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Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जी के हैप्पी वाले बड्डे पर जानिए उनका संपूर्ण बायोडाटा

Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जन्मोत्सव पर हम आपके लिए लाए हैं रामभक्त बजरंगबली का संपूर्ण बायोडाटा। जहां आपको मिलेगी उनके बारे में हर वो जानकारी जो आपको चाहिए।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 16 April 2022 6:37 PM IST
Hanuman Jayanti 2022: Know his complete bio-data on Hanuman jis Happy Badde
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हनुमान जयंती 2022: Photo - Social Media

Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जन्मोत्सव पर हम आपके लिए लाए हैं रामभक्त बजरंगबली का संपूर्ण बायोडाटा। जहां आपको मिलेगी उनके बारे में हर वो जानकारी जो आपको चाहिए।

Name : रामेष्ट, फाल्गुनसखा, पिंगाक्ष, अमितविक्रम, उदधिक्रमण, सीताशोकविनाशन, लक्षमणप्राणदाता, दशग्रीवदर्पहा, हनुमान, अंजनीसुत, वायुपुत्र, महाबल।

Father : केसरी

Manas Father : महारुद्र शिव

Guardian: पवनदेव

Mother : अंजना

Date of Birth: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी / चैत्र शुक्ल पूर्णिमा।

Birth Place : सुमेरु पर्वत, आंजनेद्रि पर्वत।

Caste: वानर

place of work : संपूर्ण विश्व

Education : सभी ज्ञान के ज्ञाता।

Teacher : शिव, सूर्य, मरुद्गण, नारद, ऋषि मतंग।

Height : आम व्यक्ति से कुछ अधिक।

Wody Formation : वज्र समान।

Identification Mark : वज्र प्रहार से ठोड़ी टेढी है।

Weapon : गदा

Additional Feature: पूंछ द्वारा मनचाहा कार्य व और तीव्र गमन।

Gift : चिरंजीवी, अष्टसिद्धि, नवनिधि, अवध्य।

Marital Status : ब्रह्मचारी


हनुमान जी का Work Experience

-राम-विभीषण मिलन

-लंकादहन

-लंका युद्ध

-मेघनाद युद्ध

-सरयू तट का युद्ध

-वाल्मीकि आश्रम का युद्ध

-गुरुदक्षिणा का युद्ध

-अशोकवाटिका का युद्ध

-सूर्य ग्रास

-समुद्र लांघना

-सुरसा से सामना

-संजीवनी पर्वत का लाना

-अहिरावण वध

-देवलोक का युद्ध

-वीरपुर का युद्ध

-माया का वध

-अक्षय कुमार का वध

अब ये भी जानिए

-ज्योतिष गणना के अनुसार बजरंगबली का जन्म 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग में मंगलवार को चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में प्रातः 6.03 हुआ।

-रामायण का सुंदरकांड हनुमान जी को समर्पित है।

-महाभारत में भी हनुमान जी का उल्लेख है।

-स्कंद पुराण में भी हनुमान का उल्लेख है।

-तुलसीदास ने हनुमान चालीसा रची।

हनुमान जयंती 2022: Photo - Social Media

क्या है अष्टसिद्धि और नवनिधि

-अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व ये 8 सिद्धि हैं।

-पद्म, महापद्म, नील, मुकुंद, नन्द, मकर निधि, कच्छप, शंख निधि और खर्व 9 निधि हैं।

-इसके बाद आप कह सकते हैं कि देव, दानव, सुर, असुर कोई भी ऐसा नहीं जो हनुमान जी की बराबरी कर सके,

-भगवान श्रीराम ने भी हनुमान जी की प्रशंसा की है

-लंक विध्वंस किए हनुमाना , रघुराई अति किए बखाना ।।

-तुम्हारी कृपा है शक्ति अपारा महाबली तुम जग पहिचाना ।।

जब भी आप को लगे की आप संकट में हैं पूरे विश्वास से कहिए

संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा ।।

जय जय जय हनुमान गोसाई , कृपा करो गुरुदेव की नाई ।।

हनुमान जी ने हमें बताया कि बल का सदुपयोग करना चाहिए। संयमित रहना चाहिए। सेवा धर्म अपनाना चाहिए। बल का प्रयोग धर्म रक्षा के लिए होना चाहिए। बिना किसी पद की लालसा के कर्म करना चाहिए। आत्मबल से बड़ा कुछ भी नहीं।

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Shashi kant gautam

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