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देवगुरु बृहस्पति का गोचर, जानते हैं 1 साल तक क्या पड़ेगा आपकी राशि पर प्रभाव
लखनऊ: ज्योतिष शास्त्र हमें सौरमंडल में मौजूद ग्रहों की बदलती स्थिति से हमारा जीवन भी प्रभावित होती है। इस साल 12 सितंबर को गुरु ग्रह का स्थानांतरण होगा। कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे और लगभग ग्यारह महीने तक यहीं रहेंगे।
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देवगुरू बृहस्पति ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सबसे मजबूत और विशाल ग्रह माने जाते हैं। इनका प्रभाव यदि कुंडली में अच्छा है तो यह उमीद से अधिक लाभ दिलाएंगे किंतु वहीं दूसरी ओर गुरु ग्रह का कमजोर होना जातक के जीवन की तमाम खुशियों को आने से पहले ही नष्ट कर देता है। यदि किसी जातक की दशा, अंतर्दशा या महादशा चल रही है और उसका प्रभाव शुभ या अशुभ है तो गोचर के दौरान उसे उसका प्रभाव कई गुणा अधिक देखने को मिलेगा। यानि कि शुभ स्थिति और मजबूत हो जाएगी और अशुभ स्थिति में बैठे गुरु जातकों की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ा देंगे। लेकिन ज्योतिष की बारह राशियों पर इस होने वाले गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा
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मेष के स्वामी ग्रह मंगल हैं जो कि गुरु ग्रह के मित्र हैं, तो संभव है कि इस राशि के जातकों को अधिक नुकसान नहीं होगा। इस राशि में गुरु सातवें भाव में गोचर करेंगे, परिणाम स्वरूप बिजनेस करने वालों को लाभ होगा। वे लोग जो साझेदारी का बिजनेस करते हैं, उन्हें अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। शिक्षा, यात्रा, प्रमोशन आदि क्षेत्रों में सफलता मिलेगी।
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वृषभ के स्वामी ग्रह शुक्र हैं जो कि गुरु ग्रह के शत्रु ग्रह हैं। इस गोचर के दौरान आपको बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। गुरु आपकी राशि के छठे भाव में गोचर करेंगे जिसके कारण आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। आपके कॅरियर में आप अच्छा परफार्म करेंगे। किंतु यह गोचर आपके स्वास्थ्य पर अटैक करेगा, इसलिए पहले से ही सावधानी बनाए रखें। गुरु आपकी राशि के पांचवें भाव में गोचर करेंगे,
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मिथुन के स्वामी ग्रह बुध हैं जिसकी गुरु से शत्रुता होना इस राशि के लोगों को भारी पड़ेगा। लेकिन जिन लोगों की राशि में गुरु की स्थिति मजबूत होगी उन्हें इस गोचर का काफी लाभ मिलने वाला है। कॅरियर, बिजनेस से लेकर रोमांस और शादीशुदा जीवन तक हर चीज आनंद उठाएंगे ये लोग।
आगे... कर्क गुरु ग्रह से चंद्रमा की मित्रता और राशि में गुरु का उच्च स्थान दोनों ही इस राशि के जातकों के लिए फायदेमंद होने वाला है। इस दौरान जिन जातकों की कुंडली में गुरु मजबूत होंगे, उन्हें कई गुणा अधिक लाभ होगा। यह गोचर आपके आत्मविश्वास को बढ़ावा देगा, परिवार में खुशियां लाएगा और एक-एक करके आपकी कई इच्छाओं को पूर्ण कर सकता है।
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सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य, जो कि ग्रुह ग्रह का मित्र है, यह आपको सफलता दिलाएगा। संभव है कि ऑफिस या बिजनेस में आपको कोई बड़ी सफलता हाथ लग जाए। आपका बढ़ता आत्मविश्वास आपके जीवन को बदलकर रख देगा। कुल मिलाकर यह गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए शुभ होने वाला है।
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गुरु ग्रह का कन्या राशि के दूसरे भाव में गोचर होगा, फलस्वरूप यह गोचर लाभदायी होगा। आर्थिक मोर्चे पर आप सफलता हासिल करेंगे। कोई पुराना फंसा हुआ धन लौटकर वापस आएगा। किंतु इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है जिसकी गुरु ग्रह से शत्रुता इस राशि के जातकों के लिए कष्ट पैदा कर सकती है।
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तुला राशि के लग्न भाव में ही देवगुरू बृहस्पति का आना काफी प्रभावशाली होगा। इस राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान सबसे अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, जिसके दो कारण हैं – पहला तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र, गुरु का प्रबलतम शत्रु है और शुक्र हमेशा ही गुरु पर हावी रहा है जिसके कारण संभव है कि गोचर के दौरान शुभ घटना भी अशुभ में बदल सकती है। सरा, यदि तुला राशि के किसी जातक की दशा या अंतर्दशा चल रही है तो सावधान रहना होगा, यह स्वास्थ्य और धन दोनों पर ही बुरा प्रभाव लाएगा। लेकिन खुद पर विश्वास बनाए रखने वाले जातक कठिन परिस्थितियों से बाहर जरूर आ जाएंगे।
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वृश्चिक का स्वामी ग्रह मंगल (गुरु ग्रह का मित्र) इस गोचर के दौरान इस राशि के जातकों को लाभ दिलाएगा। इस दौरान वृश्चिक राशि के जातक उन गतिविधियों का आनंद ले सकते है जो अंदरूनी गहरी छाप छोड़ें। आप अधिक दयालु, समझदार और संवेदनशील हो सकते है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि इस दौरान भाग्य आपका साथ देगा। यह गुरु ग्रह की अपनी राशि है, जिसका लाभ इस राशि के जातकों को देखने को मिल सकता है। नए संपर्क बनेंगे, साथ ही पुराने दोस्तों का भी पूरा सपोर्ट मिलेगा। आपको इस दौरान कॅरियर में खास ग्रोथ मिलेगी। संभव है कि आप किसी नए प्रोजेक्ट का हिस्सा बनें। इस गोचर का और भी अधिक लाभ पाने के लिए गुरु ग्रह को मजबूत बनाए के उपाय करें।
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गुरु ग्रह के गोचर के बाद मकर राशि के जातकों को 2 कारणों से सावधान रहना होगा – पहला, इस राशि का स्वामी ग्रह शनि है जो कि गुरु का सम ग्रह है, तो संभव है कि नुकसान हुआ तो उसे कम करना मुश्किल हो जाएगा। दूसरा कारण, गुरु ग्रह का मकर राशि में नीच का स्थान होता है, जो कि नुकसानदेह साबित हो सकता है। लेकिन ज्योतिष अवलोकन के अनुसार यह गोचर, जो कि इस राशि के दसवें भाव में हो रहा है, वह कुछ जातकों को कॅरियर के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल कराएगा। इस अवधि में नौकरी में प्रमोशन, नर्इ नौकरी के अवसर, महत्वपूर्ण इनाम या बल्कि शादी की संभावना है।
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शनि की राशि कुम्भ के लिए गुरु ग्रह का यह गोचर मिलाजुला रहेगा। नौवें भाव में गुरु का आना यात्रा, पढ़ार्इ, विदेशगमन के नए अवसर दिला सकता है। अगर कोई नई बिजनेस डील करने का सोच रहे हैं तब भी यह समय अच्छा रहेगा। जिन जातकों की कुंडली में गुरु और शनि दोनों का स्थान मजबूत होगा, उन्हें इस गोचर के दौरान कई सारे लाभ प्राप्त होंगे।
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मीन राशि का स्वामी ग्रह स्वयं गुरु ही है, तो संभव है कि जीवन में अधिक बदलाव ना आएं लेकिन हर पल सावधानी बनाए रखें। गोचर आपकी राशि के आठवें भाव में हो रहा है, जिसके कारण फाइनेंस, लोन, टैक्स, सेक्सुएलिटी, इंटिमेसी आदि मामलों में लाभ प्राप्त कर सकते हैं। गोचर का अधिक लाभ उठाने के लिए गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय कर सकते हैं। लिए अब आपको गुरु ग्रह को मजबूत करने के सरल किंतु प्रभावशाली उपाय बताते हैं। गुरुवार देवगुरु बृहस्पति को समर्पित दिन माना गया है, तो इसदिन पीला अनाज या वस्तुएं अवश्य दान करें। पीले वस्त्र पहनें और किसी का बुरा ना सोचें ना ही कोई अपशब्द बोलें। इस दिन बाल धोने से बचें और संभव हो तो काले वस्त्र धारण ना करें।