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वास्तु दोष को दूर करें, सुख-शांति आएगी आपके द्वार, बदले गंगाजल का स्थान...

suman
Published on: 29 Nov 2018 2:59 AM GMT
वास्तु दोष को दूर करें, सुख-शांति आएगी आपके द्वार, बदले गंगाजल का स्थान...
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जयपुर:मां गंगा का पवित्र जल जीवन के आरंभ से लेकर जीवन के अंत तक हर तरह के कार्यों में काम आता है। गंगा स्नान से पाप तो दूर होते ही हैं, साथ ही कई रोगों से भी मुक्ति मिलती है। वास्तु शास्त्र में भी गंगाजल के प्रयोग से कई दोषों को दूर करने के उपाय बताए गए है।

घर में नियमित गंगाजल का छिड़काव करने से वास्तुदोष दूर हो जाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश होती है। बच्चों को अगर डरावने सपने आते हों तो सोने से पहले उनके बिस्तर पर गंगाजल छिड़क दें। गंगाजल को घर में रखने से हमेशा सुख-संपदा बनी रहती है। गंगाजल अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। घर को परेशानियों ने घेर रखा है तो गंगाजल को पीतल की बोतल में भरकर उत्तर पूर्व दिशा में रखें। सुबह जब भी घर का मुख्य दरवाजा खोलें तो वहां गंगाजल का छिड़काव अवश्य करें।

मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवनदायिनी मां गंगा के पवित्र जल का इस्तेमाल हर काम में होता है। यह पवित्र जल किसी चमत्कार से कम नहीं। हर मांगलिक कार्य या पूजा पाठ में गंगाजल का इस्तेमाल तो होता ही है, घर की शुद्धि में भी इसका विशेष महत्व है। जानते हैं गंगाजल से जुड़ी कुछ आवश्यक बातें।

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घर में रखें गंगाजल का स्थान बदलते रहे

आमतौर पर हर घर में लोग गंगाजल रखते हैं। गंगाजल को कभी अंधेरे स्थान पर न रखें। साथ ही इसके रखने का स्थान बदलते रहें। माना जाता है कि गंगाजल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। अगर इसे आप जगह बदल-बदलकर रखेंगे तो ये पूरे घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देगा।

भगवान शिव, गंगाजल अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं। घर में सबसे पवित्र जगह पर ही गंगाजल को रखें। गंगाजल को कभी गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए। गंगाजल के प्रभाव से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसे अंधेरे कोने में कभी न रखें। घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए प्रत्येक दिन गंगाजल का छिड़काव करें। घर में मौजूद वास्तुदोष भी नियमित गंगाजल के छिड़काव से दूर हो जाते हैं।

अगर बच्चों को डरवाने सपने आते हों तो सोने से पहले बिस्तर पर गंगाजल का छिड़काव करें। गंगाजल को हमेशा पूजा स्थल और किचन में रखें। प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल रखने से इसकी पवित्रता भंग हो जाती है। वैसे भी प्लास्टिक जल प्रदूषण का बड़ा कारण है। गंगाजल को चांदी, तांबे या पीतल के पात्र में ही रखें। जहां भी गंगाजल रखें, वहां की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। अगर कमरे में गंगाजल रखा है तो वहां कभी मांस-मदिरा का सेवन न करें।

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