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गंगा सप्तमी : कोरोना के चलते नहीं कर सकते गंगा स्नान तो ऐसे करें उपाय

आज गंगा सप्तमी है। इसी दिन मां गंगा का अवतरण हुआ था। वो स्वर्ग से होते हुए शिव की जटाओं में पहुंची थी। इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Suman Mishra | Astrologer
Published on: 18 May 2021 7:45 AM IST
गंगा सप्तमी आज
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कांसेप्ट फोटो( सौ. से सोशल मीडिया)

लखनऊ: आज गंगा सप्तमी है। इसी दिन मां गंगा का अवतरण हुआ था। वो स्वर्ग से होते हुए शिव की जटाओं में पहुंची थी। इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है। जो भी मनुष्य गंगा में स्नान करता है उसको सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस बार कोरोना के चलते गंगा स्नान संभव नहीं है, लेकिन घर रहकर भी आप शुभ मुहूर्त में पूजा कर गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की कृपा प्राप्त कर सकती हैं।

शुभ –मुहूर्त

आज 18 मई को दोपहर 12.32 मिनट से 19मई बुधवार को दोपहर 12.50 मिनट तक सप्तमी तिथि है। इस मुहूर्त में आप मां गंगा की उपसना कर सकते हैं।

क्या है महत्व

हिंदू धर्म में इस दिन यानि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का बहुत महत्व है। मां गंगा पापों का नाश करने वाली और मोक्ष दायनी माना गया है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान करने और पूजा करने से पापों का नाश होता है।

लॉकडाउन में ऐसे पाएं मां गंगा की कृपा

हर तरह की परेशानी से मुक्ति के लिए आज के दिन कुछ उपाय कर सकते हैं। सबसे पहल सुबह स्नान करके गंगा सप्तमी के दिन सुबह और संध्या काल में शिव मंदिर में जाएं और चांदी या अन्य धातु के लोटे में गंगा जल भरकर उसे शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ाएं। मां गंगा और भगवान शिव से मन ही मन धन संकट दूर होने की प्रार्थना करें। मान्यता है कि इससे सभी धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है और घर में सुख समृद्धि आती है।

अगर कोरोना और लॉकडाउन की वजह से मंदिर नहीं जा सकते हैं ना स्नान कर सकते है तो नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बुंद डालकर स्नान करें, इसके अलावा घर पर ही एक बरतन में गंगा पानी भर कर उसमें गंगा जल की कुछ बुंदें डाल दें फिर उसे दीपक फूल अक्षत से पूजा करें और मां गंगा और भोले बाबा का ध्यान करें। हर मनोकामना पूर्ण होगी।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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