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Guru Purnima 2022 Rajyoga: गुरु पूर्णिमा पर करें राशि के अनुसार मंत्र जाप, जानिए बन रहें शुभ योगों की खासियत, जो बनाएंगे आपको मालामाल

Guru Purnima 2022 Rajyoga:गुरुओं के सम्मान में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस बार हंस , शश, रूचक, भद्र और बुद्धादित्य योग इस दिन बन रहा है जो आपको विशेष फल देने वाला है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 13 July 2022 1:30 AM GMT (Updated on: 13 July 2022 2:40 AM GMT)
Guru Purnima 2022 Shubh Rajyoga
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Guru Purnima 2022 Shubh Rajyoga

गुरु पूर्णिमा 2022 शुभ राजयोग

अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले गुरु की जयंती गुरु पूर्णिमा ( Guru Purnima) 13 जुलाई 2022 को है। गुरु संस्कृत गु और रू से बना है। जिसका अर्थ होता है- अँधकार का निराकरण। जैसे हमारे गुरु मन मस्तिष्क में ज्ञान का संचार कर चेतना जगाते हैं। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन को गुरु के सम्मान में गुरु दिवस के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन समस्त वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। महर्षि वेद व्यास को चारों वेदों का ज्ञान था। आप भी इस अपने गुरु को सम्मान देकर अपने ज्ञान और इस दिन को सार्थक बनायें।

गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त ( Guru Purnima shubh muhurat)

इस दिन पूर्णिमा तिथि 12 जुलाई को सुबह 09:43 से शुरू होकर 13 जुलाई को 07:52 मिनट पर समाप्त होगी।इस बहुत सारे शुभ योग बन रहे है। इस दिन बुधादित्य योग के साथ सूर्य, शनि और मंगल अपनी कृपा बरसा रहे है। इस दिन इंद्र योग और नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा 11:18 PM तक फिर उत्तराषाढ़ा रहेगा। गुरु पूर्णिमा पर प्रात: काल से ही इंद्र योग बन रहा है जो कि दोपहर 12 . 45 मिनट तक रहेगा। वहीं रात 11 . 18 मिनट तक पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा। ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए काफी शुभ हैं। चार राजयोग बनने का बेहद शुभ संयोग बन रहा है।

अभिजीत मुहूर्त - नहीं है

अमृत काल - 07:07 PM से 08:31 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:15 AM से 05:09 AM

शुभ योग - गुरु पूर्णिमा के दिन तीन प्रमुख ग्रह एक साथ एक ही राशि में विराजमान रहेंगे, जिससे त्रिग्रही योग बनेगा। इस दिन सूर्य, मंगल ,शुक्र व बुध ग्रह मिथुन राशि में एक साथ मौजूद रहेंगे।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

गुरु पूर्णिमा के दिन बन रहा राजयोग

गुरु पूर्णिमा पर शुभ संयोग से राज योग बन रहे हैं। इस वजह से यह दिन और भी खास हो जाता है। 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से चार राजयोग बन रहे हैं। इस दिन गुरु, मंगल, बुध और शनि ग्रहों शुभ योग से बन रहा कई योग। जैसे सूर्य के बुध में रहने से बुधादित्य योग, मंगल के मेष में युति भद्र या रूचक योग, केंद्र में गुरु-मीन की युति से हंस योग, शनि और मकर का युग्म बना रहा शश योग बनता है।

हंस योग बेहद शुभ योग है। इस योग का संबंध देवगुरु बृहस्पति से है। अगर गुरु अपनी स्वराशि मीन या धनु अथवा उच्च राशि कर्क में स्थित होकर जन्म कुंडली के केन्द्र स्थान में हो तो ऐसे में हंस योग बनता है।

शश योग शनि की वजह से विशेष परिस्थितियों में बनता है। अगर किसी जातक की कुंडली में शनि लग्न या चंद्र भाव से केंद्र स्थान यानि कुंडली के 1, 4, 7 या 10वें भाव में है जातक को शश योग के शुभ फल मिलते हैं। साथ ही अगर शनि, तुला, मकर या कुंभ राशि में है तो भी शश योग बनता है।शश योग में व्यक्ति जिस काम में हाथ डालता है, वो सफलता प्राप्त करता है।

बुद्धादित्य योग बुध और सूर्य का योग बुध आदित्य योग बनाता है, बुध ग्रह और सूर्य जिनका एक अन्य नाम आदित्य है। इन दोनों का संयोग व्यक्ति को शुभता और सकारात्मकता प्राप्त होता है।

भद्र योग बुध ग्रह से बनने वाला योग भद्र नामक पंच महा पुरुष योग कहलाता है। बुध से बनने वाले इस योग में जातक बौद्धिक योग्यता और अच्छी ज्ञान शक्ति को पाता है। पांच महापुरुष योगों में से एक योग है इस योग से युक्त व्यक्ति धन, कीर्ति, सुख-सम्मान प्राप्त करता है।

रुचक योग मंगल की स्थिति से जो योग बनता है वह रूचक योग कहलाता है।

इस तरह गुरु पूर्णिमा पर इन योगो के बनने से जिन लोगों के कुंडली में गुरु दोष, पितृदोष है उनका समापन होता है अगर इसमें उपाय करें तो। इन योगों के प्रभाव से जातक मालामाल होता है। नौकरी, व्यापार , प्यार और परिवार से सुखी सम्पन्न होता है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु का भारतीय सभ्यता में विशेष महत्व है। गुरु व्यक्ति को सही दिशा में ले जाने का कार्य करते हैं। गुरु की कृपा से ही व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है। गुरुओं के सम्मान में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है।

राशि के अनुसार मंत्र जाप

गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह स्नानादि के बाद गुरु और भगवान का ध्यान करें। इस मंत्र से गुरु का आह्वान करें।

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

धर्म ग्रंथों मे गुरु की परब्रह्म माना गया है जिसकी महिमा उपरोक्त श्लोक से साफ झलकती है। इसलिए इस दिन को हम सभी को गुरु की पूजा करनी चाहिए।

मेष राशि के लोग इस दिन 'ॐ अव्ययाय नम:' का जाप करें और लाल वस्त्रों दान करें।

वृषभ राशि के लोग इस दिन 'ॐ जीवाय नम:' का मंत्रोच्चारण करें और सफेद वस्त्र दान में दें।

मिथुन राशि के जातकों को इस दिन 'ॐ धीवराय नम:' का जप करना चाहिए और साथ ही इस दिन हरे कपड़े भेंट करने चाहिए।

कर्क राशि के लोग 'ॐ वरिष्ठाय नम:' मंत्र का जाप करें और साथ ही क्रीम वस्त्र को भेंट करें।

सिंह राशि के जातक को 'ॐ स्वर्णकायाय नम:' का जाप करना चाहिए और गुलाबी रंग के कपड़ों को दान में दें।

कन्या राशि के जातक इस दिन 'ॐ हरये नम:' इस मंत्र का जाप करें और हरा व पीला वस्त्र भेंट करें।

तुला राशि वाले गुरु पूर्णिमा के दिन 'ॐ विविक्ताय नम:' इस मंत्र का जाप करें और खादी वस्त्रों को दान में दें।

वृश्चिक राशि वालों को इस दिन 'ॐ जीवाय नम:' का जाप करें साथ ही धोती को दान में दें।

धनु राशि के जातकों को 'ॐ जेत्रे नम:' इस मंत्र का जप करना चाहिए साथ ही सोने की चीजों का भेंट करें।

मकर राशि के जातक इस दिन 'ॐ गुणिने नम:' इस मंत्र का जाप करना चाहिए साथ ही पंचधातु और वस्त्रों को भेट दें।

कुंभ राशि के लोगों को गुरु पूर्णिमा पर 'ॐ धीवराय नम:' मंत्र का जाप करें इसके अलावा इस दिन ज्यादा से ज्यादा ऊनी वस्त्रों को भेंट करें।

मीन राशि के जातक गुरु पूर्णिमा के दिन इन लोगों को 'ॐ दयासाराय नम:' का जाप करें और साथ ही नीले कपड़ों को भेंट दें।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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