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Hanuman Jayanti 2024 Date in India:नरक चतुर्दशी पर क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा?जानिए हनुमान जयंती पर पूजा का समय और महत्व
Hanuman Jayanti 2024 Date in India: छोटी दिवाली या कहे नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की जयंती मनाईजाती है। जानते है क्यो...
Narak Chaturdashi Hanuman Jayanti 2024 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन छोटी दीवाली मनाई जाती है। इस दिन को काली चौदस, रूप चौदस, नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके सोलह हज़ार स्त्रियों को मुक्त कराया था।
धार्मिक मान्यता के अनुसार काली चौदस या चतुर्दशी की रात हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से न केवल बुरी शक्तियां दूर होती हैं बल्कि व्यक्ति को शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है। छोटी दिवाली की रात को घर की सफाई करना शुभ माना जाता है। इन त्योहारों के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। दीपावली से एक दिन पहले आने वाली काली चौदस की रात का भी विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व है।
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 01:15 बजे से।
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03:52 बजे तक।
नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त: दीपावली के पांच दिनी उत्सव में नरक चतुर्दशी दूसरे दिन का त्योहार रहता है। इसे छोटी दिवाली और रूप चौदस भी कहते हैं।इसी दिन हनुमान जयंती भी रहती है।
30 अक्टूबर 2024 बुधवार के दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त प्रात: 05:26 से 06:47 तक और इसके बाद शाम 05:41 से 07 बजे तक रहेगा।
अगले दिन 31 अक्टूबर गुरुवार को सुबह 05:33 से 06:47 के बीच अभ्यंग स्नान मुहूर्त है।
नरक चतुर्दशी पर क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा?
माना जाता है कि नरक चतुर्दशी या काली चौदस की रात नकारात्मक ऊर्जाएं अधिक सक्रिय होती हैं। इसलिए बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए हनुमान जी की शरण ली जाती है। हनुमान जी को संकट मोचन के रूप में भी जाना जाता है। बजरंगबली की पूजा करने से सभी तरह के संकटों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति में शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती आती है।
काली चौदस के दिन हनुमान जी की पूजा के पीछे भी एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार जब भगवान राम अपने चौदह वर्षीय वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, तब उन्होंने हनुमान जी को वरदान दिया था कि उनसे पहले हनुमान जी की पूजा की जाएगी। इसीलिए दीवाली से एक दिन पहले हनुमान जी की पूजा की जाती है।
हनुमान जी की पूजा करने की विधि
नरक चतुर्दशी के दिन नित्य कर्मों से निवृत होकर स्नान कर लें।इसके बाद साफ़ सुथरे वस्त्र धारण कर लें।अब एक चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति रख लें।अब सबसे पहले पुष्प की मदद से जल से आचमन करें।इसके बाद अनामिका उंगली से हनुमान जी को रोली, कुमकुम आदि लगाएं।इसके बाद फूल माला आदि अर्पित करें।अब बूंदी के लड्डू या किसी अन्य मिठाई का भोग लगाएं।अब घी का दीपक और धुप जलाने के साथ विधिवत हनुमान चालीसा और मंत्र का पाठ करें।अंत में आरती करें ।काली चौदस की रात हनुमान जी की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है