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Ek Shloki Ramayan: इस एक श्लोक में समाहित है संपूर्ण रामायण, जानिए कैसे और कितना माला करें जाप मिलेगा अप्रत्याशित लाभ

Ek Shloki Ramayan: एक श्लोकी रामायण का पाठ रोज करने राम जी कृपा बरसती है, जानिए क्या है संपूर्ण रामायण का एकश्लोकी रामायण

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 24 Jan 2024 9:30 AM IST (Updated on: 24 Jan 2024 9:30 AM IST)
Ek Shloki Ramayan: इस एक श्लोक में समाहित है संपूर्ण रामायण, जानिए कैसे और कितना माला करें जाप मिलेगा अप्रत्याशित लाभ
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Ek Shloki Ramayan: भगवान श्रीराम से बारे में महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण को सबसे सटीक माना गया है। वहीं गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस वर्तमान में सबसे ज्यादा प्रचलित है। इन दोनों के ही पाठ करने से पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान श्रीराम को मर्यादापुरुषोत्‍तम कहा गया है । इसके पीछे कारण है उनका पावन रूप में होकर ऐसे कार्य करना जो किसी भी मनुष्‍य के लिए आसान नहीं । तमाम परेशानियों के बाद भी उन्‍होने मर्यादा का साथ नहीं छोड़ा ।

अपने पिता के वचन का पालन करने के लिए वनवास जाना, माता कैकयी के अत्‍याचार के बाद भी उन्‍हें पूरा सम्‍मान, सीता के प्रति उनका अगाध प्रेम, अपने अनुजों के लिए लगाव, प्रजा के राजाराम । इतना सुंदर चरित्र चित्रण लेकिन क्‍या आज की जीवनशैली में इनसे संबंधित ज्ञान पाने के लिए समय निकाल पाना आसान है ।

रामायण में छिपे हैं राम

इस व्यस्त जीवन शैली में लोगों के पास इतना समय ही नहीं कि वो रामायण या रामचरित मानस का पाठ कर सकें। क्या आप जानते हैं पूरी रामायण का पाठ किए बिना भी आप इसका संपूर्ण फल नप्राप्‍त कर सकते हें । सिर्फ एक मंत्र का विधि विधान से जाप करने से संपूर्ण रामायण का फल मिल सकता है। इस मंत्र को एक श्लोकी रामायण कहते हैं। इस मंत्र के जाप से सभी तरह की परेशानियां खत्म हो सकती हैं।

मंत्र जाप की संपूर्ण विधि

नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीराम की पूजा करें। कुश के आसन पर बैठकर भगवान के चित्र के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर रोज 5 माला इस मंत्र का जाप करें। रोज नियत समय पर, एक ही आसन पर बैठकर और एक ही माला से मंत्र जाप किया जाए तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो सकता है। कहा जाता है नित्य नियम से इस एक श्लोकी रामायण का मंत्र जाप भी किया जा सकता है, वैसे 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए मगर संभव न हो तो इस एक श्लोकी रामायण का 7, 14 या 21 बार भी इसका पाठ किया जा सकता है।

एकश्लोकी मंत्र

आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।

वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीव संभाषणम्।।

बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।

पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

इसका अर्थ

एक बार श्रीराम वनवास में गए। वहां उन्होंने स्वर्ण मृग का पीछा किया और उसका वध किया। इसी दौरान उनकी पत्नी वैदेही (सीता जी) का रावण द्वारा हरण किया गया। उनकी रक्षा करते हुए पक्षीराज जटायु ने अपने प्राण गवाएं। श्रीराम की मित्रता सुग्रीव से हुई। उन्होंने उसके दुष्ट भाई बालि का वध किया। समुद्र पर पुल बनाकर पार किया। लंकापुरी का दहन हुआ। इसके पश्चात् रावण और कुम्भकरण का वध हुआ। यही पूरी रामायण की संक्षिप्त कहानी है।

एकश्लोकी रामायण का लाभ

रामायण का नित्य पाठ करना संभव नहीं है, इसलिए आज हम आपको एक श्लोक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पाठ करने से आपको संपूर्ण रामायण पाठ करने के समान ही फल मिलेगा। इस श्लोक को एक श्लोकी रामायण भी कहा जाता है।

आप नित्य नियम से एक श्लोकी रामायण का मंत्र जाप भी कर सकते हैं। 108 बार इस मंत्र का जाप करें।

अगर 108 बार संभव नहीं हो तो इस एक श्लोकी रामायण का 7, 14 या 21 बार पाठ करें।

रामायण के पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता का प्रवेश होता है और नकारात्मकता दूर हो जाती है।

रामायण के पाठ से आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।

बड़े से बड़ा संकट भी रामायण के पाठ करने से दूर हो जाता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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