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वास्तु: पूर्ण सूर्यग्रहण आज, जानें इस दौरान क्या करें और क्या ना करें

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Published on: 21 Aug 2017 8:42 AM GMT
वास्तु: पूर्ण सूर्यग्रहण आज, जानें इस दौरान क्या करें और क्या ना करें
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पूर्ण सूर्यग्रहण कल, जानें इस दौरान क्या करें और क्या ना करें

लखनऊ: इस वर्ष यानी 2017 का दूसरा सूर्यग्रहण आज (21 अगस्त) है। यह पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। भारतीय समय के मुताबिक, यह ग्रहण रात में 9.15 मिनट से शुरू होगा और देर रात 2.34 बजे खत्म होगा।

भारत में इस दौरान रात रहेगी तो यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। यह सूर्यग्रहण साल 2017 का दूसरा बड़ा ग्रहण है। इससे पहले साल का पहला सूर्यग्रहण 26 फरवरी को लगा था। इससे दो सप्ताह पहले यानि 7 अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन खंडग्रास चंद्रग्रहण था।

99 साल के बाद आया है यह संयोग

यह ग्रहण यूरोप, उत्तर/पूर्व एशिया, उत्तर/पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका में पश्चिम, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक की ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा। 99 सालों बाद अमेरिकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। अमेरिका में सुबह 10.15 मिनट से सूर्यग्रहण ऑरेगन के तट से दिखने लगेगा और दक्षिण कैरोलीना के तट पर दोपहर 2.50 बजे खत्म होगा। उत्तरी अमेरिका के सभी हिस्से में आंशिक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा।

ऐसा संयोग 99 सालों के बाद आया है। इसलिए अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों में लोग इसे एक त्योहार के रूप में मनाने को उत्सुक हैं। इसके लिए तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही है। वाशिंगटन डीसी के कई दफ्तरों में सोमवार को सूर्य ग्रहण तक के काल यानी सुबह 10.15 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक कर्मचारियों के लिए मौज मस्ती और सूर्य ग्रहण का नजारा देखने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। कंपनी ने कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए एडवायजरी भी जारी किया है।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें इस दौरान क्या करें और क्या नहीं ...

अमेरिका में पांच घंटे की विशेष छुट्टी

अमेरिकी शहर सेंट लुईस स्थित हेडक्वार्टर में इमर्सन इलेक्ट्रिक्स ने अपने 1400 कर्मचारियों को यह मौका दिया है कि वो या तो काम करें या मर्जी हो तो पूर्ण सूर्य ग्रहण का नजारा देखें। कंपनी ने इसके लिए कर्मचारियों को आईएसओ सर्टिफाइड ग्लासेस भी मुहैया कराए हैं ताकि लोग सुरक्षित तरीके से इस ऐतिहासिक खगोलीय घटना का लुत्फ उठा सकें। इस दौरान इस दफ्तर में करीब पांच घंटे तक कर्मचारी काम नहीं करेंगे।

अनुमान है कि इससे कंपनी की उत्पादकता पर बुरा असर पड़ेगा और करोड़ों रुपए का नुकसान होगा। मोनसेंटो नामक कंपनी ने सेंट लुईस हेडक्वार्टर को 21 अगस्त को बंद रखा है और अपने 4000 कर्मचारियों को उस दिन छुट्टी दे दी है। कंपनी की ग्लोबल टैलेंट वाइस प्रेसिडेन्ट मेलिसा हार्पर के मुताबिक, उनकी कंपनी के 70 फीसदी कर्मचारी विज्ञान आधारित कार्यों में संलिप्त हैं, इसलिए उन्हें इस खगोलीय घटना का गवाह बनने के लिए कंपनी ने ऐसी व्यवस्था की है।

क्या करें और क्या नहीं

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर देवता की आराधना करनी चाहिए। स्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है। मान्यता है, कि इससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आती है। यही कारण है कि सूर्यग्रहण के बाद लोग गंगा, यमुना, गोदावरी आदि नदियों में स्नान के लिए जाते हैं और दान देते हैं। मान्यता के अनुसार, सूर्यग्रहण में ग्रहण शुरू होने से चार प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बच्चे और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं।

यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ना चाहिए। मिथक है कि गर्भवती स्त्री को सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि उसका दुष्प्रभाव शिशु को प्रभावित कर सकता है। यह मान्यता भी प्रचलित है कि सूर्यग्रहण के समय बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए और दांत भी नहीं साफ करने चाहिए।ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग करना और भोजन करना ये सब कार्य वर्जित हैं। सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को बिल्कुल मना किया जाता है। मान्यता है कि इस दौरान शुरु किया गया काम अच्छा परिणाम नहीं देता है।

वैज्ञानिक मान्यता

सूर्यग्रहण के दौरान पृथ्वी के उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव प्रभावित होते हैं। इसलिए यह अवधि ऋणात्मक मानी जाती है। सूर्य से अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए सूर्यग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है।

ये जानना भी जरूरी

सूर्यग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इसको देखने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणित टेलिस्‍टकोप का ही इस्‍तेमाल करना चाहिए। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वैसे चश्‍मे का भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्‍ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो।

अमावस्या के दिन होने से होता है ज्यादा असरदार

ज्योतिष के अनुसार, अक्सर सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होता है। इसलिए यह और भी ज्यादा असरदार होता है। इसलिए इस समय में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस बार 21 अगस्त के दिन अमावस्या के साथ यह सूर्य ग्रहण लगेगा। 21 अगस्त सोमवार के दिन रात्रि 9 बजकर 16 मिनट पर सूर्य ग्रहण प्रारंभ होगा और रात्रि 2.34 बजे समाप्त होगा। माना जा रहा है कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन असर जरूर रहेगा। हालांकि, जिन देशों में यह दिखाई देगा वहां ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले 21 अगस्त की सुबह 11.51 बजे से लग जाएगा। माना जा रहा है कि यह 2017 का दूसरा बड़ा ग्रहण है जो उन लोगों को प्रभावित कर सकता है जिनकी कुंडली में सर्पदोष अथवा चंद्रदोष बना हुआ है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है या राहु-केतु की दशा-अंतर्दशा चल रही है या जिनकी कुंडली में सूर्य या चंद्र ग्रहण दोष बना हुआ है उन पर भी ग्रहण का ज्यादा असर होगा। ग्रहण का प्रभाव 30 दिनों तक रहता है।

सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। ये घटना तभी होती है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। शास्त्र में कुछ ऐसे काम बताए गए हैं जो ग्रहण के समय नहीं करना चाहिए। अगर आपने ये काम किए तो आपको कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।

ग्रहण के समय ये कार्य नहीं करने चाहिए

जानिए, ग्रहण के समय कौन से कार्य नहीं करने चाहिए, जिससे हम कई परेशानियों से बच सकते हैं। ग्रहण के समय शरीर पर तेल से मालिश न करें। माना जाता है, कि सूर्य ग्रहण के समय तेल से मालिश करने से त्वचा संबंधी रोग होते हैं। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। ग्रहण के समय उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्हें भगवान का नाम जपना चाहिए, जिससे गर्भ में पल रहे शिशु पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े। जब ग्रहण लगा हो उस समय किसी भगवान की प्रतिमा को नहीं छूना चाहिए।

इसके साथ ही सोना, भोजन बनाना और खाना आदि कार्य नहीं करने चाहिए। पति-पत्नी को ग्रहण के समय कामक्रीड़ा से दूर रहना चाहिए। शास्त्रों में माना जाता है कि इस समय गर्भधारण करने से पैदा हुआ बच्चा बुराईयों से लिप्त होता है। जब ग्रहण लगता है तो उससे पहले भोजन कर लें। उसके बाद दूध, दही और खाने की चीजों में दूर्वा या तुलसी के पत्ते डाल दें। ऐसा करने से खाने की वस्तुओं में ग्रहण का असर नहीं पड़ता। ग्रहण खत्म हो जाने के बाद घर की साफ-सफाई करें और स्वयं भी स्नान करें। उसके बाद जरूरतमंदों को दान देना चाहिए।

इस साल चार ग्रहण

इस साल आसमान में हमें ऐसे ही चार ग्रहण देखने को मिल रहे है। साल का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण हिन्दुस्तान में 26 फरवरी 2017 को देखने को मिला था जबकि साल 2017 का पहला चन्द्र ग्रहण 11 फरवरी 2017 को ही हो चुका है। इस साल दूसरा आंशिक चन्द्र ग्रहण अगस्त 7 को रक्षाबंधन के दिन था जबकि दूसरे सूर्य ग्रहण का खगोलीय योग 21 अगस्त 2017 को है। 26 फरवरी को होने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक है, इसलिए ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।

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