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गणेश जी हर विघ्न का करेंगे नाश, बस गणेश चतुर्थी की पूजा में इन नियमों का रखें ध्यान
Ganesh Pujan Kaise Kare: मां पार्वती और त्रिलोकी के पूत्र गणेश जी की पूजा के कुछ सरल नियम है, जिन्हें जानना जरूरी है, तभी विध्नहर्ता की कृपा बरसती है....
Ganesh Pujan Kaise Kare: 7 सितंबर से बप्पा का जन्मोत्सव शुरु हो जाएगा जो अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होगा। 7 सितंबर .यानि शनिवार को विघ्नहर्ता का पदार्पण होने वाला है। शनिवार के दिन रवि, सर्वाथ सिद्धि योग के साथ 2 घंटे 31 मिनट का शुभ समय है गणपति जी की स्थापना के लिए।
प्रथम पूज्य गणेश जी का अर्थ
शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं गणेश। गणेश जी प्रथम पूज्य हैं।गणेश को गणपति भी कहते है। शिवमानस पूजा में श्री गणेश को प्रणव (ॐ) कहा गया है। इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक, नीचे वाला भाग उदर, चंद्र बिंदु को लड्डू, औ मात्रा को सूँड़ कहा गया है। चारों दिशाओं में सर्वव्यापकता की प्रतीक उनकी चार भुजायें हैं। वह लंबोदर हैं, क्योंकि समस्त चराचर सृष्टि उनके उदर में ही विचरण करती है। कान बड़े हैं, कारण उनमें ग्राह शक्ति अधिक है। छोटी पैनी आँखें सूक्ष्म-तीक्ष्ण दृष्टि दर्शाती हैं। उनकी सूँड़ उनके बुद्धि का प्रतीक है।गणेश जी का विवाह भी हुआ था। इनके रिद्धि व सिद्धि नाम की दो पत्नियां थीं, दो पुत्र थे शुभ और लाभ।
गणेश जी का ऐसे करें पूजन
गणेश जी की पूजा के लिए गणेश चतुर्थी के दिन एक साफ और शांत जगह पर आसन बिछाएं और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मूर्ति को गंगाजल से शुद्ध करें। उसके बाद रोली, चंदन और फूलों से गणेश जी को सजाएं। उनकी सूंड पर सिंदूर लगाएं और दूर्वा चढ़ाएं। फिर घी का दीपक और धूप जलाएं। गणेश जी को मोदक, फल का भोग लगाएं। पूजा के आखिर में गणेश जी की आरती और ॐ गण गणपतये नमः मंत्र का जाप कर गणेश जी से अपनी मनोकामनाएं मांगें।
गणेश जी को घर पर लाने के लिए कुछ नियमों का पालन जरूरी है। जानते हैं....
गणेश जी की मूर्ति एक दिन पहले लेने जाते समय हाथ में दूब, सुपारी व पैसा लें, दुकानदार के पास रखकर दूसरे दिन बप्पा को मुँह ढक कर ही घर लाएँ। घर पर आकर दरवाजे पर जो मुख्य द्वार है वहाँ चौक पूरकर (लगाकर), चौकी रखकर, कच्चा दूध व शक्कर डालकर गणपति जी को बैठाकर उनके पैर पर जल छिड़कें (पैर पखारें), पूजा अर्चना कर लें, आरती व भोग लगाकर फिर घर में जहा स्थापित करनी है रख दें।
गणेश जी को घर लाने के लिए शुभ दिन और समय लाना चाहिए। आप भी अपने घर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं तो उसे उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
गणपति बप्पा की स्थापना करने से पहले उस स्थान को साफ कर लें जहां आप भगवान गणेश को स्थापित करने जा रहे हैं। उस स्थान पर किसी भी तरह की अशुद्धता और कचरा न रहने दें।इसके बाद शुभ मुहूर्त में बप्पा की मूर्ति स्थापित करें।
भगवान गणेश की स्थापना करने के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम पूजा और आरती करें। दोनों समय भगवान गणेश को भोग लगाएं, धूप और दीप दिखाएं।
एक बार भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित हो जाने के बाद उसे वहां से न हटाएं। मूर्ति को वहां से केवल विसर्जन के समय ही हटाया जा सकता है।
साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि गणेश उत्सव के 10 दिनों तक नॉनवेज या शराब आदि का सेवन न करें। न ही ऐसी चीजें घर लेकर आएं। हो सके तो इस दौरान लहसुन और प्याज खाने से बचें।
साथ ही ध्यान रखे कि गणेश जी की स्थापना में 2 से अधिक मूर्ती घर में न हो। गणेेश जी पूजा में एक परिक्रमा लगानी चाहिए।