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Somvati Amavasya: सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को, मनोकामना पूर्ति के लिए करें ये उपाय

Somvati Amavasya: पौष महीने की अमावस्या सोमवार को पड़ने से इसका महात्म्य सौ गुना बढ़ गया है। इस तिथि पर श्रीहरि विष्णु एवं देवाधिदेव महादेव का पूजन करने से विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होगी।

Kanchan Singh
Published on: 30 Dec 2024 9:55 PM IST
Somvati Amavasya ( Pic- Social- Media)
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Somvati Amavasya ( Pic- Social- Media)

Somvati Amavasya: पौष महीने की अमावस्या सोमवार को पड़ने से इसका महात्म्य सौ गुना बढ़ गया है। इस तिथि पर श्रीहरि विष्णु एवं देवाधिदेव महादेव का पूजन करने से विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होगी। सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को पड़ेगी।

पौष महीने की अमावस्या सोमवार को पड़ने से इसका महात्म्य सौ गुना बढ़ गया है। इस तिथि पर श्रीहरि विष्णु एवं देवाधिदेव महादेव का पूजन करने से विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होगी। सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को पड़ेगी। पौष अमावस्या 30 दिसंबर को तड़के 4:02 बजे लगेगी जो 31 दिसंबर तड़के 3: 57 बजे तक रहेगी। मूल नक्षत्र 29 दिसंबर को रात 11:22 बजे से 30 दिसंबर को रात 11:58 बजे तक रहेगा। वृद्धि योग 29 की रात 9:41 बजे से 30 दिसंबर की रात 8: 32 बजे तक रहेगा। वृद्धियोग में समस्त कार्यों में वृद्धि का योग बनता है।

अमावस्या पर स्नान दान-व्रत एवं श्राद्ध का विशेष महत्व है। भगवान शिव, श्रीविष्णु तथा पीपल के वृक्ष की पूजा अत्यंत फलदायी शास्त्रों में बताई गई है। किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए पीपल वृक्ष की जड़ में जल अर्पण करने के बाद 108 परिक्रमा करनी चाहिए। सोमवती अमावस्या पर भगवान विष्णु एवं पीपल वृक्ष की पूजा-अर्चना से सुख-समृद्धि, खुशहाली मिलती है। पीपल के वृक्ष की जड़ मे भगवान विष्णु का निवास माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पीपल के वृक्ष की जड़ मे भगवान विष्णु का वास होता है अत: इस दिन पीपल के वृक्ष की जड़ की पूजा की जाती है तथा” ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:” का 108 बार जप करते हुए पीपल की परिक्रमा की जानी चाहिए ,ऐसा करने से पितरो की आत्मा को शान्ति प्राप्त होती है।

अमावस्या तिथि पर विधि-विधान पूर्वक पितरों की भी पूजा-अर्चना की जाती है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में भौतिक सुख-समृद्धि, खुशहाली आती है। सोमवती अमावस्या पर सफेद रंग की वस्तुओं के दान का भी अधिक महत्व है। अत: ब्राह्मण को चावल, दूध, मिश्री, चीनी, खोवा से बने सफेद मिष्ठान्न, सफेद वस्त्र, चांदी एवं अन्य सफेद रंग की वस्तुएं दक्षिणा के साथ दान करनी चाहिए।

( लेखिका प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं।)



Shalini Rai

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