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Hast rekha Me Guru Paravat : हाथ में गुरु पर्वत का महत्व, सफलता -असफलता के लिए जानिए इससे जुड़े संकेतों का राज

Hasta Rekha Me Guru Parvat Ka Mahatva:गुरु पर्वत व्यक्ति के आचार-विचार को भी मजबूत करता है। गुरु पर्वत (Guru parvat) व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के बारे में भी बहुत सारी बातों को दर्शाता है। यदि हथेली का गुरु पर्वत पुष्ट और ऊंचाई लिए है, तो ऐसा व्यक्ति रुपए-पैसे के पीछे नहीं भागता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 9 March 2022 10:40 AM IST
Guru Parvat Ka Mahatva
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Guru Parvat Ka Mahatva

गुरु पर्वत का महत्व

हस्तरेखा शास्त्र ( Hast Rekha ) में हथेली की रेखाओँ (Palmistry) और पर्वतों का अपना महत्व है। ये पर्वत हमारे जीवन के भूत भविष्य और वर्तमान बताते हैँ। इनमें सूर्य, गुरु शुक्र जीवन में अमीरी गरीबी को दिखाते है। हथेली का गुरु पर्वत व्यक्ति की नेतृत्व और शासक क्षमता को दर्शाता है। साथ ही गुरु पर्वत व्यक्ति के आचार-विचार को भी मजबूत करता है। गुरु पर्वत (Guru parvat) व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के बारे में भी बहुत सारी बातों को दर्शाता है। यदि हथेली का गुरु पर्वत पुष्ट और ऊंचाई लिए है, तो ऐसा व्यक्ति रुपए-पैसे के पीछे नहीं भागता है।

गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान

गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान व्यक्ति के जीवनसाथी के शिक्षित एवं धनी कुल से मिलने का इशारा करता है। हस्तरेखा विज्ञान में गुरु पर्वत यानी बृहस्पति पर्वत पर क्रॉस के चिह्न को शुभ माना गया है। बाकी पर्वत पर इसके नकारात्मक परिणाम मिलते हैं। यदि क्रॉस का चिह्न शनि पर्वत पर है तो ऐसे व्यक्ति को लड़ाई में चोट लगती है।

गुरु पर्वत का शुभ संकेत

अगर गुरु पर्वत पर खड़ी रेखाएं हैं तो ये शुभ फल देती हैं। इन रेखाओं के कारण व्यक्ति अच्छा प्रबंधक भी बन सकता है। यदि गुरु पर्वत पर आड़ी रेखाएं या रेखाओं के जाल का निशान दिखाई देता है तो ये अशुभ होता है। इससे गुरु पर्वत के शुभ फल भी कम हो जाते हैं।यदि किसी व्यक्ति की हथेली मोटी है, भरी हुई है और गुलाबी रंग की दिखाई देती है तो व्यक्ति ऊर्जावान हो सकता है।

गुरु की उंगली तर्जनी उंगली होती है। यदि तर्जनी उंगली सामान्य से अधिक लंबी हो, तो व्यक्ति में लापरवाही और तानाशाही बढ़ जाती है। जब यह छोटी हो तो व्यक्ति मे ये विशेषताएँ लुप्त होती हैं। यदि यह उंगली विकृत है तो व्यक्ति चालाक, स्वार्थी और पाखंडी होता है। जब तर्जनी उंगली का पहला खंड लंबा हो तो व्यक्ति राजनीति, धर्म, और शिक्षण क्षेत्रों में कुशल होते हैं। यदि उंगली का दूसरा खंड लंबा हो तो व्यक्ति व्यापारी होता है और उंगली का तीसरा खंड लंबा हो तो ऐसे व्यक्ति विभिन्न प्रकार के व्यंजन के शौकीन होते हैं।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

गुरु पर्वत और सफलता के संकेत

  • अगर हथेली का रंग सफेद या पीला दिखाई देता है तो ये ऊर्जा की कमी और कमजोरी की निशानी है। गुरु पर्वत पर तारे का निशान हो या रेखाओं से बने त्रिकोण या त्रिशूल का चिह्न दिखाई देता है तो व्यक्ति अच्छा बॉस बन सकता है। गुरु पर्वत पर कोई जाली या धब्बा हो तो ये व्यक्ति की कमजोर नेतृत्व क्षमता की निशानी है।
  • जिन लोगों की हथेली में गुरु पर्वत उभरा हुआ होता है और उस पर खड़ी रेखाएं भी होती हैं तो वे लोग धर्म के कार्यों में लगे रहते हैं। यदि गुरु पर्वत ज्यादा ही उभरा दिखाई दे तो ऐसे लोग धर्म में गहरी आस्था रखते हैं।
  • ज्यादा उभरा हुआ गुरु पर्वत शुभ नहीं होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति अहंकारी भी हो जाता है और दूसरों को अधिक महत्व नहीं देता है। सामान्य स्थिति तक उभरा हुआ गुरु पर्वत व्यक्ति को संवेदनशील और विनम्र बनाता है। ऐसे लोगों दूसरों के सुख के लिए भी काम करते हैं।
  • जिनकी हथेली का गुरु पर्वत अधिक ऊंचाई लिए होता है वे पैसों के पीछे ना भागकर अपनी नजर सफलता के शिखर पर रखते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य को कानून के दायरे में रखकर करना पसंद करते हैं। ये लोग खाने-पीने के मामले में अन्य की अपेक्षा अधिक शौकीन होते हैं। परिवार के साथ इनका लगाव-जुड़ाव अत्यधिक होता है।
  • यदि गुरु पर्वत का स्वरुप देखने में किसी पर्वत अथवा शिखर के समान लगे तो यह व्यक्ति के गुण-दोषों को दर्शाता है। यदि हथेली का गुरु पर्वत शनि पर्वत की ओर झुका है तो व्यक्ति अनुशासन प्रिय और गंभीर प्रकृति का माना जाता है।ऐसा व्यक्ति उदासी और उपेक्षा के भाव से घिर सकता है। यदि ऐसा शिखर हृदय रेखा के पास हो तो व्यक्ति पारिवारिक जिम्मेदारी को बखूबी निभाने वाला माना जाता है। साथ ही परिवार में सामंजस्य स्थापित करने वाल माना जाता है।
  • हथेली का गुरु पर्वत और मस्तिष्क रेखा का विशेष महत्व है। हथेली का गुरु पर्वत व्यक्ति की नेतृत्व और शासक क्षमता को दर्शाता है। साथ ही गुरु पर्वत व्यक्ति के आचार-विचार को भी मजबूत करता है। गुरु पर्वत व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के बारे में भी बहुत सारी बातों को दर्शाता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि हथेली का गुरु पर्वत पुष्ट और ऊंचाई लिए है, तो ऐसा व्यक्ति रुपए-पैसे के पीछे नहीं भागता है। जिनकी हथेली का गुरु पर्वत अधिक ऊंचाई लिए होता है वे पैसों के पीछे ना भागकर अपनी नजर सफलता के शिखर पर रखते हैं।
  • ऐसे लोग किसी भी कार्य को कानून के दायरे में रखकर करना पसंद करते हैं। ये लोग खाने-पीने के मामले में अन्य की अपेक्षा अधिक शौकीन होते हैं। परिवार के साथ इनका लगाव-जुड़ाव अत्यधिक होता है। यदि गुरु पर्वत का स्वरुप देखने में किसी पर्वत अथवा शिखर के समान लगे तो यह व्यक्ति के गुण-दोषों को दर्शाता है। यदि हथेली का गुरु पर्वत शनि पर्वत की ओर झुका है तो व्यक्ति अनुशासन प्रिय और गंभीर प्रकृति का माना जाता है।
  • ऐसा व्यक्ति उदासी और उपेक्षा के भाव से घिर सकता है। यदि ऐसा शिखर हृदय रेखा के पास हो तो व्यक्ति पारिवारिक जिम्मेदारी को बखूबी निभाने वाला माना जाता है। साथ ही परिवार में सामंजस्य स्थापित करने वाल माना जाता है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया


गुरु पर्वत पर तिल

जिन व्यक्तियों की हथेली पर गुरु पर्वत के ऊपर तिल होता है वह व्यक्ति भाग्यशाली होता है। लेकिन गुरु पर्वत पर तिल होने का एक नुकसान भी होता है ऐसे व्यक्तियों की शादी में तमाम तरह की अड़चने आती हैं। गुरु पर्वत अंगूठे के बाद वाली अंगुली के नाचे का क्षेत्र होता है।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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