TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

आपके बच्चे के जिद्द व गुस्से को बजरंगबली करेंगे ऐसे शांत, अपनाएं यह उपाय

बच्चे जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव के आजकल होते जा रहे हैं। जिसके कारण माता-पिता को काफी मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। शास्त्रों के ज्ञाता मानते हैं कि इस समस्या का समाधान संकट मोचक भगवान हनुमान की आराधना से संभव हो सकता है।

suman
Published on: 6 May 2023 12:32 AM IST
आपके बच्चे के जिद्द व गुस्से को बजरंगबली करेंगे ऐसे शांत, अपनाएं यह उपाय
X

जयपुर: बच्चे जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव के आजकल होते जा रहे हैं। जिसके कारण माता-पिता को काफी मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। शास्त्रों के ज्ञाता मानते हैं कि इस समस्या का समाधान संकट मोचक भगवान हनुमान की आराधना से संभव हो सकता है। आप हनुमान जी को खुश कर अपने बच्चे को बुद्धिमान और शांत बना सकते हैं। इससे आपके बच्चे का गुस्सा खुद-ब-खुद कम हो जाएगा।

शास्त्रों के अनुसार जब ज्योतिष ग्रहों के प्रभाव से बच्चा ज्यादा जिद्दी, चिडचिड़ा हो, क्रोध अधिक करता हो, माता-पिता या अन्य बड़े लोगों की बातें नहीं सुनता हो, तो हनुमान जी के बांए पैर का सिंदूर हर मंगलवार और शनिवार को बच्चे के मस्तक या माथे पर लगाएं।

विश्वकर्मा पूजा पर जानिए दुनिया के पहले शिल्पकार की पूजा विधि व महत्व

ऊं हनुमनते नम: का पाठ करें और बच्चे से करवाएं। हनुमान जी के 12 नाम का हर रोज स्मरण करवाएं।

जिन व्यक्तिओ को गुस्सा अधिक आता है उनके लिए भी यह उपाय फायदेमंद है। हनुमान जी को बल और बुद्धि का दाता मानते हैं। अगर बच्चे को या खुद को नजर और टोक बार-बार लगती हो तो हनुमानजी के दाहिने पैर का सिंदूर मस्तक पर लगाएं।

तुला-मकर वालों के लिए सोने की ज्वेलरी है नुकसानदायक, आपकी राशि के लिए क्या है प्रभाव

जिन बच्चों की नींद पूरी होती है उन में गुस्सा कम होता है। बच्चों की बातें सुनकर बी गुस्सा को कम किया जा सकता है। व्यायाम या आंसू के निकलने से गुस्सा कम हो जाता है। ऐसे में बच्चा बहुत अधिक समय तक नाराज हो तो उससे बात करके गुस्सा कम करने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चे के मानसिक और शारीरिक बदलाव को माता-पिता समझेंगे तो उन्हें उन पर विश्वास हो सकेगा, वे उग्र नहीं बनेंगे। मातापिता अपने बचपन को कभी अपने बच्चों से तुलना न करें। बच्चे गुस्से से कई बार आत्मक्षति या आत्महत्या का सहारा लेते हैं। उग्रता को बातचीत या दवा से कम किया जा सकता है। बच्चों पर विश्वास करना भी जरूरी है।



\
suman

suman

Next Story