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Hast Rekha Se Jane Bhagyashali Nishan: हाथ की रेखाएँ कैसे बदलती है शादी के बाद किस्मत,जानिए अपना और अपने पार्टनर का भाग्य
Hast Rekha Se Jane Bhagyashali Nishan: हाथ में रेखाएँ आपके भूत भविष्य और वर्तमान को बताती है, जानते हैं कि कैसे हाथ की रेखाएँ बदलती है शादी के बाद किस्मत..
Hast Rekha Se Jane Bhagyashali Nishan- ज्योतिष में हस्तरेखा ज्योतिष का बड़ा महत्व माना गया हैं जो कि व्यक्ति के भविष्य के बारे में कई तरह की जानकारियां देता हैं। हथेली पर बनने वाली रेखाएं और आकृतियों से आने वाले समय और उसके भाग्य के बारे में जाना जा सकता हैं। मतलब कि ये जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में अहम असर डालते हैं. कुछ रेखाएं बहुत लकी होती हैं और व्यक्ति की अचानक से किस्मत बदल देती हैंइसी के साथ ही देखा जाता हैं कि कई लोगों की हथेली में ऐसे निशान पाए जाते हैं जो दर्शाते हैं कि व्यक्ति की किस्मत उनकी शादी के बाद उज्जवल होगी।
. आज हम हथेली की कुछ ऐसी रेखाओं और स्थितियों के बारे में जानते हैं, जो व्यक्ति की वैवाहिक स्थिति और दांपत्य जीवन से जुड़ी अहम बातें बताती हैं. साथ ही यह बताती हैं कि किस व्यक्ति की शादी के बाद किस्मत चमक सकती है.
हस्तरेखा साफ और स्पष्ट
समुद्रशास्त्र में हथेली में सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत होता है। बुध पर्वत के अंत में कुछ आड़ी रेखाएं होती हैं। इस रेखा को विवाह रेखा कहते है। किसी भी व्यक्ति के प्रेम प्रसंग एवं वैवाहिक जीवन का आंकलन इसी रेखा की बनावट के आधार पर लगाया जाता है। यह रेखा जितनी साफ और स्पष्ट होती है वैवाहिक जीवन उतना ही अच्छा होता है।
हस्तरेखा शनि पर्वत तक जाए
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार शुक्र पर्वत (अंगूठे की नीचे की हिस्सा) से कोई रेखा निकलकर शनि पर्वत पर पहुंचती है तो विवाह के बाद व्यक्ति का भाग्योदय होता है। हथेली के बीच में मस्तिष्क रेखा से निकलकर कोई रेखा शनि पर्वत तक जाए तो बहुत ही अच्छी मानी जाती है। ऐसे लोगों का भाग्य भी शादी के बाद बदलता है।
हस्तरेखा सबसे लंबी और साफ
माना जाता है कि हथेली में बुध पर्वत पर जितनी आड़ी रेखाएं होती है व्यक्ति के उतने ही प्रेम प्रसंग हो सकते हैं। धुंधली एवं अस्पष्ट रेखाओं का इन मामलों में विचार नहीं किया जाता है। यहां पर जो रेखा सबसे लंबी और साफ होती है उसे विवाह रेखा माना जाता है। अन्य रेखाओं को प्रेम प्रसंग के रूप में माना जाता है।
हस्तरेखा व्यक्ति का भाग्योदय
अंगूठे के नीचे जीवन रेखा से घिरा होता है शुक्र पर्वत। अगर इस स्थान से कोई रेखा निकलकर शनि पर्वत पर पहुंचती है तो विवाह के बाद व्यक्ति का भाग्योदय होता है। ऐसा व्यक्ति किसी कला के माध्यम से अपना नाम कमाता है, लेकिन इनके जीवन पर कई बार संकट के बादल मंडराते हैं। इसका कारण है कि भाग्य रेखा जीवनरेखा को काटकर आगे बढ़ती है। ऐसे में उतार-चढ़ाव के साथ व्यक्ति के जीवन में मुश्किलें आती रहती हैं। हथेली के मध्यम में मस्तिष्क रेखा से निकलकर कोई रेखा शनि पर्वत तक जाना बहुत ही उत्तम होता है। ऐसा व्यक्ति सामान्य परिवार में जन्म लेकर भी अपनी योग्यता और लगन से सफलता के शिखर पर पहुंच जाता है। शनि पर्वत पर जाकर यह रेखा दो भागों में बंट जाए तो यह उत्तम फल देने वाली होती है।