TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बच्चे की जिद्द व गुस्से से जो माता-पिता है परेशान, वो आज से ही करें ये उपाय...

बच्चे जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव के आजकल होते जा रहे हैं। जिसके कारण माता-पिता को काफी मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार इस समस्या का समाधान संकट मोचक भगवान हनुमान की आराधना से संभव हो सकता है।

suman
Published on: 22 Feb 2020 8:07 AM IST
बच्चे की जिद्द व गुस्से से जो माता-पिता है परेशान, वो आज से ही करें ये उपाय...
X

जयपुर: बच्चे जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव के आजकल होते जा रहे हैं। जिसके कारण माता-पिता को काफी मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार इस समस्या का समाधान संकट मोचक भगवान हनुमान की आराधना से संभव हो सकता है। आप हनुमान जी को खुश कर अपने बच्चे को बुद्धिमान और शांत बना सकते हैं। इससे आपके बच्चे का गुस्सा खुद-ब-खुद कम हो जाएगा। बच्चों से हनुमान चालीसा का पाठ करवाएं। साथ ही, मंगलवार व शनिवार को हनुमान मंदिर ले जाएं।

यह पढ़ें...राशिफल 22 फरवरी:किसी को मिलेगा गम, किसी को खुशी, कैसा रहेगा आज का भाग्य

शास्त्रों के अनुसार जब ज्योतिष ग्रहों के प्रभाव से बच्चा ज्यादा जिद्दी, चिडचिड़ा हो, क्रोध अधिक करता हो, माता-पिता या अन्य बड़े लोगों की बातें नहीं सुनता हो, तो हनुमान जी के बांए पैर का सिंदूर हर मंगलवार और शनिवार को बच्चे के मस्तक या माथे पर लगाएं।

ऊं हनुमनते नम: का पाठ करें और बच्चे से करवाएं। हनुमान जी के 12 नाम का हर रोज स्मरण करवाएं। जिन व्यक्तिओ को गुस्सा अधिक आता है उनके लिए भी यह उपाय फायदेमंद है। हनुमान जी को बल और बुद्धि का दाता मानते हैं। अगर बच्चे को या खुद को नजर और टोक बार-बार लगती हो तो हनुमानजी के दाहिने पैर का सिंदूर मस्तक पर लगाएं।

यह पढ़ें...सप्ताह का ये दिन होता है बहुत खास, करेंगे ये उपाय तो हो जाएंगे मालामाल

जिन बच्चों की नींद पूरी होती है उन में गुस्सा कम होता है। बच्चों की बातें सुनकर भी को कम किया जा सकता है। व्यायाम या आंसू के निकलने से गुस्सा कम हो जाता है। ऐसे में बच्चा बहुत अधिक समय तक नाराज हो तो उससे बात करके गुस्सा कम करने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चे के मानसिक और शारीरिक बदलाव को माता-पिता समझेंगे तो उन्हें उन पर विश्वास हो सकेगा, वे उग्र नहीं बनेंगे।

मातापिता अपने बचपन को कभी अपने बच्चों से तुलना न करें। बच्चे गुस्से से कई बार आत्मक्षति या आत्महत्या का सहारा लेते हैं। उग्रता को बातचीत या दवा से कम किया जा सकता है। बच्चों पर विश्वास करना भी जरूरी है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

suman

suman

Next Story