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Falgun Purnima2023 Ka date: फाल्गुन पूर्णिमा को लेकर कन्फ्यूजन करें दूर, इस दिन उपवास से होगा हर दुख का नाश,बरसेगी लक्ष्मी की कृपा

Falgun Purnima 2023 Ka date : कुंडली दोष को दूर करने के लिए फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्र के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन मां लक्ष्मी का उदय हुआ था तो धर्मानुसार इस दिन का खास महत्व है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 1 March 2023 6:40 AM IST (Updated on: 1 March 2023 6:41 AM IST)
Falgun Purnima2023 Ka date: फाल्गुन पूर्णिमा को लेकर कन्फ्यूजन करें दूर, इस दिन उपवास से होगा हर दुख का नाश,बरसेगी लक्ष्मी की कृपा
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Falgun Purnima 2023 date

फाल्गुन पूर्णिमा 2023 डेट:

साल के आखिरी माह फाल्गुन माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि को फाल्गुन पूर्णिमा कहते हैं। इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 7 मार्च 2022 को है। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा का उपवास रखने से मनुष्य के दुखों का नाश होता है और उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। इस तिथि को होली का त्यौहार मनाया जाता है।

फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि

पूर्णिमा प्रारंभ - 6 मार्च 2023 की शाम 4 . 17 मिनट से

पूर्णिमा समाप्त - 7 मार्च 2023 दिन मंगलवार की शाम 6 बजकर 09 मिनट तक रहेगी


फाल्गुन पूर्णिमा पूजा विधि

हर माह की पूर्णिमा पर उपवास और पूजन की परंपरा है। फाल्गुन पूर्णिमा पर भगवान श्री कृष्ण का पूजन होता है। पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें और उपवास का संकल्प लें। सुबह सूर्योदय से लेकर शाम को चंद्र दर्शन तक उपवास रखें। रात्रि में चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। इस दिन स्नान, दान और भगवान का ध्यान करें। नारद पुराण के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को लकड़ी व उपलों को एकत्रित करना चाहिए। हवन के बाद विधिपूर्वक होलिका पर लकड़ी डालकर उसमें आग लगा देना चाहिए। होलिका की परिक्रमा करते हुए हर्ष और उत्सव मनाना चाहिए।पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान कर ले और स्नान करने के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण कर ले।

इसके पश्चात पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध कर ले।इस दिन भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा की जाती है।नरसिंह भगवान की पुष्प, माला, गुड़, गुलाल, नारियल आदि से पूजा करें।सच्चे मन से भगवान नरसिंह की पूजा करने से सारे पापों का नाश होता है और सुख की प्राप्ति होती है।

इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा भी अवश्य करें। माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होगी और सुख समृद्धि बनी रहेगी।फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखने वाले व्यक्ति शाम को सूर्यास्त के पश्चात भोजन ग्रहण कर सकते हैं।फाल्गुन पूर्णिमा के व्रत रखने से दुखों का निवारण होता है और ईश्वर की कृपा भी प्राप्त होती है।


फाल्गुन पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी का जन्म

फाल्गुन पूर्णिमा का विशेष महत्व है। फाल्गुन पूर्णिमा हिंदू धर्म के पवित्र दिनों में से एक है। फागुन पूर्णिमा के दिन होली का त्यौहार मनाया जाता है। इसलिए इस दिन को अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी का धरती पर अवतरण हुआ था। इसलिए फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जयंती भी मनाई जाती है।पौराणिक कथाओं के अनुसार जब देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन हुआ था तब समुंद्र मंथन से एक-एक करके चौदह रत्न निकले थे। इन्ही चौदह रत्नों में से एक थी माता लक्ष्मी। माता लक्ष्मी के एक हाथ में कलश था और दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। समुद्र मंथन से उत्पन्न होने के पश्चात देवी लक्ष्मी ने भगवान श्री हरि विष्णु को अपने पति के रूप में वरण किया। मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन समुंद्र मंथन से उत्पन्न हुई थी। इसी कारणवश प्रत्येक फाल्गुन पूर्णिमा के दिन को माता लक्ष्मी के जन्मदिवस यानी लक्ष्मी जयंती के रूप में मनाया जाता है।

फाल्गुन पूर्णिमा की कथा

नारद पुराण में फाल्गुन पूर्णिमा को लेकर एक कथा का वर्णन मिलता है। यह कथा राक्षस हरिण्यकश्यपु और उसकी बहन होलिका से जुड़ी है। राक्षसी होलिका भगवान विष्णु के भक्त और हरिण्यकश्यपु के पुत्र प्रह्लाद को जलाने के लिए अग्नि स्नान करने बैठी थी लेकिन प्रभु की कृपा से भक्त प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका स्वयं ही अग्नि में भस्म हो गई। इस वजह से पुरातन काल से ही मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लकड़ी व उपलों से होलिका का निर्माण करना चाहिए और शुभ मुहूर्त में विधि विधान से होलिका दहन करना चाहिए। होलिका दहन के समय भगवान विष्णु व भक्त प्रह्लाद का स्मरण करना चाहिए।

फाल्गुन पूर्णिमा पर उपाय

अगर आप बीमार है, या लंबे समय से बीमार चल रहे तो फाल्गुन पूर्णिमा की रात तुलसी की माला से 'ॐ नमो भगवते रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा' का 1008 बार जाप करेंगे तो हमेशा के लिए स्वस्थ्य रहेंगे।

फाल्गुन पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के लिए बेहद खास होता है। इस रात चंद्रमा की विधि-विधान से पूजा करके चंद्रमा को गाय के कच्चे दूध से अर्घ्य दिया जाता है। इसके साथ ही खीर या दूध से बनी चीजों का भोग लगाने से धन का मार्ग सुगम होता है।

फाल्गुन पूर्णिमा पर अगर किसी भी व्यक्ति की कुंडली में दोष है, तो उससे राहत पाने के लिए इस दिन होलिका दहन की राख से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए और नहा कर पूजा कर लेने से है हर दोष मिट जाता है।

फाल्गुन पूर्णिमा पर इस उपाय से हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन पूजा में हल्दी की गांठ, फल-सब्जी और उपले का प्रयोग करें। पूजा के बाद होलिका के चारों ओर 8 दीपक जला दें। इससे जीवन खुशहाल रहता है।

ऐसा करने से धन की कमी से मुक्ति मिल जाती है। पूर्णिमा तिथि चंद्र देव से संबंधित मानी जाती है इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से सभी प्रकार के दुखों का अंत हो जाता है और कुंडली का चंद्र दोष भी दूर हो जाता है।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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