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Hast Rekha Me Ketu Parvat: हाथ में केतु की यह स्थिति होती है बेहद अशुभ, जानिए कब मिलता है धन और सम्मान

Hast Rekha Me Ketu Parvat: जातक के हाथ में केतु पर्वत का भी विशेष महत्‍व है। इस पर्वत की उच्च और कमजोर स्थिति का जीवन में गहरा प्रभाव पड़ता है। इस पर्वत पर बने संकेतों का भी विशेष महत्व होता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 5 Jan 2022 1:24 PM IST (Updated on: 5 Jan 2022 1:27 PM IST)
Hasth Rekha Me Ketu Parvat
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Hast Rekha Me Ketu Parvat (हस्तरेखा में केतु पर्वत) :

राहु-केतु( Rahu-Ketu) को पाप ग्रह ( Planet )मानते हैं। लेकिन यही हथेली (Hands) में राहु-केतु पर्वत का भी विशेष महत्‍व है। केतु पर्वत मणिबंद शुक्र और चंद्र के बीच होता है। जातक के जीवन में इनका प्रभाव सुख-सुविधा, बैंक बैलेंस और भौतिक उन्‍नति से होता है। इस ग्रह की दृष्टि जातक के जीवन पर पांच साल से 20 साल तक होती है। अगर जातक के हाथ में केतु पर्वत विकसित है और जातक की भाग्य रेखा साफ़ है तो जातक अपने जीवन में सभी सुख भोगता है। ऐसे जातक गरीब घर में भी जन्‍म लेकर अपने जीवन में अच्छी प्रगति करते हैं।

हाथ में केतु पर्वत का महत्व ( importance)

हाथ में केतु को बेहद महत्‍वपूर्ण मानते हैं। जिनके हाथ में केतु पर्वत उच्च अवस्‍था में विकसित होता है वे जीवन में तरक्‍की करते हैं। अगर हाथ में केतु पर्वत कमजोर हो और भाग्य रेखा भी कुछ खास न हो तो जातक अपने जीवन में ज्यादा तरक्की नहीं कर पाता और अपने यौवनकाल तक का समय गरीबी में बीतता है।


सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

केतु पर्वत पर क्रॉस का निशान

अगर जातक के केतु पर्वत पर क्रॉस का निशान होता है तो वे जातक बचपन में बीमार रहते है या उनकी पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पाती। इससे वे पिछड़ जाते हैं। केतु पर्वत पर क्रॉस का निशान होना जातक की पढ़ाई बीच में ही छुड़वा देता है। जिन लोगों के हाथ में बुध पर्वत पर क्रॉस का निशान हो, वे लोग भरोसे के लायक नहीं होते है।

इसके अलावा यदि किसी जातक के केतु पर्वत पर क्रॉस का निशान हो तो जातक की शिक्षा किसी पारिवारिक समस्या के चलते पूरी नहीं हो पाती या फिर इस तरह के जातक बचपन में बहुत अधिक बीमार रहते हैं। ऐसे जातक को जेल भी जाना पड़ता है।इस तरह के जातक आत्महत्या तक कर लेते हैं।

केतु पर्वत पर त‍िल

हस्तरेखा विज्ञान बतलाता है कि अगर केतु पर्वत पर त‍िल हो तो यह अशुभ संकेत होता है। कहा जाता है क‍ि ऐसे लोगों का बचपन काफी दु:खों से भरा रहता है। इसके अलावा जीवन रेखा पर यदि काला तिल हो तो ऐसे व्यक्ति श्‍वास संबंधी बीमार‍ियों से परेशान रहते हैं।

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

केतु पर्वत पर मछली का निशान

हाथ के केतु पर्वत मणिबंध रेखाओं के ऊपर होता है। यदि यहां पर मछली का निशान बना हुआ है तो व्यक्ति धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति का होता है। वह व्यक्ति इन्हीं चीजों के दम पर नाम और धन अर्जित करता है। क्योंकि मछली यहां से मछली का मुंह जिस पर्वत की ओर होता है उस पर्वत के शुभ गुण भी व्यक्ति में आ जाते हैं। केतु पर्वत पर मछली का निशान जातक को धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति का बनाता है। ऐसा व्यक्ति अपने दम पर प्रसिद्धि और धन प्राप्त करता है। इस पर्वत पर मछली की मुंह की दिशा का खास महत्व है। यदि मछली का मुंह मणिबंध की ओर हो और पूंछ किसी पर्वत की ओर हो तो जिस पर्वत तरफ मछली की पूंछ होती है उस परिणाम से परिणाम देरी से मिलते हैं।


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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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