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Gupt Navratri 2022 Kab Hai : कब से शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि 2022, तंत्र-मंत्र-साधना का दिन, जानिए टोटके और साधक मंत्र
Gupt Navratri 2022 Kab Hai : हर साल चार नवरात्रि आती है। चैत्र और आश्विन में आने वाली नवरात्रि को प्रवत नवरात्रि और माघ और आषाढ़ में आती है उसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।गुप्त नवरात्रि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि से कई मायनों में अलग है।
सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया
Gupt Navratri 2022 Kab Hai
गुप्त नवरात्रि 2022 कब है
शक्ति की आराधना का दिन होता है नवरात्रि। जो हिंदुओं के लिए बहुत खास त्योहार होता है। इस दौरा शक्ति की पूजा की जाती है। नवरात्रि शब्द संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब है 'नौ रातें'। बता दें, इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। बता दें, नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है। माघ, चैत्र, आषाढ,अश्विन मास में ।
बता दें कि हर साल चार नवरात्रि आती है। चैत्र और आश्विन में आने वाली नवरात्रि को प्रवत नवरात्रि और माघ और आषाढ़ में आती है उसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार आषाढ़ में आने वाली गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू हो रही हैं।आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि का तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना के लिए विशेष महत्व होता है.ऐसी मान्यता है कि तंत्र मंत्र की सिद्धि के लिए इस समय की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है. इस नवरात्रि में माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ ध्रूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है।
इस साल आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून 2022 कल गुरुवार से प्रतिपदा से शुरू हो रहा है जो 9 जुलाई 2022 शनिवार तक होगा।
गुप्त नवरात्रि क्या है
यह नवरात्रि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्री से कई मायनों में अलग है। वैसे तो इस नवरात्रि साधक गुप्त साधना कर सकते हैं, लेकिन इस नवरात्रि की साधना संत और साधु समाज खास तौर पर करता है। इस अघोरी और तांत्रिक समाज 9 दिन तक तंत्र शक्ति को जागृत करने के लिए देवी की 10 महाविद्याओं का आहावान करते हैं। इस नवरात्रि में मां काली के रुपों की पूजा का विधान है। जबकि शारदीय और चैत नवरात्रि में मां दुर्गा के रुप की पूजा की जाती है। इसे गृहस्थ वर्ग भी धूमधाम से करते हैं।
गुप्त नवरात्रि 2022 कब है शुभ मुहूर्त
आषाढ़ मास के रविवार को गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू होकर 9 जुलाई तक होगी। गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि का समाप्ति - 30 जून 2022, सुबह 10 बजकर 49 मिनट।घट स्थापना मुहूर्त - 30 जून 2022, सुबह 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 43 मिनट तक। अभिजित मुहूर्त - 30 जून 2022, सुबह 11 बजकर 57 से 12 बजकर 53 मिनट तक।
इसमें नौ देवियाँ है :- शैलपुत्री पहाड़ों की पुत्री ,ब्रह्मचारिणी – ब्रह्मचारीणी, चंद्रघंटा - चाँद की तरह चमकने वाली। कूष्माण्डा - पूरा जगत उनके पैर में , स्कंदमाता - कार्तिक स्वामी की माता, कात्यायनी - कात्यायन आश्रम में जन्मि, कालरात्रि - काल का नाश करने वली। महागौरी -सफेद रंग वाली मां, सिद्धिदात्री -सर्व सिद्धि देने वाली देवी की पूजा की जाती है।
गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के पहले दिन सुबह साफ-सफाई और स्नान के बाद घटस्थापना के साथ नौ दिन के व्रत का संकल्प लेकर मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इसमें आम के पल्लव, जौ, मिट्टी और पूजन सामग्री के साथ विधि-विधान से मां दुर्गा का 9 दिन पूजन करते हैं। इसके बाद अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का उद्यापन करके कन्याओं को पूजन और भोज करवाया जाता है। इस दौरान तंत्र साधना से जुड़े लोग गुप्त नवरात्रि के दिनों में माता के नवरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की साधना करते हैं। इन दस महाविद्याओं में मां काली, तारा देवी, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुरा भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी शामिल है।
आर्थिक समृद्धि व सुख, यश और वैभव की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि में सुबह के समय मां दुर्गा को सफेद फूल और शाम के समय लाल फूल पूजा के दौरान अर्पित करें। सुबह और शाम की पूजा में इस मंत्र का जाप 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ज्वल हं सं लं फट् स्वाहा' 108 बार करें और नवमी के दिन कन्याओं को भोजन कराएं।
गुप्त नवरात्रि के साधक मंत्र
ॐ हृीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।।
ऊँ हृीं स्त्रीं हुम फट् ।।
ऐं हृीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः ।।
हृीं भुवनेश्वरीयै हृीं नमः ।।
श्रीं हृीं ऐं वज्र वैरोचानियै हृीं फट स्वाहा।।
ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहाः
ऊँ हृीं बगुलामुखी देव्यै हृीं ओम नमः
ऊँ ह्नीं ऐ भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा ।। दसवीं महाविद्या – कमला
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।
गुप्त नवरात्रि में आजमाएं धन पाने के टोटके
आषाढ़ में गुप्त नवरात्रि के दौरान रोज शाम के वक्त मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके अलावा श्रीसूक्त का पाठ करें। पूजा के समय दोनों वक्त 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ज्वल हं सं लं फट् स्वाहा' इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी दिन कच्चे सूत को हल्दी से रंगकर पीला कर लें। इसके बाद इसे मां लक्ष्मी को समर्पित करके गले में धारण करें। बिजनेस में धन लाभ का योग बनेगा।
प्रतिदिन सुबह मां दुर्गा की पूजा करें। पूजन के वक्त माता को लाल फूल चढ़ाएं। इसके बाद उनके सामने सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। मां से कर्ज से मुक्ति की प्रार्थना करें. सुबह की पूजा में माता को सफेद फूल और शाम की पूजा में लाल पुष्प अर्पित करें।
गुप्त नवरात्रि के दौरान लाल आसन पर बैठकर माता की उपासना करें। लाल कपड़े में 9 लौंग रखकर पूरे नौ दिन माता को चढ़ाएं। रोजाना कपूर से माता की आरती करें। नवरात्रि समाप्त होने के बाद सारे लौंग लाल कपड़े में बांधकर सुरक्षित रखें। इससे धन की समस्या दूर होगी।