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Hal harini Amavasya Upay: हल हरिणी अमावस्या पर जरूर करें ये चमत्कारी उपाय, दूर होगी गरीबी,बढ़ेगा ऐश्वर्य

Hal harini Amavasya 2024 : हलहरिणी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा , पितरों को जल और दान देना चाहिए । इससे पितृ दोष का भी निवारण होता है।मान-सम्मान मिलता है और घर में खुशहाली आती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 4 July 2024 12:11 PM IST
Hal harini Amavasya Upay: हल हरिणी अमावस्या पर जरूर करें ये चमत्कारी उपाय,  दूर होगी गरीबी,बढ़ेगा ऐश्वर्य
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Hal harini Amavasya 2024 हल हरिणी अमावस्या 2024 : अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या के दिन स्नान दान कर पितरों को प्रसन्न किया जाता है। अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा के साथ दान और शिव भगवान को जलाभिषेक करने से जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं।

आषाढ़ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके सूर्य भगवान को जल देने का बहुत महत्व है। इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करके पितरों की शांति के लिए दान करते हैं। इस दिन यज्ञ करने का अनंत फल मिलता है। व्यक्ति को पितरों की शांति के लिए गरीबों की सेवा करनी चाहिए और जरूरतमंदों को खाना और दक्षणा देनी चाहिए। इस दिन किसी भी शुभ काम की शुरुआत की जा सकती है। अगर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान हो रखे हैं। धन की कमी को दूर करने के लिए अमावस्या के दिन पितरों के नाम से पूजा-शांति करवाए और पीपल के वृक्ष में दीपदान करने से शांति मिलती है।

हल हरिणी अमावस्या पर जरूर करें ये चमत्कारी उपाय

पितरों को दीपक जलाने के लिए आप मिट्टी के दीए का उपयोग कर सकते हैं, उसे साफ पानी से धोकर सुखा लें।दीपक जलाएं। उसमें सरसों का तेल और रुई की बाती का उपयोग करें। सरसों के जगह पर तिल के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं। इनमें से जो भी तेल आपके पास आसानी से उपलब्ध हो, उसका इस्तेमाल कर लें।

जो लोग पैसों की तंगी से परेशान हैं, वे आषाढ़ अमावस्‍या के दिन सुबह स्‍नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। ऐसा करने से कुछ ही दिन में आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगेगी।

इस दिन पीपल, बड़, नीम, आंवला, अशोक तुलसी, बिल्वपत्र और अन्य पेड़-पौधे लगाने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन अपने घर या आसपास वास्तु के अनुसार पौधे लगाएं जाएं तो पितृदोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही दोगुना पुण्य मिलता है।धन की कमी नहीं होती और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। दरिद्रता भी दूर होती है और ऐशवर्य की प्राप्ति होती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गरीबों को भोजन करना बेहद पुण्यकारी होता है। आषाढ़ अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की परेशानियां खत्म होती हैं। इसके अलावा इस दिन चीटियों को शक्कर खिलाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आषाढ़ अमावस्या पर चांदी के नाग नागिन के जोड़े की पूजा किसी पवित्र नदी के किनारे कीजिए और उसे नदी के पानी में प्रवाहित कर दीजिए। इसके साथ आप कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग नागिन के जोड़े को खरीद कर जंगल में मुक्त कर सकते हैं।

अमावस्या तिथि पर गीता का पाठ करने से पितरों को शांति मिलती है। इस दिन पीपल का पेड़ लगाइए और उसकी देखरेख कीजिए।आषाढ़ अमावस्या पर गाय के घी का दीपक ईशान कोण में जलाएं। इस दीपक में रुई की जगह लाल धागा रखें और दीपक में केसर भी डाल दें। यह उपाय करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और घर में धन की वर्षा होती है।

हल हरिणी अमावस्या के दिन ध्यान रखें

आषाढ़ अमावस्या के दिन बाल नहीं धोना चाहिए। खेतों में हल नहीं चलाना चाहिए और खेत जोतना भी नहीं चाहिए। आषाढ़ अमावस्या के दिन खरीदना-बेचना नहीं चाहिए। इस दिन मांस- मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। आषाढ़ अमावस्या के दिन घर में किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए। इस दिन अपने बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए। किसी जरूरतमंद की मदद की करनी चाहिए।

आषाढ़ अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा , पितरों को जल और दान देना चाहिए । इससे हर दोष और कुंडली पितृ दोष का भी निवारण होता है।मान्यता है की आषाढ़ अमावस्या में किए गए पितरों के तर्पण से वह प्रसन्न होते है और सुख -समृद्धि का आशीर्वाद देते है। इस दिन खासतौर से पितरों को प्रसन्न करने के लिए धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

हल हरिणी अमावस्या तिथि व समय

अमावस्या तिथि

अमावस्या तिथि आरंभ –शुक्रवार 5 जुलाई को सुबह 04:57 बजे से

अमावस्या तिथि समाप्त – 6 जुलाई, शनिवार, सुबह 04:26 तक

आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त और योग

अभिजीत मुहूर्त- 12:03 PM से 12:56 PM

अमृत काल-09:10 AM से 10:58AM

ब्रह्म मुहूर्त-04:11 AM से 04:59 AM

विजय मुहूर्त- 02:18 PM से 03:13 PM

अमावस्या की उदयातिथि

5 जुलाई 2024 को अमावस्या स्नान-दान

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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