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Ganga Dussehra Puja Vidhi & Maha Upay: गंगा दशहरा पर करें ये महाउपाय, प्यार-परिवार और पैसे से संबंधित हर बाधा होगी दूर
Ganga Dussehra Puja Vidhi & Maha Upay: जिन लोगों के जीवन मेंधन, संतान, परिवार, गरीबी और बीमारी की समस्या चल रही है। अगर वो लोग गंगा दशहरा के दिन कुछ उपाय करें तो जीवन सार्थक हो जाएगा और हर समस्या का समाधान मिलेगा। सारे उपाय धर्म ग्रंथों और पुराणों में वर्णित तथ्यों के आधार पर बताया जा रहा है
सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया
Ganga Dussehra Puja Vidhi & Maha Upay
गंगा दशहरा पूजा विधि और महाउपाय
मां गंगा को भगीरथ में अपने पितरों की मुक्ति के लिए धरती पर उतारा था। तब से आज तक मां गंगा मनुष्य के पाप कर्मों को धोती रहती है। जो भी मनुष्य गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करता है। उसके सारे बुरे कर्म धूल जाते हैं। गंगा के स्पर्श से मनुष्य को कई जन्मों का पुण्य मिलता है।गंगा दशहरा के दिन सुबह गंगा नदी में स्नान करके सूर्य भगवान ( lord sun) को अर्घ्य दिया जाता है। साथ ही पान के पत्ते पर फूल और अक्षत रखकर जल में प्रवाहित कर दिया जाता है। दशहरा का मतलब है 10 विकारों का नाश होता है। इसलिए दशहरा के दिन शुद्ध मन से मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के समस्त पाप धुल जाते हैं।
मां गंगा पतित पावनी है। गंगा स्नान से हर पाप धूलते है। जन्मदिवस के रुप में गंगा दशहरा (Ganga Dussehra)ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 9 जून को मनाया जाएगा। पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत ये खास दिन होता है। इस बार गंगा दशहरा के दिन चित्रा नक्षत्र और परिघ योग लग रहा है। कहा जा रहा है कि इस बार गंगा दशहरा पर रवि योग में किया गया काम फलित होगा।
गंगा दशहरा की पूजा विधि (Ganga Dussehra Puja Vidhi)
इस दिन सूर्योदय से पहले सुबह उठकर साफ-सफाई करने के बाद गंगा नदी में स्नान करें, अगर संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल से स्नान करें और घर में भी गंगाजल छिड़के। उसके बाद गंगाजल मिलाकर सूर्य को जल चढ़ाए, साथ में गंगाजल से ही शिव का अभिषेक करें। ध्यान पूजा व्रत और मंत्र जाप से मां गंगा का ध्यान करें और मोक्ष की कामना करें। उसके बाद जरूरतमंदों को दान में वस्त्र जूता चप्पल, मिट्टी का मटका और छाता , सत्तू दान करें। घर में माता-पिता और बुजुर्गों को सम्मान दें साथ में पितरों को जल चढ़ाए। आसपास सरोवर, तलाब या गंगा नदी में दीपदान करें । इस दिन बुराई चोरी झूठ फरेब से बचना चाहिए।
सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया
गंगा दशहरा महाउपाय
जिन लोगों के जीवन मेंधन, संतान, परिवार, गरीबी और बीमारी की समस्या चल रही है। अगर वो लोग गंगा दशहरा के दिन कुछ उपाय करें तो जीवन सार्थक हो जाएगा और हर समस्या का समाधान मिलेगा। सारे उपाय धर्म ग्रंथों और पुराणों में वर्णित तथ्यों के आधार पर बताया जा रहा है...
संतान के लिए गंगा दशहरा पर करें ये काम
जो महिलाएं शादी के बहुत दिनों बाद तक संतान सुख नहीं ले पाती है। अगर वो इस दिन षोड्षोचार विधि से पूजा कर दीपदान करती है और साथ में गंगा स्तुति करती है उनकी संतान संबंधी इच्छा पूरी होती है। मां गंगा झोली में गुणवान पुत्र देती है।
बीमारी से बचने के लिए गंगा दशहरा के दिन करें ये काम
इस दिन अगर गंगा नदी में या गंगाजल लेकर घर पर ही स्नान करें तो रोग-दोष का निवारण होता है। घर में गंगाजल छिड़कने और शिव भगवान पर चढ़ाने से महामारी, बीमारी या फिर नकारात्मकता का नाम होता है।
नौकरी व बिजनेस में मिलेगा अच्छा अवसर
जिन लोगों को नौकरी में समस्या है, प्राइवेट नौकरी में काम ज्यादा और सरकारी नौकरी नहीं लग रही है उन लोगों को गंगा दशहरा के दिन मिट्टी के घड़े में पानी भरकर ब्राह्मण को दान करने से नौकरी और बिजनेस संबंधी आर्थिक परेशानी का समाधान होता है।
सौभाग्य के लिए गंगा दशहरा के दिन सुहाग सामग्री
जिन लोगों का विवाह नहीं हो रहा या जो सौभाग्य का वरदान चाहती हैं। अगर वो इस दिन 16 श्रृंगार का सामान गंगा नदी में प्रवाहित करें या किसी पवित्र धाम पर गंगा नदी के पास रख दें तो शादी जल्दी होती है और सुहाग अमर होता है।
दीर्घायु के लिए गंगा दशहरा पर उपाय
गंगा दशहरा के दिन आम , पीपल, बरगद और बेल का पेड़ लगाते हैं तो दीर्घायु होते हैं। साथ में विद्या में बढ़ोतरी होती है। साथ में ऐसे लोगों को उम्रभर परिवार और संतान का सुख मिलता है।
भूत प्रेत से बचने के लिए गंगा दशहरा पर करें उपाय
अगर किसी को बाहरी साया या भूत प्रेत से परेशानी हो रही है तो इस दिन गंगा स्तुति के साथ रवि योग में गंगा जल पीने से भूत-प्रेत का डर नहीं रहता है।
इस बार गंगा दशहरा का दिन इन उपायों को करने के लिए अतिशुभ और फलदायी है। इस दिन गुरु वक्री होंगे और शुभ फलदायी रहेंगे इससे कोरोना का असर तो कम होगा सााथ में कई शुभ परिणाम मिलेंगे।
सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया
गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त
धर्म ग्रंथों के अनुसार शिव की जटा में रहने वाली गंगा जी का पृथ्वी पर उदगम ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में हुआ था। हस्त नक्षत्र का आरंभ 09 जून को सुबह 04 .31 पर हो रहा है और इसका समापन 10 जून को सुबह 04. 26 पर होगा। ऐसे में इस वर्ष गंगा दशहरा 09 जून गुरुवार को मनाया जाएगा।
दशमी तिथि आरंभ: 9 जून 2022 को सुबह 08.21 AM सै
दशमी तिथि समापन: 10 जून 2022 को सुबह 07.25 AM तक रहेगा
अभिजीत मुहूर्त -11:59 AM से 12:52 PM
अमृत काल – 10:27 PM से 12:03 AM
ब्रह्म मुहूर्त –04:08 AM से 04:56 AM
विजय मुहूर्त- 02.14 PM से 03.08 PM
गोधूलि बेला- 06.37 PM से 07.01 PM
निशिता काल- 11.39 PM से 12. 20 AM तक 10 जून
रवि योग- गंगा दशहरा के दिन सुबह से रवि योग रहेगा।
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