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Garurd Puran Ka Rahasya : गरुड़ पुराण का रहस्य जानिए क्यों और कब पढ़ना चाहिए गरुड़ पुराण ?

Garurd Puran Ka Rahasya: गरुड़ पुराण पढ़ने का इच्छुक हो तो वह शुद्ध मन से पवित्र होकर गरुड़ पुराण का पाठ कर सकता है। गरुड़ पुराण को पढ सकता है। इससे विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है और अंत में मोक्ष का द्वार प्रशस्त होता है‌।

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 9 May 2023 2:04 PM GMT
Garurd Puran Ka Rahasya : गरुड़ पुराण का रहस्य जानिए क्यों और कब पढ़ना चाहिए गरुड़ पुराण ?
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सांकेतिक तस्वीर,सौ. से सोशल मीडिया

Garurd Puran Ka Rahasya गरुड़ पुराण का रहस्य

यदि आप अभी गरुड़ पुराण को पढ़ना चाहते हैं। अथवा गरुड़ पुराण के बारे में रहस्यमयी बातें जानना चाहते हैं, बताएंगे कि गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए। गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम एवं आश्चर्यजनक लाभ क्या हैं। इन सब की जानकारी आपके साथ साझा कर रहे हैं।

गरुड़ पुराण(Garuda Puran) 18 पुराणों में से एक है। हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण का विशेष महत्व है। इस महान ग्रंथ की रचना महर्षि वेद व्यास ने की थी। इसमें 279 अध्याय तथा 18,000 श्र्लोक हैं। इस ग्रंथ में मृत्यु बाद की घटनाओं, प्रेत लोक, यम लोक, नरक तथा 84 लाख योनियों के नरक जीवन आदि के बारे में विस्तार से बताय गया है। गरुड़ पुराण के अधिष्ठाता भगवान विष्णु (Lord Vishnu) हैं । इस पुराण में श्रीहरि नारायण और उनके वाहन गरुड़ पक्षी (Garuda Bird) के बीच के संवाद का वर्णन है। इसी ग्रंथ में कहा गया है कि अगर कि हमें अपने जीवन में कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। खासकर भोजन से संबंधित मामलों में। क्योंकि हम जैसा अन्न खाते हैं वैसा ही हमारा मन होता है।इसलिए गरुड़ पुराण में समाज में कुछ लोगों के यहां भोजन करने की मनाही है।

एक कथा के अनुसार जब महाभारत का युद्ध चल रहा था तब द्रौपदी ने तीर की शय्या पर पड़े भीष्म पितामह से पूछा कि जब चीर हरण हो रहा था तब आपने क्यों नहीं विरोध किया । इसके जवाब में भीष्म पितामह ने कहा था कि वे कौरवों का अन्न खा रहे थे और अधर्म के साथ थे। उस वक्त उन्हें कुछ भी गलत नहीं लग रहा था। सही कहा था। वैसे भी शास्त्रों में कहा गया है इंसान जैसा खाता है वैसा ही उसकी प्रवृति हो जाती है।

गरुड़ पुराण में साफ- साफ कहा गया है कि इन-इन लोगों के घर और हाथ का बना खाना नहीं खाना चाहिए। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि कोई कितना भी घनिष्ठ क्यों ना हो अगर उसमें कोई भी अवगुण हो तो उसके यहां भोजन नहीं करना चाहिए।

Garurd Puran Kab Padhana Chahiye गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए

18 पुराणों में से गरुड़ पुराण एक अति विशिष्ट एवं रहस्यों से भरा महापुराण है। सामान्य रूप से गरुड़ पुराण का नाम भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के कारण रखा गया है। गरुड़ को कश्यप ऋषि का पुत्र माना गया है और वही गरुड़ भगवान विष्णु के वाहन के रूप में भी जाने जाते हैं। गरुड़ ने अपने भगवान श्री विष्णु नारायण से मृत्यु के पश्चात होने वाली घटनाओं के विषय में बहुत ही गंभीर एवं रहस्यमय प्रश्न पूछे। जिसके फल स्वरुप भगवान विष्णु ने इनका विस्तार पूर्वक उत्तर दिया। इन प्रश्नों एवं उत्तरों का वर्णन गरुड़ पुराण में किया गया है। गरुड़ पुराण में विभिन्न प्रेत कल्प, मृत्यु के पश्चात होने वाली भयंकर सी घटनाएं एवं पाप कर्म, पुण्यकर्म फलों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है। गरुड़ पुराण क्यों पढ़ना चाहिए और गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए?

गरुड़ पुराण को पढ़ने के लिए बहुत से नियम है। धर्मशास्त्र की मानें तो गरुड़ पुराण मृत्यु के बाद ही पढ़ा जाता है। अर्थात जिस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसे गरुड़ पुराण सुनाया जाता है। कहा जाता है कि मनुष्य की मृत्यु के बाद जब उसे गरुड़ पुराण सुनाया जाता है तो इससे उसे सद्गति अर्थात मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि गरुड़ पुराण को अवश्य पढ़ना चाहिए। गरुड़ पुराण मैं तुझसे पहले भी पढ़ा जा सकता है। जी हां, यदि कोई व्यक्ति गरुड़ पुराण पढ़ने का इच्छुक हो तो वह शुद्ध मन से पवित्र होकर गरुड़ पुराण का पाठ कर सकता है। गरुड़ पुराण को पढ सकता है। इससे विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है और अंत में मोक्ष का द्वार प्रशस्त होता है‌।

Garurd Puran Ke Niyam गरुड़ पुराण के नियम

गरुड़ पुराण एक रहस्यात्मक पुराण है। गरुड़ पुराण को पढ़ने से पहले कुछ सावधानियां अवश्य बरतनी चाहिए। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद की स्थितियों का वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण मृत व्यक्ति को ही सुनाया जाता है। मृत्यु के दिन से लेकर 13 दिन तक व्यक्ति अपनों के बीच ही रहता है। इसलिए इन 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ करने का विधान है। 13 दिन तक गरुड़ पुराण का पाठ करने से मृतक व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कुछ लोगों के मन में यह जिज्ञासा एवं संदेह सा बना रहता है कि गरुड़ पुराण की किताब को घर में रखे या ना रखें। यहां तक कि समाज में इस प्रकार की भ्रांतियां भी हैं कि गरुड़ पुराण को घर में नहीं रखना चाहिए, जो कि सर्वथा अनुचित है।

गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक अति विशिष्ट पुराण है जो कि मोक्ष का साधन भूत है। अतः घर में गरुड़ पुराण की पुस्तक अवश्य रखनी चाहिए। घर में गरुड़ पुराण की पुस्तक रखने से विभिन्न प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा एवं विभिन्न प्रकार के रोग दोष आदि से छुटकारा मिलता है।

गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए गरुड़ पुराण क्यों पढ़ना चाहिए यह तो आपने समझ लिया है लेकिन शायद आपको यह पता ना हो कि गरुड़ पुराण पढ़ने से बहुत ही आश्चर्यजनक लाभ देखने को मिलते हैं जी हां गरुण पुराण पढ़ने से आध्यात्मिक मानसिक एवं भौतिक तीनों प्रकार के लाभ होते हैं।

गरुड़ पुराण घर में रखने से क्या होता है?

जिस घर में गरुड़ पुराण की पुस्तक रखी होती है उस घर में किसी भी प्रकार का भूत प्रेत आदि भय नहीं होता है। गरुड़ पुराण को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का शमन होता है।

गरुड़ पुराण कितने दिन का होता है?

गरुड़ पुराण मृत्यु के बाद 13 दिन तक किया जाता है। मृत्यु होने के बाद तेरहवीं तक रोज गरुड़ पुराण का पाठ करने से सद्गति की प्राप्ति होती है। धर्म एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है तथा सत्कर्मों की ओर प्रवृत्ति होती है। मृत्यु के बाद मुक्ति का द्वार खुलता है।

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Suman Mishra। Astrologer

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