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Falgun Amavasya 2022: फाल्गुन अमावस्या पर बन रहा खास संयोग, स्नान-दान से खुलेगा मोक्ष का मार्ग, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

Falgun Amavasya 2022: हिंदू धर्म में फाल्गुन मास का अपना महत्व है। यह हिंदू पंचांग का आखिरी माह होता है। इस माह में किए गए धार्मिक कर्मों से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। वैसे तो इस माह की सारी तिथि खास होती है। महाशिवरात्रि,एकादशी, प्रदोष, अमावस्या और पूर्णिमा का अपना महत्व है। खासकर कृष्ण पक्ष की अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 2 March 2022 11:02 AM IST
Falgun Amavasya 2022
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Falgun Amavasya 2022:

फाल्गुन अमावस्या 2022- हिंदू धर्म में फाल्गुन मास का अपना महत्व है। यह हिंदू पंचांग का आखिरी माह होता है। इस माह में किए गए धार्मिक कर्मों से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। वैसे तो इस माह की सारी तिथि खास होती है। महाशिवरात्रि,एकादशी, प्रदोष, अमावस्या और पूर्णिमा का अपना महत्व है। खासकर कृष्ण पक्ष की अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितरों का श्राद्ध दान तर्पण करने से सुख समृद्धि के साथ वंशवृद्धि होती है।

कहा जाता है कि अमावस्या तिथि सुख, संपत्ति और सौभाग्य लेकर आती है। इस उपवास व्रत आदि कृत्य करने से जीवन में सुख और शांति आती है।

फाल्गुन अमावस्या मुहूर्त और शुभ योग

इस बार अमावस्या की तिथि इस तरह है।

  • अमावस्या आरम्भ- मंगलवार को देर रात 1 मार्च 2022 को 01:03 से
  • अमावस्या समाप्त- 2 मार्च 2022 को 23:07 तक है।

फाल्गुन अमावस्या तिथि प्रारंभ 1 मार्च दिन मंगलवार को देर रात 01:00 बजे से होगी और 2 मार्च को रात 11:04 बजे तक रहेगी। दो शुभ योग, शिव और सिद्ध भी इस दिन बन रहे हैं। इस दिन शिव योग 08:21 बजे सुबह तक रहेगा, उसके बाद सिद्ध योग 3 मार्च को सुबह 05:43 बजे तक रहेगा। ऐसी मान्यता है कि इन शुभ योग में किया गया प्रत्येक कार्य सफल होता है

फाल्गुन अमावस्या का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन अमावस्या पर पवित्र नदियों में देवी-देवताओं का निवास होता है, अतः इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान का विशेष महत्व है। यदि फाल्गुन अमावस्या सोमवार के दिन हो तो, इस दिन महाकुम्भ स्नान का योग भी बनता है, जो अनंत फलदायी होता है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

फाल्गुन अमावस्या की विधि

धर्मानुसार फाल्गुन अमावस्या के दिन किये जाने वाला व्रत फलदायी होते हैं। हर अमावस्या पर पितरों के तर्पण का भी विशेष महत्व है। इस दिन पितरों के लिए ये कार्य करने से उन्हें संतुष्टि मिलती है और वे अपने परिवार को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

● फाल्गुन अमावस्या के दिन नदी, तालाब, कुंड आदि में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और पितरों का तर्पण करें।

● अमावस्या के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक जलाएं और अपने पितरों को स्मरण करें। पीपल की सात परिक्रमा लगाएं। किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।

● अमावस्या के दिन रुद्र, अग्नि और ब्राह्मणों का पूजन करके उन्हें उड़द, दही और पूरी आदि का नैवेद्य अर्पण करें और स्वयं भी उन्हीं पदार्थों का एक बार सेवन करें।

● शिव या शनि मंदिर में जाकर गाय के कच्चे दूध, दही, शहद से शिवजी का अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पित करें।

● अमावस्या पर शनिदेव की पूजा करने से और शनि मंदिर में नीले पुष्ण अर्पित करने चाहिए। काले तिल, काले साबुत उड़द, कड़वा तेल, काजल और काला कपड़ा अर्पित करें।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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