अनायास खर्च आता रहता है या अचानक कोई ऐसी ऐसी विपदा आती है कि जमा किया धन उसमें खर्च हो जाता है।

ये कुछ ऐसी परेशानियां हैं जिसे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ‘धन का ना रुकना’ बताया गया है। यानी धन आता तो है लेकिन वह बेकार की जगहों पर खर्च हो जाता है। इसके विपरीत कुछ परिवार ऐसे भी हैं जहां एक आमदनी का स्रोत आते ही दूसरा रुक जाता है और इन्हें हमेशा धनाभाव की स्थितियां झेलनी पड़ती हैं। ऐसे में कुछ ज्योतिषीय उपाय आपके काम के हो सकते हैं।

चक्की आटे का उपाय

शनिवार को चक्की में आटा पिसवाएं और पिसवाने से पहले इसमें 100 ग्राम काले चने, 100 ग्राम तुलसी, 2 दाने केसर के डाल दें। इसके अलावा कोशिश करें कि चक्की का पिसवाया हुआ आटा ही घर के सभी सदस्य इस्तेमाल करें और इसे शनिवार को ही पिसवाएं। इस उपाय से बहुत जल्दी ही आर्थिक तंगी दूर होगी और पैसे के नए स्रोत खुलेंगे। इसके अलावा इससे सदस्यों के बीच कलह और मनमुटाव की स्थिति भी खत्म होती है और घर में खुशहाली आती है।

गेहूं के आटे में हल्दी

गेहूं के आटे में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर बृहस्पतिवार को गाय को खिलाएं। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होकर जल्द ही धन का आगमन होगा। अगर घर में पैसा नहीं रुकता तो इससे वह भी ठीक हो जाएगा। इसके अलावा रोजाना चींटियों को आटा देना भी लाभकारी होता है।

काले कुत्ते को रोटी खिलाना

शनिवार को काले कुत्ते को सरसों तेल लगी रोटी खिलाना न सिर्फ शनि से संबंधित परेशानियों से मुक्त करता है, बल्कि यह ऋण मुक्त भी करता है। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होती है।

तुलसी के नीचे दीपक जलाना

रोजाना सुबह-शाम घर में तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाने से हर मनोकामना पूरी होती है और आर्थिक समस्याएं भी दूर होती हैं। मान्यता है कि इससे लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

पीपल के नीचे दीपक जलाना

शनिवार की सुबह पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने से धन संबंधी परेशानियां खत्म होती हैं। ध्यान रहे कि दीपक आटे या मिट्टी का ही हो।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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