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Guru Grah 2025 Me Kab Asat Honge:2025 में कब होंगे बृहस्पति अस्त?,जानिए किन लोगों की बदलेगी किस्मत

Guru Grah 2025 Me Kab Asat Honge: गुरु ग्रह अगर शुभ रहता है तो उसका लोगों पर कैसा पड़ेगा। इसलिए 2025 में गुरु के परिवर्तन से राशि पर कितना प्रभाव पड़ने वाला है,... जानते है.

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 11 Dec 2024 12:14 PM IST (Updated on: 11 Dec 2024 12:14 PM IST)
Guru Grah 2025 Me Kab Asat Honge:2025 में कब होंगे बृहस्पति अस्त?,जानिए किन लोगों की बदलेगी किस्मत
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Guru Grah 2025 Me Kab Asat Honge: धर्मानुसार गुरु ग्रह अगर अच्छा है, तो लोगों के साथ अच्छा रहेगा। ज्योतिष में बृहस्पति को सबसे शुभ ग्रह माना गया है। साल 2025 में गुरु बृहस्पति 27 दिनों के लिए अस्त रहेंगे, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा। उनकी अस्त अवधि में शादी-विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

2025 में कब होंगे बृहस्पति अस्त?

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, बृहस्पति 12 जून 2025 की शाम 7:56 बजे अस्त होंगे और 9 जुलाई 2025 को सुबह 4:44 बजे उदय होंगे। इस 27 दिन की अवधि में कई राशियों को सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव महसूस होंगे।

पहला गोचर: वृषभ से मिथुन राशि में

तिथि: 15 मई 2025

समय: सुबह 2:30 बजे

प्रभाव: बृहस्पति वृषभ राशि से निकलकर बुध के स्वामित्व वाली मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। यह परिवर्तन संचार, ज्ञान, और व्यापार में नए अवसर ला सकता है।

दूसरा गोचर: मिथुन से कर्क राशि में

तिथि: 18 अक्टूबर 2025

समय: रात 9:39 बजे

प्रभाव: गुरु चंद्रमा की स्वामित्व वाली कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान भावनात्मक स्थिरता, पारिवारिक संबंधों में सुधार और समृद्धि के नए द्वार खुल सकते हैं।

तीसरा गोचर: कर्क से वापस मिथुन राशि में (वक्री अवस्था)

तिथि: 4 दिसंबर 2025

समय: रात 8:39 बजे

प्रभाव: वक्री अवस्था में बृहस्पति कर्क राशि से वापस मिथुन राशि में आएंगे। इस दौरान पुराने मुद्दों पर पुनर्विचार, रुके हुए कामों में प्रगति और मानसिक स्पष्टता की स्थिति बनेगी।

गुरु के गोचर का राशियों पर प्रभाव

बृहस्पति के इन गोचरों का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग होगा। कुछ राशियों के लिए यह समय विशेष लाभकारी रहेगा, जबकि अन्य राशियों को धैर्य और संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता होगी। गुरु बृहस्पति के ये गोचर ज्ञान, समृद्धि, और आध्यात्मिक विकास का संकेत देते हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।बृहस्पति ज्ञान, बुद्धि, धर्म, धन, विवाह और संतान जैसे जीवन के कई क्षेत्रों के कारक माने जाते हैं। उनके अस्त होने से पांच राशियों को विशेष लाभ हो सकता है। इन भाग्यशाली राशियों के बारे में जानते हैं।

मेष राशि- मेष राशि के जातकों के लिए यह समय धैर्य और शांति का रहेगा।करियर में नई ऊंचाइयां छूने के अवसर मिलेंगे।आय में वृद्धि होगी और व्यापार में विस्तार होगा।उद्योग-धंधों में लाभ और अचानक धन लाभ हो सकता है।छात्र वर्ग को परीक्षा और प्रोजेक्ट्स में सफलता मिलेगी।पारिवारिक माहौल सुखद रहेगा, और माता-पिता के स्वास्थ्य में सुधार होगा।

वृषभ राशि जातकों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और निर्णायक क्षमता में सुधार होगा।निवेश और बचत में सफलता मिलेगी।ऑफिस में जिम्मेदारियों को निभाने में सफलता मिलेगी और सहकर्मियों का सम्मान प्राप्त होगा।व्यापार में स्थिरता और निवेश से लाभ होगा।सरकारी नौकरियों की प्रतियोगिताओं में सफलता मिलेगी।पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी और जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर रहेंगे।

कर्क राशि जातक इस दौरान परिवार और दोस्तों के साथ अधिक समय बिताएंगे।पारिवारिक व्यवसाय में इनकम में वृद्धि होगी।ऑफिस में सहयोग मिलेगा और नए प्रोजेक्ट्स के लिए समय अनुकूल रहेगा।अचानक धन लाभ और संपत्ति मिलने की संभावना है।स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी।रिश्तों में मधुरता और नए संबंध बनने के योग हैं।

तुला राशि के जातकों को संतुलन बनाए रखने और संबंधों को सुधारने का अवसर मिलेगा।ऑफिस में अपनी जिम्मेदारियां निभाने में सफलता मिलेगी।व्यापार में विस्तार और पर्याप्त धन अर्जन के अवसर मिलेंगे।छात्र उच्च शिक्षा के लिए अच्छे संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करेंगे।पारिवारिक संबंधों में मधुरता और प्रेम जीवन में गहराई आएगी।

मीन राशि के जातक इस अवधि में अधिक आध्यात्मिक और रचनात्मक होंगे।दूसरों की मदद करने और अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करने के अवसर मिलेंगे।अतिरिक्त आमदनी के नए स्रोत बनेंगे और व्यापार में स्थिरता आएगी।पुराने कर्ज चुकाने में आसानी होगी।छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर मिलेंगे।परिवार के साथ समय बिताने और प्रेम संबंधों में खुशियां पाने का समय रहेगा। इन राशियों के लिए गुरु का अस्त समय अनुकूल रहेगा, जबकि अन्य राशियों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।
गुरु ग्रह का महत्व

ज्योतिष में गुरु ग्रह को देवगुरु बृहस्पति के नाम से भी जाना जाता है। गुरु ग्रह को दो राशियां को स्वामित्व प्राप्त है। गुरु संतान, विवाह, धन, शिक्षा, धर्म, करियर आदि के कारक ग्रह माने गए हैं। जिन जातकों की कुंडली में गुरु ग्रह बली होते हैं, अच्छे भाव में होते हैं और शुभ ग्रहों से संबंध रहता है तो ऐसा जातक अपने जीवन में खूब तरक्की, मान-सम्मान और वैभव हासिल करने में कामयाब होता है।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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