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सगाई की अंगूठी Engagement Ring significance :सगाई दो दिलों का बंधन,क्यों पहनाते हैं इस उंगली में सगाई की अंगूठी
Engagement Ring significance : मारे हाथ की हर उंगली एक संबंध को दर्शाती है और हाथ तीसरी उंगली यानी अनामिका पार्टनर के लिए होती है। इसी क्रम में अंगूठा माता-पिता के लिए, तर्जनी भाई-बहनों के लिए, मध्यमा खुद के लिए और कनिष्ठा बच्चों के लिए होती है। जानते हैं क्यों पहनी जाती है
Engagement Ring :
सगाई की अंगूठी
जीवन में शादी और सगाई की रस्म बहुत रोमांचक होती है। कुछ लोगों के लिए ये एक ख़ूबसूरत एहसास सपनों की तरह होता है जिसके सपने वो बचपन से देखते हैं और इन रस्मों का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं कि कब उनकी शादी होगी, कब उनकी सगाई होगी, कब वो भी इन सारी रस्मों को निभाएंगी। शादी और सगाई की रस्में ऐसी हैं बचपन से हर कोई देखता है और उनके प्रति आकर्षित रहता है।
शादी से पहले सगाई की रस्म में होती है। इस रस्म हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी को प्यार की निशानी के तौर पहना जाता है। एक ऐसा वादा जो दो लोग एक-दूसरे से करते हैं। एक बंधन जिसे वो उम्रभर निभाने की कसम खाते हैं। पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि सगाई की अंगूठी हाथ की तीसरी उंगली (अनामिका) में ही क्यों पहनी जाती है? ऐसा कहा जाता है कि तीसरी उंगली सीधे दिल तक पहुंचती है इसलिए अंगूठी उसी में पहनते और पहनाते हैं। लेकिन इसके अलावा इसके पीछे और भी वजह हैं।
सगाई की अंगूठी प्यार की निशानी होती है। इस अंगूठी के साथ एक ऐसा वादा जुड़ा है, जिसे दो लोग जीवन भर निभाने की कसम खाते हैं। वैसे तो भारतीय संस्कृति के हिसाब से शादियों की हर रस्म अपने आप में खासम-खास होती है, लेकिन बेहद कम लोगों इस बात को जानते होंगे कि आपकी सगाई की अंगूठी ही आपके वैवाहिक जीवन के बारे में सबकुछ जानती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि वो कैसे, अंगूठी सोने-हीरे या फिर किसी भी धातु की ही क्यों न बनी हो, लेकिन हर अंगूठी रिश्ते के बारे में कुछ न कुछ जरुर बताती है। मगर उससे पहले ये जानना जरुरी है कि आखिरकार सगाई की अंगूठी में ऐसी क्या बात हैं जिसे हाथ की तीसरी उंगली यानि अनामिका में ही पहनाया जाता हैं।
सगाई की अंगूठी (इंगेजमेंट रिंग ) की मान्यता
अंगूठी हाथ की तीसरी उंगली में ही पहनाई जाती है, क्योंकि ये उंगली सीधे दिल तक पहुंचती है। मगर क्या वाकई ऐसा होता है? या फिर हो सकता है कि इसके पीछे कोई और कारण हो। हालांकि, इसको लेकर हर संस्कृति में अपनी-अपनी अलग मान्यताएं हैं। रोम की मान्यता के अनुसार, हाथ की तीसरी उंगली (अनामिका) से होकर एक नस सीधे दिल से जुड़ती है। इसी वजह से अंगूठी पहनने और पहनाने के लिए यही उंगली बेस्ट है, जबकि चीन की मान्यता कुछ और है। चीन का मानना है कि हमारे हाथ की हर उंगली एक संबंध को दर्शाती है और अनामिका पार्टनर के लिए होती है। ठीक ऐसे ही, अंगूठा माता-पिता के लिए, तर्जनी भाई-बहनों के लिए, मध्यमा खुद के लिए और कनिष्ठा बच्चों के लिए होती है।
हाथ की तीसरी उंगली में अंगूठी पहनाए जाने के पीछे रोम की एक मान्यता है। मान्यता काफी पुरानी है। रोम में ऐसा माना जाता है कि अनामिका से होकर एक नस सीधे दिल से जुड़ती है। इसी वजह से अंगूठी पहनने और पहनाने के लिए यही उंगली बेस्ट है। ये सबसे पुरानी और लोकप्रिय मान्यता है।
चीन में मान्यता है कि हमारे हाथ की हर उंगली एक संबंध को दर्शाती है और हाथ तीसरी उंगली यानी अनामिका पार्टनर के लिए होती है। इसी क्रम में अंगूठा माता-पिता के लिए, तर्जनी भाई-बहनों के लिए, मध्यमा खुद के लिए और कनिष्ठा बच्चों के लिए होती है।
सगाई के लिए अनामिका उंगली प्रेम का प्रतीक
अनामिका उंगली का संबंध जीवन के क्षेत्रों जैसे प्रसिद्धि, उत्तेजना, दिखावा जैसी भावनाओं से है। कहते हैं कि लड़कियों के बाएं हाथ की अनामिका उंगली का वैवाहिक जीवन में खास महत्व है। यह पति-पत्नी के बीच विश्वास एवं निष्ठा को दर्शाती है। अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाकर हम एक दूसरे के साथ रिश्ते को और मजबूत करते हैं। साथ ही, एक दूसरे के प्रति निष्ठावान एवं कमिटेड रहने का वादा करते हैं। लड़की को अंगूठी पहनाकर लड़का अपनी पत्नी एवं परिवार की जिम्मेदारी को निभाने की क्षमता को व्यक्त करता है। इस उंगलीमें अंगूठी पहनाने से एक दूसरे के प्रति आत्मसमर्पण की भावना जागृत होती है। यह उंगली प्यार एवं एक दूसरे के साथ ज़िन्दगी बिताने के विश्वास को भी दिखाती है। कहते हैं अनामिका उंगली में कोई भी धातु पहनने का एक कारण यह भी है कि इससे शरीर का सिस्टम स्थिर होता है। सोने की अंगूठी पहनने से उसकी रगड़ से महिलाओं के दिल पर अच्छा असर होता है और यह जीवन में जोश और उत्साह लाती है।अनामिका उंगली की नस का सीधा संबंध हमारे दिल से होता है। इसलिए इस उंगली में अंगूठी पहनकर भावी-पति पत्नी एक दूसरे के साथ दिल से जुड़ जाते हैं।
सगाई दो दिलों का बंधन
बात चाहें अनामिका उंगली की हो या दिल की। सबका मक़सद एक ही होता है। दो दिलों के बीच प्यार जगाना और प्यार के एहसास को और भी गहरा बनाना ताकि उनका रिश्ता दुनिया का सबसे प्यारा रिश्ता बने।
कहते हैं कि शादी की अंगूठी पहनना एक दूसरे के प्रति प्यार जाहिर करने का तरीका होता है। इस तरह कपल एक दूसरे को रोमांटिक तरीके से अपने प्यार का इजहार करते हैं। शादी वाले दिन एक दूसरे की उंगली में अंगूठी पहनाकर हम एक दूसरे के प्रति वफादार व प्रतिबद्ध रहने का प्रण लेते हैं।
वैसे एेसा को कोई नियम नहीं है कि आपको अपनी शादी की अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका में ही पहननी है। मध्य और उत्तरी यूरोप के कई सारे मैरिड कपल अपने दाएं हाथ की चौथी उंगली में भी शादी की अंगूठी पहनते हैं।