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ये 8 फेस्टिवल करेंगे जुलाई माह को रंगीन, शामिल होकर आप भी ले इसका मजा
अलग-अलग जगहों पर होने वाले इन फेस्टिवल्स में शामिल होकर उस जगह, वहां की संस्कृति, खानपान और भी कई दूसरी चीज़ों से रूबरू होने का मौका मिलता है। क्योंकि जुलाई माह से मानसून की शुरुआत होती है।ऐसे में सुहावना मौसम इन फेस्टिवल की रौनक को दोगुना करता है।
जयपुर: हर साल जुलाई महीना आते ही कई फेस्टिवल की शुरुआत हो जाती है। अलग-अलग जगहों पर होने वाले इन फेस्टिवल्स में शामिल होकर उस जगह, वहां की संस्कृति, खानपान और भी कई दूसरी चीज़ों से रूबरू होने का मौका मिलता है। क्योंकि जुलाई माह से मानसून की शुरुआत होती है।ऐसे में सुहावना मौसम इन फेस्टिवल की रौनक को दोगुना करता है।
*हेमिस फेस्टिवल केरल का हेमिस फेस्टिवल खासतौर से हाथियों के पूजा-पाठ से जुड़ा हुआ है। इन्हें गणपति का रूप मानकर लोग इन्हें पूजा जाता है। फेस्टिवल वाले दिन इन्हें स्नान कराकर मंदिर के प्रांगण में ले जाया जाता है जहां उनकी सुंदर सजावट की जाती है इसके साथ ही गन्ने, नारियल, गुड़ और भी दूसरी चीज़ों का भोग लगाया जाता है। यहां लोग मानते हैं कि विध्नकर्ता गणेश की इस अनोखी पूजा से कोई भी शुभ काम बिना किसी रूकावट पूरा हो जाता है।यह 11-12 जुलाई 2019,पलक्कड़, केरल में होता है।
*चंपाकुलम बोट रेस चंपाकुलम बोट रेस, केरल का सबसे पुराना स्नेक बोट रेस है। इसमें नाव को अलग-अलग रंगों और चीज़ों से सजाया जाता है। केरल में ज्यादातर लोगों के यहां नौकाएं देखने को मिलती हैं और उनका इनसे अलग ही जुड़ाव होता है। इसीलिए यहां पर नाव से जुड़े त्यौहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। जिसे देखने देश-विदेश से सैलानियों की भीड़ उमड़ती है। यह 15 जुलाई 2019, पंपा नदी, अलेप्पी, केरल में होता है।
*बोनालु फेस्टिवल तेलंगाना के खास उत्सवों में से एक है बोनालु उत्सव। जो हर साल आषाढ़ महीने में मनाया जाता है। इसमें देवी महाकाली की पूजा की जाती है। पूजा के द्वारा लोग भगवान को अपनी सारी मन्नतें पूरे होने के लिए आभार प्रकट करते हैं। इसके अलावा अगस्त माह में सबसे ज्यादा बीमारियां फैलती हैं तो लोग उससे बचने के लिए भी ये पूजा करते हैं। बोनालु मतलब प्रसाद। नए बर्तन में चावल, दूध और गुड़ को मिलाकर प्रसाद बनाया जाता है और बर्तन को नीम की पत्तियों और हल्दी से सजाया जाता है। प्रसाद के साथ सिंदूर, चूड़ी और साड़ी रखकर इस बर्तन को औरतें सिर पर रखकर मंदिर तक ले जाती हैं और भगवान को चढ़ाती हैं।यह 7, 14, 21, 28 जुलाई 2019 उज्जैनी महाकाली मंदिर में 21 जुलाई, रंगम में 22 जुलाई, पुराने शहर में 28 और 29 जुलाई को मनाया जाता है ये फेस्टिवल।सिकंदराबाद और हैदराबाद, तेलंगाना में होता है।
*बाबा अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू होगी और 15 अगस्त को सावन पूर्णिमा को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। इस बार यात्रा 45 दिनों की है। यात्रा के लिए पहला जत्था जम्मू स्थित आधार शिविर भगवती नगर से 30 जून को रवाना होगा। एक जुलाई को यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गो से पवित्र गुफा की ओर रवाना होगी। उसी दिन बाबा बर्फानी के पहले दर्शन होंगे। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक अगर तीर्थयात्रा का विधान और पुण्य प्राप्त करना है, तो यही मार्ग अपनाना चाहिए। 1 जुलाई से 15 अगस्त 2019। तीर्थयात्रा के दो मुख्य आधार शीविर बाल्टाल और पहलगाम में हैं। बाल्टाल श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोजिला दर्रे के दामन में स्थित है, जबकि पहलगाम दक्षिण कश्मीर में लिद्दर दरिया किनारे बसा एक गांव। बाल्टाल से करीब 14 किमी. की यात्रा कर पवित्र गुफा पहुंचा जा सकता है।
*पालखी फेस्टिवल महाराष्ट्र के अनोखे रीति-रिवाज को दर्शाता है ये फेस्टिवल और लगभग1000 सालों से पुराना है इसका इतिहास। 22 दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल की जुलाई के पहले हफ्ते ही हो जाती है। लोक नृत्य, गीत और परिधान इस फेस्टिवल की रौनक को दोगुना करने का करते हैं काम। यह 2-24 जुलाई 2019। पंधारपुर, महाराष्ट्र में होता है।
*पुरी रथ यात्रा जुलाई में घूमने के साथ ही रंगारंग फेस्टिवल का भी आनंद उठाना चाहते हैं तो रुख करें पुरी का, जहां 12 दिनों तक चलने वाली रथ यात्रा को देखना अलग ही एक्सपीरियंस है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगननाथ के साथ उनके बड़े भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा यात्रा पर निकलते हैं। ये उड़ीसा के बहुत ही मशहूर फेस्टिवल्स में से एक है। जिसमें शामिल होकर यात्रा के साथ ही फेस्टिवल के और दूसरे रंगों को भी एन्जॉय कर सकते हैं । यह 4 जुलाई 2019, जगन्नाथ मंदिर, पुरी, उड़ीसा में होता है।
*द्री फेस्टिवल अरुणाचल प्रदेश में रहने वाली आपतानी जनजाति का बहुत ही खास फेस्टिवल है यह जो कृषि से जुड़ा है। जिसमें वो भगवान से अपने फसल की अच्छी पैदावार की प्रार्थना करते हैं। लोकगीत, पारंपरिक नृत्य और भी कई तरह के अलग-अलग कार्यक्रम इस उत्सव में देखने को मिलते हैं जो बहुत ही रोचक होते हैं। फेस्टिवल में होने वाला 'मिस्टर द्री' कॉम्पिटिशन भी खास होता है जिसमें पुरुष अपने बल, बुद्धि और व्यक्तित्व का प्रदर्शन करते हैं। यह 4-7 जुलाई 2019,जीरो, अरुणाचल प्रदेश, नार्थईस्ट इंडिया में होता है।
*मैंगो फेस्टिवल फलों के राजा 'आम' का स्वाद तो गर्मियों में ही लिया जा सकता है। बाजार में दो से तीन तरह के ही आम देखने और खाने को मिलते हैं लेकिन मैंगो फेस्टिवल में आकर आप इनकी लगभग 500 वैराइटी देख सकते हैं और चखने के साथ ही अपने घर भी ले जा सकते हैं। इतना ही नहीं फेस्टिवल में आम से बनने वाली अलग-अलग डिशेज जैसे जैम, चटनी भी मिलती है। सबले मजेदार होता है आम खाने का कॉम्पिटिशन, जिसमें निर्धारित समय में ज्यादा से ज्यादा आम खाने होते हैं। यह 9-10 जुलाई 2019, दिल्ली हाट, जनकपुरी में होता है।