Shyam Rang: श्याम सुन्दर के श्याम रंग से सम्बन्धित भाव

Shyam Rang: दिन रात कृष्ण चर्चा में लगी हुई गोपियों में से एक दिन एक गोपी ने पूछा, नन्दबाबा गोरे , यशोदाजी गोरी, दाऊजी भी गोरे, घर भर में सभी गोरे हैं...! पर हमारे श्यामसुन्दर ही सांवरे कैसे हो गए...?

Kanchan Singh
Published on: 4 Aug 2024 1:39 PM GMT (Updated on: 4 Aug 2024 1:39 PM GMT)
Shyam Rang
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Shyam Rang: एक बार निकुंजलीला में श्री राधाजी ने कहा.श्यामसुन्दर आप सुन्दर तो हैंकिन्तु काले क्यों हैं...? कृष्ण ने कहा, राधे मैं तो तेरी शोभा बढ़ाने के लिए ही काला होकर आया हूँ...! गोपिंयां सब जगह कृष्ण का दर्शन करती हैं। उनके नेत्रों और ह्रदय में कृष्ण ही बसे हैं। सांवलिया मन भायो रे सोहनी सूरत मोहनी मूरत ह्रदय बीच समाया रे.!

देश में ढूंढ़ा विदेश में ढूंढा। अंत को अंत न पाया रे.। दिन रात कृष्ण चर्चा में लगी हुई गोपियों में से एक दिन एक गोपी ने पूछा, नन्दबाबा गोरे , यशोदाजी गोरी, दाऊजी भी गोरे, घर भर में सभी गोरे हैं...! पर हमारे श्यामसुन्दर ही सांवरे कैसे हो गए...?

इस पर दूसरी गोपी ने उत्तर दिया-बहिन । क्या तू इतना भी नहीं जानती सुन, कज़रारी आँखियन में बस्यो रहत दिन रेन....! कितना अद्भुत कृष्ण प्रेम है गोपी का । गोपी की कजरारी आँखों में केवल कृष्ण ही बसते हैं...! जगत में उसकी आँखें किसी और को देखती ही नहीं । इसलिए गोपियों की आँखों में लगे काजल से उनके प्रियतम श्यामसुन्दर सांवले हो गए हैं।

( लेखिका प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं ।)

Shalini singh

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