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Falgun Mass 2023 Kab se Kab Tak Rahega: फाल्गुन मास 2023 कब से कब तक रहेगा, जानिए इस माह की खासियत और त्योहार

Falgun Mass 2023 Kab se Kab Tak Rahega: फाल्गुन के महीने को ऊर्जा और यौवन का मास मानते हैं। कहा जाता है कि फाल्गुन के महीने में वातावरण खुशनुमा हो जाता है और हर जगह नई उमंग छा जाती है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी फाल्गुन का महीना बहुत शुभ माना जाता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 31 Jan 2023 5:35 AM GMT
Falgun Mass 2023 Kab se Kab Tak Rahega: फाल्गुन मास 2023 कब से कब तक रहेगा, जानिए इस माह की खासियत और त्योहार
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Falgun Mass 2023 Kab se Kab Tak Rahega

फाल्गुन मास 2023 कब से कब तक रहेगा

फाल्गुन मास 2023 : हिंदू धर्म में साल का अंतिम 12वां महीना फाल्गुन (falgun month ) होता है। जो 6 फरवरी से शुरू होगा।यह मास परिवर्तन और रंगों से सराबोर हर्षोल्लास का मास है। फाल्गुन मास का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं है इसका मनोवैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक महत्व भी है। यह महीना हमें सीखाता है कि हमेशा सकारात्मक सोचें, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो। इस मास के व्रत, त्योहारों में भी यही भाव छिपा है। इस साल फाल्गुन का 6 फरवरी से शुरू हो रहा है। फाल्गुन के महीने को ऊर्जा और यौवन का मास मानते हैं। कहा जाता है कि फाल्गुन के महीने में वातावरण खुशनुमा हो जाता है और हर जगह नई उमंग छा जाती है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी फाल्गुन का महीना बहुत शुभ माना जाता है।

  • फाल्गुन मास 2023 प्रारंभ: - 6 फरवरी 2022, सोमवार,दोपहर 04:17 बजे
  • फाल्‍गुन मास 2023 समाप्त: - 07 मार्च 2023 को शाम 06:09 बजे मंगलवार

6 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है, जिसका समापन 7 मार्च को होगा। इस दौरान कई बड़े त्यौहार और तिथियां होगी और उन तिथि त्यौहारों पर देवी-देवता की आराधना की जाएगी। इस मास के प्रारंभ होते ही मौसम गर्म होने लगता है और सर्दी की विदाई होने लगती है। फाल्गुन मास में बसंत ऋतु का समय होता है इसलिए चारों और छटा निराली होती है।फाल्गुन मास महादेव का प्रिय त्यौहार महाशिवरात्रि आता है। इसके साथ ही रंगों का त्यौहार होली भी इसी महीने आता है। महाशिवरात्रि पर जहां शिव पूजा का विशेष विधान है ।

फाल्गुन मास की महिमा

  • फाल्गुन माह की ऐसी मान्यता है कि इस माह की विजया एकादशी की कथा भगवान राम से जुड़ी है। सीता हरण के बाद लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए जाते समय जब समुद्र बाधा बना। तब श्रीराम ने विजया एकादशी का व्रत कर सागर पार करने में सफलता पाई और युद्ध में विजयी हुए। इसलिए इस दिन भगवान वासुदेव की पूजा की जाती है।
  • इस माह की अंतिम तिथि को मनाए जाने वाला होली उत्सव का अत्यंत धार्मिक, सामाजिक, आध्यात्मिक महत्व है। यह आनंद, प्रेम, सद्भावना का पर्व है। यह भावनाओं के स्तर पर एक दूसरे के रंग में रंग जाने का अवसर है।
  • लिंगपुराण में होलिका उत्सव को फाल्गुनिका के नाम से जाना जाता है। जिसे बालकों की क्रीड़ाओं से पूर्ण और सुख समृद्धि देने वाला बताया गया है। वराहपुराण में भी इस उत्सव को पटवास विलासीनी अर्थात् चूर्णयुक्त खेल और लोक कल्याण करने वाली बताया गया है।
  • फाल्गुन माह और इसके पर्व, उत्सव का सामूहिक संदेश यही है कि जीवन में कर्मठता और सही दिशा को चुनें। हम आशा और आकांक्षा पैदा करें। हमारे अंदर आगे बढऩे और ऊपर उठने की जो भावना है, उसे मरने न दें।
  • इस माह ईश्वर की आराधना के साथ जरूरत मंदों को दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस माह में फल -फूल, तेल तिल गुड़ , घी का दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

फाल्गुन मास की पूर्णिमा को महर्षि अत्रि और देवी अनुसूया से चंद्रमा की उत्पत्ति हुई थी। इस कारण इस दिन चंद्रमा की विशेष आराधना कर चंद्रमा से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है। मान्यता है कि चंद्रमा का जन्म भी फाल्गुन मास में ही हुआ है। इस माह चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है।यह माह जीवन की नई शुरुआत का माह है। पौराणिक मान्यता अनुसार इसी दिन से सृष्टि का प्रारंभ माना गया है। फाल्गुन मास में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि नाम से पुकारा जाता है। इस माह गंगा स्नान का लाभ अवश्य उठाएं। इस माह भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करें। अधिक से अधिक फल खाएं।संतान की इच्छा रखने वालों को इस माह बाल कृष्ण की आराधना करनी चाहिए। सुख-समृद्धि के लिए राधा-कृष्ण और ज्ञान की इच्छा रखने वालों को जगदगुरु कृष्ण की उपासना करनी चाहिए। इस माह नियमित रूप से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।


  • 1 फरवरी बुधवार जया एकादशी
  • 2 फरवरी गुरुवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
  • 5 फरवरी रविवार माघ पूर्णिमा व्रत
  • 9 फरवरी गुरुवार संकष्टी चतुर्थी
  • 13 फरवरी सोमवार कुम्भ संक्रांति
  • 16 फरवरी गुरुवार विजया एकादशी
  • 18 फरवरी शनिवार महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि
  • 20 फरवरी सोमवार फाल्गुन अमावस्या

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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