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Good Friday Today : प्रेम व बलिदान का संदेश देते हैं प्रभु यीशु, जानिए क्यों कहते हैं इस दिन को 'गुड फ्राइडे'

Good Friday Today : ईसाई धर्म में प्रभु ईसा के संदेशों ,त्याग और बलिदान को याद करने के लिए गुड फ्राइडे मनाया जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन प्रभु ईसा को सूली पर चढ़ाया गया था, लेकिन तीन दिन बाद ईस्टर संडे को जीवित हो आए और प्रभु ईसा ने लोगों करूणा और प्रेम का संदेश दिया।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 15 April 2022 8:55 AM IST
Good Friday Today
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Good Friday Today

गुड फ्राइडे आज

हर साल ईसाई समुदाय प्रभु ईसा मसीह की क्रूस पर बलिदान की वर्षगांठ को गुड फ्रायडे (Good Friday) या शुभ शुक्रवार के रूप में मनाता है। इसके पहले के 40 दिनों में उपवास, ईश वचन पठन, त्याग व तपस्या करते हैं।ईसा मसीह के यरुशलम में विजयी प्रवेश को खजूर रविवार के नाम से मनाया जाता है, क्योंकि लोगों ने ईसा के स्वागत में खजूर की डालियां और कपड़े उनके रास्ते में बिछा दिए थे। खजूर रविवार से पवित्र सप्ताह प्रारंभ होता है जो कि प्रभु के पुनर्जीवित होने के पावन दिन 'ईस्टर संडे' (Easter Sunday) तक चलता है।

इस गुड फ्राइडे 15 अप्रैल 2022 को और ईस्टर संडे 17 अप्रैल को मनाया जाएगा। ईसाई धर्मानुसार रविवार के दिन यीशु ने येरुशलम में आए थे। तब प्रभु ईसु गधे पर चढ़कर यरुशलम पहुंचे थे और लोगों ने खजूर की डालियां ने वेलकम किया था। य

गुड फ्राइडे क्यों कहते हैं?

प्रभु ईसा मसीह, लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश देकर अच्छाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे थे। धार्मिक अंधविश्वास करने वाले लोगों ने उन पर राजद्रोह का आरोप लगा दिया। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया गया। जिस दिन प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है। प्रभु यीशु के बलिदान की वजह से इस दिन को गुड फ्राइडे कहते हैं।

गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी संडे को प्रभु ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए और 40 दिन तक लोगों के बीच उपदेश देते रहे। उनके दोबारा जीवित होने की घटना को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को चर्च में उनके जीवन के आखिरी पलों को दोहराया जाता है और लोगों की सेवा की जाती है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया


ईस्टर क्या है?

इसाई धर्म में ईस्टर एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। ईस्टर पर्व प्रभु यीशु मसीह के पुनर्जन्म की खुशी में मनाया जाता है। इसाई धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जब यीशु मसीह को सूली पर लटका दिया गया था, तब वह तीन दिन बाद फिर से जीवित हो गए थे। तब से इस दिन को इसाई धर्म के अनुयायी ईस्टर दिवस के रूप में मनाते हैं। यह पर्व नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

ईसाई समुदाय का प्रमुख पर्व है। ईसाई समुदाय के लोग इस त्योहार को काले दिवस के रूप में मनाते हैं। इस त्योहार को अन्य नामों जैसे ब्लैक फ्राइडे (Black Friday ) ,होली फ्राइडे ((Holy Friday)) या ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। ईसाई मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि गुड फ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था।

ईसाई मान्यता के अनुसार गुड फ्राइडे ईस्टर को पड़ने वाला फ्राइडे होता है, जिसकी गणना पूर्वी और पश्चिमी ईसाईयत के आधार पर भिन्न-भिन्न तरह से होती है। जहां पश्चिमी ईसाईयत की गणना में जोर्जियन कैलेंडर का उपयोग होता है, तो वहीं पूर्वी ईसाईयत की गणना के लिए जूलियन कैलेंडर का प्रयोग किया जाता है।ईसाई मान्यताओं को मानने वाले लोग गुड फ्राइडे का पर्व इसलिए मनाते हैं क्योंकि आज ही के दिन प्रभु यीशु (ईसा मसीह) को सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए लोग इस दिन उनके बलिदान को याद करते हैं। वे प्रेम और शांति के मसीहा थे।

क्या करते हैं गुड फ्राइडे के दिन

हालांकि कहते हैं कि प्रभु यीशु इस घटना के तीन दिन बाद पुनः जीवित हो उठे थे। गुड फ्राइडे के दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में प्रार्थना करने के लिए जाते हैं। इस दिन गिरजाघरों में घंटा नहीं बजाया जाता है, बल्कि लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं। लोग चर्च में क्रॉस को चूमकर उनका स्मरण करते हैं। इस दिन दान-धर्म के कार्य भी किए जाते हैं। और प्रभु ईसा के बताये राह पर चलने का संकल्प लेते हैँ।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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