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Hast Rekha Ka Gyan: संतान रेखा कहां होती है, कैसे जानेंगे कि जातक को औलाद सुख है या नहीं, जानिए संतान रेखा क्या बताती है...

Hast Rekha Ka Gyan:हाथ में कई रेखाएं होती है, इनमें एक संतान रेखा होती है जो बताती है कि जातक की जिंदगी में औलाद का सुख है कि नहीं,संतान स्वस्थ होगी या अस्वस्थ, पुत्र होगा या पुत्री, यह सब बातें संतान रेखा को देखकर ही निर्णय लिया जाता है जानें हाथों में संतान रेखाएं कहां होती हैं...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 16 Sept 2023 8:00 AM IST (Updated on: 16 Sept 2023 8:00 AM IST)
Hast Rekha Ka Gyan: संतान रेखा कहां होती है, कैसे जानेंगे कि जातक को औलाद सुख है या नहीं, जानिए संतान रेखा क्या बताती है...
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Hast Rekha Ka Gyan: हाथ में कई रेखाएं होती है, इनमें एक संतान रेखा होती है जो बताती है कि जातक की जिंदगी में औलाद का सुख है कि नहीं। चाहे हमारे पास कितनी भी धन दौलत हो जाए, लेकिन जिस घर में संतान की किलकारी नहीं गुंजती वो घर अभाग्य का प्रतीक बनता है। भाग्य में संतान सुख है इसका प्रमाण ज्योतिष के अनुसार कई चीजों में होता है। जैसे कुंडली या हस्त रेखाओं में। हाथ की संतान रेखा भाग्य में संतान सुख की एक बेहद अहम निशानी है। संतान रेखाएं ठीक विवाह रेखा के ऊपर होती हैं। बुध पर्वत यानी छोटी अंगुली के ठीक नीचे के भाग में विवाह रेखा होती है|। यहीं मौजूद और खड़ी रेखाएं संतान रेखा कहलाती हैं। संतान प्राप्ति के योगों को कई अन्य रेखाएं भी प्रभावित करती हैं जैसे मणिबंध रेखा, अंगूठे के नीचे पाई जाने वाली छोटी रेखा। प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति संतान को लेकर चिंतित भी रहता है। जानते है किसके भाग्य में संतान सुख हा किसके नहीं..

संतान रेखा - किसी भी व्यक्ति को विवाह के बाद संतान के विषय में जानने की इच्छा होती है। इस इच्छा की पूर्ति के लिए हम अपने हाथों में संतान रेखा (children line) को ध्यान से देखें तो पता चलता है की जातक को कितनी संतानें होंगी, वह उसे कितना सुख देगी, संतान स्वस्थ होगी या अस्वस्थ, पुत्र होगा या पुत्री, यह सब बातें संतान रेखा को देखकर ही निर्णय लिया जाता है आइये देखे की हाथों में संतान रेखाएं कहां होती हैं

हाथ में कहां होती हैं संतान रेखा

हथेली में सबसे छोटी अंगुली के नीचे बुध पर्वत होता है। बुध पर्वत पर ही हथेली के अंत में विवाह रेखा रहती हैं। विवाह रेखा (विवाह रेखा से संबंधित जानकारी पूर्व में प्रकाशित की जा चुकी है।) के पास ही खड़ी रेखाएं होती हैं जिन्हें संतान रेखा कहा जाता है। विवाह रेखा आड़ी होती हैं जबकि संतान रेखा (kids line) खड़ी होती हैं। यहां जितनी रेखाएं होती हैं व्यक्ति को उतनी ही संतान प्राप्ति के योग होते हैं। यदि ये रेखाएं गहरी हों तो पुत्र प्राप्ति के योग बनते हैं और रेखाएं सामान्य या हल्की हों तो पुत्री के योग बनते हैं। यदि ये य रेखाएं टूटी हुई या कटी हुई तो इसका मतलब यही है संतान पर कुछ बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

संतान रेखा क्या बताती है...

  • यदि संतान रेखा उतनी ही स्पष्ट हो जितनी कि उसके पत्नी की है तो जातक बच्चों को बहुत प्यार करता है और उसका स्वभाव बहुत ही स्नेही होता है।
  • रेखा के पतले भाग में द्वीप हो तो संतान आरम्भ में निर्बल होगी, लेकिन बाद में यही रेखा स्पष्ट होगी तो स्वस्थ्य हो जायेगें।
  • यदि संतान रेखा के अन्त में द्वीप चिह्न हो तो बच्चा जीवित नहीं रहता।
  • यदि हृदय रेखा बुध क्षेत्र पर दो या तीन रेखाओं में विभाजित होकर शाखा स्पष्ट हो तो वह व्यक्ति संतान युक्त होता है।
  • यदि शुक्र पर्वत पूर्ण विकसित और जीवन रेखा घुमावदार हो तो यह संतान प्राप्ति के शुभ संकेत को दर्शाती है। एक महत्वपूर्ण बात यह कि व्यक्ति को कितनी संतानें होंगी, वह उसे कितना सुख देगी, संतान स्वस्थ होगी या अस्वस्थ, पुत्र होगा या पुत्री, यह सब बातें रेखा की मजबूत स्थिति और विभिन्न प्रकार के पर्वतों पर इस रेखा के स्पर्श एवं इसकी स्थिति द्वारा ज्ञात हो सकती हैं।
  • यदि मणिबंध की गणना सम संख्या मे आये तो प्रथम संतान कन्या होगी और विषम संख्या मे आये तो प्रथम संतान पुत्र होगा।
  • विवाह रेखा के ऊपर और हथेली के बाहर की ओर पहली रेखा प्रथम संतान को और दूसरी रेखा द्वितीय संतान को दर्शाती है, यह क्रम इसी प्रकार चलता जाता है।
  • यदि सीधी रेखा हो तो पुत्र संतान और मुडी़ या झुकी हुई रेखा हो तो कन्या संतान होने को दर्शाती है।
  • यदि प्रथम मणिबंध रेखा अधिक झुकाव के साथ हथेली की ओर प्रविष्ठ हो रही हो तो व्यक्ति को संतान संबंधी दुख प्राप्त कर सकता है.संतान रेखाएं पुरुषों के हाथों से ज्यादा महिलाओं के हाथ में अधिक स्पष्ट होती हैं।
  • यदि संतान रेखाएं स्पष्ट हों तो संतान निरोग और स्वस्थ होगी परन्तु इसके विपरीत यदि रेखाएं धुंधली और लहराती हुई हों तो कमजोर संतान प्राप्त होती है।
  • संतान रेखा के पहले हिस्से मे द्वीप हो तो प्रारंभिक अवस्था मे संतान का स्वास्थ्य नाज़ुक होगा और यदि द्वीप के आगे की रेखा साफ और स्पष्ट हो तो आगे चलकर संतान का स्वास्थ्य मजबूत होगा।
  • संतान रेखाओं मे से यदि कोई एक रेखा अधिक लंबी और स्पष्ट हो तो माता पिता के लिये सभी संतनों की तुलना में कोई एक संतान अधिक महत्वपूर्ण होगी।
  • यदि संतान रेखाओं मे क्रास बना हुआ हो या रेखाएं टूटी हुई हों तो गर्भपात या संतान की मृत्यु हो सकती है।
  • यदि जीवन रेखा का घेरा शुक्र पर्वत को छोटा करे तो ऐसे व्यक्ति कि संतान के लिये यह अशुभ संकेत है।
  • यदि संतान रेखाएं पुरुष के हाथ मे साफ और स्पष्ट हो तो ऐसे व्यक्ति को संतान से अधिक मोह और आसक्ति होगी।

    अगर किसी के हाथ में संतान रेखा साफ साफ स्पष्ट दिख रही है तो ऐसे व्यक्ति अपने बच्चे को बहुत प्यार करने वाली होता है ऐसा व्यक्ति स्वभाव से बहुत ही केयरिंग और स्नेही होता है।किसी भी दंपत्ती को अगर यह जानना है कि उनके जीवन में संतान सुख है कि नहीं तो उनकी हस्तरेखा को देख कर इस बात का पता लगाया जा सकता है। इस रेखा को देख कर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि आने वाले भविष्य में संतान सुख मिलेगा की नहीं और साथ ही इस बात का पता लगाया जा सकता है कि बेटा होगा की बेटी।अगर किसी के हाथ में विवाह रेखा के पास पतले हिस्से में अगर कोई द्वीप बन रहा है जो आगे चल कर स्पष्ट हो रहा है तो संतान जन्म के समय थोडी कमजोर होती है लेकिन बाद में स्वस्थ्य हो जाती है।अगर किसी के हाथ में संतान रेखा के आखिरी में कोई द्वीप का निशान बन रहा है तो ऐसे में पैदा हुए बच्चे का जीवित रहना मुश्किल होता है।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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