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Hanuman Shabar Mantra ke Niyam:हनुमान शाबर मंत्र का करते हैं जाप,तो इन नियमों को जानना है जरूरी, जानिए पंचमुखी हनुमान साबर मंत्र
Hanuman Shabar Mantra ke Niyam: शाबर मंत्र से हर काम सरल होता है,हनुमानजी के ऐसे दो साबर मंत्र जिन्हें सिद्ध करने के बाद कोई भी आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता है।
Hanuman Shabar Mantra Ke Niyam: हर दिन शाबर-मंत्र’ का जाप रामबाण होता हैं। इन मंत्रों का उदगम स्थल भगवान शंकर ही हैं, शाबर मंत्रों के प्रवर्तक भगवान शंकर आज हैं। जानते हैं हनुमानजी के ऐसे दो साबर मंत्र जिन्हें सिद्ध करने के बाद कोई भी आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता है।
हनुमान जी के शाबर मंत्र को सिद्ध करने के लिए आपको किसी योग्य गुरुदेव से दीक्षा लेनी चाहिए। गुरुदेव के मार्गदर्शन में मंत्र का जाप रुद्राक्ष, मूंगा या लाल चंदन की माला से करना चाहिए। इस प्रक्रिया से मंत्र सिद्ध करने में मदद मिलेगी।
हनुमान शाबर मंत्र का जाप के नियम
हनुमान शाबर मंत्र कई प्रकार के होते हैं और उनमें से प्रत्येक का एक समर्पित समय और दिन होता है जब आपको उनका पाठ करना चाहिए। सामान्य तौर पर, हनुमान मंत्र का पाठ करते समय क्या करें और क्या न करें पर विचार करना चाहिए।हनुमान मंत्र का जाप करने के लिए सबसे उपयुक्त दिन मंगलवार और शनिवार है। हालाँकि, कुछ हनुमान मंत्रों का जाप अन्य दिनों में भी किया जा सकता है।
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। अपने सामने हनुमान जी की मूर्ति रखें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।बेहतर तरीके से मंत्र जाप और ध्यान करने के लिए आपको ताजे फूल और अगरबत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए।
हनुमान शाबर मंत्र का 5, 7 या 11 बार जाप करें। संभव हो तो हनुमान शाबर मंत्र की एक माला भी करें। हनुमान मंत्र का जाप करते समय अपने पास जल का पात्र और कुमकुम रखना भी शुभ माना जाता है।
मंत्र जाप करते समय मन में किसी भी प्रकार का विचार न आने दें, जिससे ध्यान करने में कोई बाधा न आए।Vहनुमान जी की पूजा करते समय उन्हें नारियल, गुड़-चने का प्रसाद या इमरती चढ़ाएं।
हनुमान शाबर मंत्र कौन कौन से है...
पहला साबर मंत्र : ।।ओम गुरुजी को आदेश गुरजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा, शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।।
इस मन्त्र को सात बार पढ़ कर चाकू से अपने चारों तरफ रक्षा रेखा खींच ले गोलाकार, स्वयं हनुमानजी साधक की रक्षा करते हैं। शर्त यह है कि मंत्र को सिद्ध करने के बाद विधि विधान से पढ़ा गया हो।
दूसरा साबर मंत्र : बिस्तर के आस-पास। हवेली के आस-पास। छप्पन सौ यादव। लंका-सी कोट, समुद्र-सी खाई। राजा रामचंद्र की दुहाई।
साबर अढाईआ मंत्र :- ॥ ॐ नमो आदेश गुरु को, सोने का कड़ा, तांबे का कड़ा हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा ॥
ऊं नमो बजर का कोठा,
जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला,
हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।
श्री हनुमान मंत्र (जंजीरा)- ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान,
हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ
नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान (हनुमान)
हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा
डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला
आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे
ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट
पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें। हनुमानजी के साबर मंत्र पढ़ने या जपने के कुछ नियम होते हैं पहले उन्हें जान लें। साबर मंत्रों को स्वयंसिद्ध माना गया है। इसके बोलते ही संबंधित देवी या देवता जाग्रत हो जाते हैं।
स्वयं सिद्ध हनुमान शाबर मंत्र:
ऊँ ऐं श्रीं ह्रीं ह्रीं हं ह्रौं ह्रः ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत-पिशाच ब्रह्म राक्षस शाकिनी डाकिनी यक्षिणी पूतना मारी महामारी राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकान् क्षणेन हन हन,भंजय भंजय मारय मारय,क्षय शिक्षय महा महेश्वर रुद्रावतार ऊँ हुम् फट स्वाहा
ऊँ नमो भगवते हनुमदाख्याय रुद्राय सर्व दुष्टजन मुख स्तम्भनं कुरु स्वाहा ऊँ ह्रीं ह्रीं हं ह्रौं ह्रः ऊँ ठं ठं ठं फट् स्वाहा.
सर्व कार्य सिद्धि हनुमान शाबर मंत्र
ॐ पीर बजरंगी राम लक्ष्मण के संगी जहां जहां जाय फतेह के डंके बजाय माता अंजनी की आन |
ओम पीर बजरंगी राम लक्ष्मण के संगी जहां जहां जाए फतेह के धनके बजय दुहाई माता अंजनी की आन।
शत्रु नाशक हनुमान शाबर मंत्र:
ॐ पूर्व कपि मुखाय पंचमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु संहारणाय स्वाहा