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आ गया Good Friday 2021, जानें क्या है इसका महत्व, मनाया जाएगा कब
गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं
लखनऊ : ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे का दिन काले दिवस के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं। इस दिन ईसा मसीह को मानवीय और प्रेम के संदेश देने के बदले में तत्कालीन धार्मिक कट्टरपंथियों, पाखंडियों ने अपने लिये ख़तरा समझते हुए रोम के शासक से शिकायत कर उन्हें सूली पर चढ़ावा दिया था, लेकिन ईश्वर के इस पुत्र ने तब भी प्रभु से यही प्रार्थना की कि हे ईश्वर इन्हें माफ करना, इन्हें बोध नहीं है कि ये क्या कर रहे हैं। उन्हीं के बलिदान के उपलक्ष्य में गुड फ्राइडे मनाया जाता है।गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे , ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं।
मानवता का उपदेश
कहा जाता है कि 2000 साल पहले येरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश दे रहे थे। उनके उपदेशों से प्रभावित होकर वहां के लोगों ने उन्हें ईश्वर मानना शुरू कर दिया था। इस बात से वहां धार्मिक अंधविश्वास फैलाने वाले धर्मगुरु उनसे चिढ़ने लग गए थे। लोगों के बीच ईसा की बढ़ती लोकप्रियता वहां के धर्मगुरुओं का अखरने लगी थी। उन्होंने ईसा की शिकायत रोम के शासक पिलातुस से कर दी थी। उन्होंने पिलातुस को बताया कि खुद को ईश्वरपुत्र बताने वाला यह युवक पापी होने के साथ ईश्वर राज की बातें भी करता है।शिकायत मिलने के बाद ईसा पर धर्म की अवमानना के साथ राजद्रोह का आरोप लगाया गया। इसके बाद ईसा को क्रूज पर मत्यु दंड देने का फरमान जारी कर दिया गया। कोड़ें-चाबुक बरसाने और कांटों का ताज पहनाने के बाद कीलों से ठोकते हुए उन्हें सूली पर लटका दिया गया। बाइबल के अनुसार ईसा को जिस जगह सूली पर चढ़ाया गया था, उसका नाम गोलगोथा है।
गोलगोथा एक उंचा टीला था, जहां प्रभु यीशु ने अंतीम सांस ली थी।अंत में उन्होंने परमपिता परमेश्वर से कहा- हे पिता, मैं अपनी आत्मा को तुझे सौंपता हूं। बताया जाता है कि जब ईसा मसीह छह घंटों के लिए सूली पर लटके थे, तो उनमें से तीन घंटों के लिए पूरे राज्य में अंधेरा हो गया था और एक तेज जलजला आया। कब्रों की कपाटें टूटकर खुल गईं और पवित्र मंदिर का परदा नीचे तक फट गया था।
'शोक दिवस'
ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस दिन ईसा मसीह ने अपने प्राण त्यागे थे।वह दिन शुक्रवार का था और इसी की याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता है। परन्तु मान्यता है कि ईसा मसीह अपने मृत्यु के तीन दिन बाद पुन: जीवित हुए थे और उस दिन रविवार था|।तब से इसे ईस्टर सण्डे कहते हैं।
गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले अनुयायी गिरजाघर जाकर प्रभु यीशु के दिए हुए मानवता के सन्देश और उनके बलिदान को याद करते हैं। इस दिन चर्च में घंटा नहीं बजाया जाता बल्कि इसके बदले लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है। लोग भगवान ईसा मसीह के प्रतीक क्रॉस को चूमकर उन्हें याद करते हैं।
ईस्टर सन्डेयह त्योहार पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है, जो ईस्टर सन्डे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता है और इसका पालन पाश्कल ट्रीडम के अंश के तौर पर किया जाता है और यह अक्सर यहूदियों के पासोवर के साथ पड़ता है। इस बार गुड फ्राइडे 2 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन को पुण्य शुक्रवार भी कहा जाता है। ये दिन ईसाइयों के लिए बहुत खास होता है। यह ईसाई समुदाय के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन को 'शोक दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। यही वो दिन था जिस दिन प्रभु ईसा मसीह को तमाम शारीरक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था।