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गणेश जी के 108 चमत्कारिक नाम (Ganesh ji Ke 108 Naam Hindi) पूरा होगा हर काम, गणेश चतुर्थी पर जरूर करें जाप

Bhagwan Ganesh ji ke 108 Naam Aur Mantra:भगवान गणेश के यूं तो अनेक नाम हैं, लेकिन श्री गणेश के 108 नामों की नामावली का जाप करने से विघ्नहर्ता सारे कष्ट हर लेते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आप भी श्री गणेश के 108 नाम जरूर जपें, आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 24 Aug 2022 5:19 AM GMT (Updated on: 24 Aug 2022 6:00 AM GMT)
Bhagwan Ganesha Ji K 108 Naam Aur Mantra
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Bhagwan Ganesha Ji K 108 Naam Aur Mantra

भगवान गणेश जी के 108 नाम और मंत्र

गजाननं भूतगणाधिसेवितं,

कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् ।

उमासुतं शोकविनाशकारकम्न,

नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥ इस मंत्र के जाप मात्र से भगवान गणेश अपने भक्तों के बीमारी मुक्त कर उनके हर कष्ट हर लेते हैं। तो प्रथम पूज्य गणेश जी के 108 नामों का स्मरण किया जाये तो भक्त के ऊपर कष्ट के बादल मंडराने नहीं देते हैं। भगवान शिव ने गणेश जी को ये आशीर्वाद दिया था कि जब भी कोई पूजा होगी, तो सबसे पहले गणेश जी का ही स्मरण होगा, इसीलिए पूजा में सबसे पहले गणेश जी का ही स्मरण किया जाता है। भगवान गणेश के यूं तो अनेक नाम हैं, लेकिन श्री गणेश के 108 नामों की नामावली का जाप करने से विघ्नहर्ता सारे कष्ट हर लेते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आप भी श्री गणेश के 108 नाम जरूर जपें, आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।

गणेश जी के 108 नामों की नामावली और मंत्र

ये नाम है....

  • गजानन- ॐ गजाननाय नमः ।
  • गणाध्यक्ष- ॐ गणाध्यक्षाय नमः ।
  • विघ्नराज- ॐ विघ्नराजाय नमः ।
  • विनायक- ॐ विनायकाय नमः ।
  • द्वैमातुर- ॐ द्वैमातुराय नमः ।
  • द्विमुख- ॐ द्विमुखाय नमः ।
  • प्रमुख- ॐ प्रमुखाय नमः ।
  • सुमुख-ॐ सुमुखाय नमः ।
  • कृति- ॐ कृतिने नमः ।
  • सुप्रदीप- ॐ सुप्रदीपाय नमः ॥ 10 ॥

  • सुखनिधी- ॐ सुखनिधये नमः ।
  • सुराध्यक्ष- ॐ सुराध्यक्षाय नमः ।
  • सुरारिघ्न- ॐ सुरारिघ्नाय नमः ।
  • महागणपति- ॐ महागणपतये नमः ।
  • मान्या- ॐ मान्याय नमः ।
  • महाकाल- ॐ महाकालाय नमः ।
  • महाबला- ॐ महाबलाय नमः ।
  • हेरम्ब- ॐ हेरम्बाय नमः ।
  • लम्बजठर- ॐ लम्बजठरायै नमः ।
  • ह्रस्वग्रीव- ॐ ह्रस्व ग्रीवाय नमः ॥ 20 ॥

  • महोदरा- ॐ महोदराय नमः ।
  • मदोत्कट- ॐ मदोत्कटाय नमः ।
  • महावीर- ॐ महावीराय नमः ।
  • मन्त्रिणे- ॐ मन्त्रिणे नमः ।
  • मङ्गल स्वरा- ॐ मङ्गल स्वराय नमः ।
  • प्रमधा- ॐ प्रमधाय नमः ।
  • प्रथम- ॐ प्रथमाय नमः ।
  • प्रज्ञा- ॐ प्राज्ञाय नमः ।
  • विघ्नकर्ता- ॐ विघ्नकर्त्रे नमः ।
  • विघ्नहर्ता- ॐ विघ्नहर्त्रे नमः ॥ 30 ॥
  • विश्वनेत्र- ॐ विश्वनेत्रे नमः ।
  • विराट्पति- ॐ विराट्पतये नमः ।
  • श्रीपति- ॐ श्रीपतये नमः ।
  • वाक्पति- ॐ वाक्पतये नमः ।
  • शृङ्गारिण- ॐ शृङ्गारिणे नमः ।
  • अश्रितवत्सल- ॐ अश्रितवत्सलाय नमः ।
  • शिवप्रिय- ॐ शिवप्रियाय नमः ।
  • शीघ्रकारिण- ॐ शीघ्रकारिणे नमः ।
  • शाश्वत - ॐ शाश्वताय नमः ।
  • बल- ॐ बल नमः ॥ 40 ॥
  • बलोत्थिताय- ॐ बलोत्थिताय नमः ।
  • भवात्मजाय- ॐ भवात्मजाय नमः ।
  • पुराण पुरुष- ॐ पुराण पुरुषाय नमः ।
  • पूष्णे- ॐ पूष्णे नमः ।
  • पुष्करोत्षिप्त वारिणे- ॐ पुष्करोत्षिप्त वारिणे नमः ।
  • अग्रगण्याय- ॐ अग्रगण्याय नमः ।
  • अग्रपूज्याय- ॐ अग्रपूज्याय नमः ।
  • अग्रगामिने- ॐ अग्रगामिने नमः ।
  • मन्त्रकृते- ॐ मन्त्रकृते नमः ।
  • चामीकरप्रभाय- ॐ चामीकरप्रभाय नमः ॥ 50 ॥
  • सर्वाय- ॐ सर्वाय नमः ।
  • सर्वोपास्याय- ॐ सर्वोपास्याय नमः ।
  • सर्व कर्त्रे- ॐ सर्व कर्त्रे नमः ।
  • सर्वनेत्रे- ॐ सर्वनेत्रे नमः ।
  • सर्वसिद्धिप्रदाय- ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः ।
  • सिद्धये- ॐ सिद्धये नमः ।
  • पञ्चहस्ताय- ॐ पञ्चहस्ताय नमः ।
  • पार्वतीनन्दनाय- ॐ पार्वतीनन्दनाय नमः ।
  • प्रभवे- ॐ प्रभवे नमः ।
  • कुमारगुरवे- ॐ कुमारगुरवे नमः ॥ 60 ॥
  • अक्षोभ्याय- ॐ अक्षोभ्याय नमः ।
  • कुञ्जरासुर भञ्जनाय- ॐ कुञ्जरासुर भञ्जनाय नमः ।
  • प्रमोदाय- ॐ प्रमोदाय नमः ।
  • मोदकप्रियाय- ॐ मोदकप्रियाय नमः ।
  • कान्तिमते- ॐ कान्तिमते नमः ।
  • धृतिमते- ॐ धृतिमते नमः ।
  • कामिने- ॐ कामिने नमः ।
  • कपित्थपनसप्रियाय- ॐ कपित्थपनसप्रियाय नमः ।
  • ब्रह्मचारिणे- ॐ ब्रह्मचारिणे नमः ।
  • ब्रह्मरूपिणे- ॐ ब्रह्मरूपिणे नमः ॥ 70 ॥
  • ब्रह्मविद्यादि दानभुवे- ॐ ब्रह्मविद्यादि दानभुवे नमः ।
  • जिष्णवे- ॐ जिष्णवे नमः ।
  • विष्णुप्रियाय- ॐ विष्णुप्रियाय नमः ।
  • भक्त जीविताय- ॐ भक्त जीविताय नमः ।
  • जितमन्मधाय- ॐ जितमन्मधाय नमः ।
  • ऐश्वर्यकारणाय- ॐ ऐश्वर्यकारणाय नमः ।
  • ज्यायसे- ॐ ज्यायसे नमः ।
  • यक्षकिन्नेर सेविताय- ॐ यक्षकिन्नेर सेविताय नमः।
  • गङ्गा सुताय- ॐ गङ्गा सुताय नमः ।
  • गणाधीशाय- ॐ गणाधीशाय नमः ॥ 80 ॥
  • गम्भीर निनदाय- ॐ गम्भीर निनदाय नमः ।
  • वटवे- ॐ वटवे नमः ।
  • अभीष्टवरदाय- ॐ अभीष्टवरदाय नमः ।
  • ज्योतिषे- ॐ ज्योतिषे नमः ।
  • भक्तनिधये- ॐ भक्तनिधये नमः ।
  • भावगम्याय- ॐ भावगम्याय नमः ।
  • मङ्गलप्रदाय- ॐ मङ्गलप्रदाय नमः ।
  • अव्यक्ताय- ॐ अव्यक्ताय नमः ।
  • अप्राकृत पराक्रमाय- ॐ अप्राकृत पराक्रमाय नमः ।
  • सत्यधर्मिणे- ॐ सत्यधर्मिणे नमः ॥ 90 ॥
  • सखये- ॐ सखये नमः ।
  • सरसाम्बुनिधये- ॐ सरसाम्बुनिधये नमः ।
  • महेशाय- ॐ महेशाय नमः ।
  • दिव्याङ्गाय- ॐ दिव्याङ्गाय नमः ।
  • मणिकिङ्किणी मेखालाय- ॐ मणिकिङ्किणी मेखालाय नमः ।
  • समस्त देवता मूर्तये- ॐ समस्त देवता मूर्तये नमः ।
  • सहिष्णवे- ॐ सहिष्णवे नमः ।
  • सततोत्थिताय- ॐ सततोत्थिताय नमः ।
  • विघातकारिणे- ॐ विघातकारिणे नमः ।
  • विश्वग्दृशे- ॐ विश्वग्दृशे नमः ॥ 100 ॥
  • विश्वरक्षाकृते- ॐ विश्वरक्षाकृते नमः ।
  • कल्याणगुरवे- ॐ कल्याणगुरवे नमः ।
  • उन्मत्तवेषाय- ॐ उन्मत्तवेषाय नमः ।
  • अपराजिते- ॐ अपराजिते नमः ।
  • समस्त जगदाधाराय- ॐ समस्त जगदाधाराय नमः ।
  • सर्वैश्वर्यप्रदाय- ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः ।
  • आक्रान्त चिद चित्प्रभवे- ॐ आक्रान्त चिद चित्प्रभवे नमः ।
  • श्री विघ्नेश्वराय- ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः ॥ 108 ॥

  • . बालगणपति : सबसे प्रिय बालक
  • 2. भालचन्द्र : जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो
  • 3. बुद्धिनाथ : बुद्धि के भगवान

  • . धूम्रवर्ण : धुंए को उड़ाने वाले
  • 5. एकाक्षर : एकल अक्षर
  • 6. एकदन्त: एक दांत वाले
  • 7. गजकर्ण : हाथी की तरह आंखों वाले
  • 8. गजानन: हाथी के मुख वाले भगवान
  • 9. गजवक्र : हाथी की सूंड वाले
  • 10. गजवक्त्र: हाथी की तरह मुंह है
  • 11. गणाध्यक्ष : सभी जनों के मालिक
  • 12. गणपति : सभी गणों के मालिक
  • 13. गौरीसुत : माता गौरी के बेटे
  • 14. लम्बकर्ण : बड़े कान वाले देव
  • 15. लम्बोदर : बड़े पेट वाले
  • 16. महाबल : अत्यधिक बलशाली
  • 17. महागणपति : देवादिदेव
  • 18. महेश्वर: सारे ब्रह्मांड के भगवान
  • 19. मंगलमूर्ति : सभी शुभ कार्यों के देव
  • 20. मूषकवाहन : जिनका सारथी मूषक है
  • 21. निदीश्वरम : धन और निधि के दाता
  • 22. प्रथमेश्वर : सब के बीच प्रथम आने वाले
  • 23. शूपकर्ण : बड़े कान वाले देव
  • 24. शुभम : सभी शुभ कार्यों के प्रभु
  • 25. सिद्धिदाता: इच्छाओं और अवसरों के स्वामी
  • 26. सिद्दिविनायक : सफलता के स्वामी
  • 27. सुरेश्वरम : देवों के देव।
  • 28. वक्रतुण्ड : घुमावदार सूंड वाले
  • 29. अखूरथ : जिसका सारथी मूषक है
  • 30. अलम्पता : अनन्त देव।
  • 31. अमित : अतुलनीय प्रभु
  • 32. अनन्तचिदरुपम : अनंत और व्यक्ति चेतना वाले
  • 33. अवनीश : पूरे विश्व के प्रभु
  • 34. अविघ्न : बाधाएं हरने वाले।
  • 35. भीम : विशाल
  • 36. भूपति : धरती के मालिक
  • 37. भुवनपति: देवों के देव।
  • 38. बुद्धिप्रिय : ज्ञान के दाता
  • 39. बुद्धिविधाता : बुद्धि के मालिक
  • 40. चतुर्भुज: चार भुजाओं वाले
  • 41. देवादेव : सभी भगवान में सर्वोपरि
  • 42. देवांतकनाशकारी: बुराइयों और असुरों के विनाशक
  • 43. देवव्रत : सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले
  • 44. देवेन्द्राशिक : सभी देवताओं की रक्षा करने वाले
  • 45. धार्मिक : दान देने वाले
  • 46. दूर्जा : अपराजित देव
  • 47. द्वैमातुर : दो माताओं वाले
  • 48. एकदंष्ट्र: एक दांत वाले
  • 49. ईशानपुत्र : भगवान शिव के बेटे
  • 50. गदाधर : जिनका हथियार गदा है
  • 51. गणाध्यक्षिण : सभी पिंडों के नेता
  • 52. गुणिन: सभी गुणों के ज्ञानी
  • 53. हरिद्र : स्वर्ण के रंग वाले
  • 54. हेरम्ब : मां का प्रिय पुत्र
  • 55. कपिल : पीले भूरे रंग वाले
  • 56. कवीश : कवियों के स्वामी
  • 57. कीर्ति : यश के स्वामी
  • 58. कृपाकर : कृपा करने वाले
  • 59. कृष्णपिंगाश : पीली भूरी आंख वाले
  • 60. क्षेमंकरी : माफी प्रदान करने वाला
  • 61. क्षिप्रा : आराधना के योग्य
  • 62. मनोमय : दिल जीतने वाले
  • 63. मृत्युंजय : मौत को हराने वाले
  • 64. मूढ़ाकरम : जिनमें खुशी का वास होता है
  • 65. मुक्तिदायी : शाश्वत आनंद के दाता
  • 66. नादप्रतिष्ठित : जिन्हें संगीत से प्यार हो
  • 67. नमस्थेतु : सभी बुराइयों पर विजय प्राप्त करने वाले
  • 68. नन्दन: भगवान शिव के पुत्र
  • 69. सिद्धांथ: सफलता और उपलब्धियों के गुरु
  • 70. पीताम्बर : पीले वस्त्र धारण करने वाले
  • 71. प्रमोद : आनंद 72. पुरुष : अद्भुत व्यक्तित्व
  • 73. रक्त : लाल रंग के शरीर वाले
  • 74. रुद्रप्रिय : भगवान शिव के चहेते
  • 75. सर्वदेवात्मन : सभी स्वर्गीय प्रसाद के स्वीकर्ता
  • 76) सर्वसिद्धांत : कौशल और बुद्धि के दाता
  • 77. सर्वात्मन : ब्रह्मांड की रक्षा करने वाले
  • 78. ओमकार : ओम के आकार वाले
  • 79. शशिवर्णम : जिनका रंग चंद्रमा को भाता हो
  • 80. शुभगुणकानन : जो सभी गुणों के गुरु हैं
  • 81. श्वेता : जो सफेद रंग के रूप में शुद्ध हैं
  • 82. सिद्धिप्रिय : इच्छापूर्ति वाले
  • 83. स्कन्दपूर्वज : भगवान कार्तिकेय के भाई
  • 84. सुमुख : शुभ मुख वाले
  • 85. स्वरूप : सौंदर्य के प्रेमी
  • 86. तरुण : जिनकी कोई आयु न हो
  • 87. उद्दण्ड : शरारती
  • 88. उमापुत्र : पार्वती के पुत्र
  • 89. वरगणपति : अवसरों के स्वामी
  • 90. वरप्रद : इच्छाओं और अवसरों के अनुदाता
  • 91. वरदविनायक: सफलता के स्वामी
  • 92. वीरगणपति : वीर प्रभु
  • 93. विद्यावारिधि : बुद्धि के देव
  • 94. विघ्नहर : बाधाओं को दूर करने वाले
  • 95. विघ्नहत्र्ता: विघ्न हरने वाले
  • 96. विघ्नविनाशन : बाधाओं का अंत करने वाले
  • 97. विघ्नराज : सभी बाधाओं के मालिक
  • 98. विघ्नराजेन्द्र : सभी बाधाओं के भगवान
  • 99. विघ्नविनाशाय : बाधाओं का नाश करने वाले
  • 100. विघ्नेश्वर : बाधाओं के हरने वाले भगवान
  • 101. विकट : अत्यंत विशाल
  • 102. विनायक : सब के भगवान
  • 103. विश्वमुख : ब्रह्मांड के गुरु
  • 104. विश्वराजा : संसार के स्वामी
  • 105. यज्ञकाय : सभी बलि को स्वीकार करने वाले
  • 106. यशस्कर : प्रसिद्धि और भाग्य के स्वामी
  • 107. यशस्विन : सबसे प्यारे और लोकप्रिय देव
  • 108. योगाधिप : ध्यान के प्रभु

31 अगस्त से गणेशोत्सव शुरू होने वाला है अगर आप भी 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में गणेश जी के 108 नामों का जप करते हैं तो हर कष्ट दूर होगा।

गणेश पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ 30 अगस्त 2022 को दोपहर 3 .34 मिनट पर होगा। चतुर्थी तिथि अगले दिन 31 अगस्त को दोपहर 3 . 23 मिनट पर समाप्त हो जाएगी

  • चंद्र दर्शन से बचने का समय – 9:29 AM
  • सुबह मुहूर्त- 06.03 AM से 08.33 AM तक
  • गणेश चतुर्थी के दिन दोपहर गणेश पूजा – 05:42 PM से 07:20 PM
  • अभिजीत मुहूर्त – नहीं
  • अमृत काल – 05:42 PM से 07:20 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त – 04:36 AM से 05:24 AM
  • विजय मुहूर्त- 01.59 PM से 02.49 PM
  • गोधूलि बेला- 05.55 PM से 06.19 PM
  • निशिता काल- 11.32 PM से 12.18 AM, 1 सितंबर 2022
  • रवि योग- सुबह 06.06 - 12.12 सुबह 1 सितंबर

गणेश चतुर्थी के दिन षोड्शोपचार विधि से गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन फूल अक्षत, दुर्वा, लड्डू और मोदक से विघ्नहर्ता भगवान गणेश को प्रसन्न किया जाता है। प्रथम पूज्य भगवान गणेश को जो भी जातक या व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से पूजता और ध्यान करता है। उनके हर कष्ट को पार्वती पुत्र लंबोदर हर लेते हैं।


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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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