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Hasth Rekha Shastra Age Palmistry:हस्तरेखा शास्त्र से आयु कैसे जाने?, रेखा से जाने मौत, बीमारी दुर्घटना के संकेत
Hasth Rekha Shastra Age Palmistry: हस्तरेखा शास्त्र सेहत और जीवन में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ ही मृत्यु का भी विचार किया जाता है। इस रेखा पर त्रिभूज का निशान बनना शुभ होता है। इसके अलावा जीवन रेखा पर ध्वज, चक्र और स्वस्तिक का निशान होना भी शुभ माना जाता है।
Hasth Rekha Shastra Aayu Kaise Jane
हस्तरेखा शास्त्र से आयु कैसे जाने?
हस्तरेखा शास्त्र में हाथ की रेखाओं से जान सकते है अपनी शारीरक की बीमारियों और आने वाली दुर्घटनाओं के बारे में है। हाथों में केवल रेखाएं ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इन पर बनने वाले चिह्न भी उतने ही खास हैं। रेखाओं पर बने चिह्नों का अपना महत्व है। ये सभी चिह्न नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही तरह से व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं। चिह्नों के प्रभाव से संबंधित रेखा का महत्व कम या अधिक हो सकता है। रेखाओं पर बने निशान से व्यक्ति के जीवन में आने वाली संभावित बीमारी का पता भी लगाया जा सकता है। हाथ में जीवन रेखा की स्थिति को देखकर भविष्य में होने वाली बीमारियों और दुर्घटनाओं के बारे में पहले ही पता किया जा सकता है।
हस्तरेखा बीमारियों और दुर्घटनाओं का संकेत
जीवन रेखा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ये रेखा हथेली में इंडेक्स फिंगर और अंगूठे के बीच में से शुरू होकर अंगूठे के नीचले हिस्से को घेरे हुए कलाई की तरफ जाती है। इसे लाइफ लाइन भी कहा जाता है। इस रेखा से सेहत और जीवन में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ ही मृत्यु का भी विचार किया जाता है। इस रेखा पर त्रिभूज का निशान बनना शुभ होता है। इसके अलावा जीवन रेखा पर ध्वज, चक्र और स्वस्तिक का निशान होना भी शुभ माना जाता है।
हस्तरेखा इन बीमारियों से रहेंगे परेशान
जीवन रेखा हथेली के आखिरी हिस्से में (कलाई के पास) दो भागों में बंट जाती है, तो ऐसे व्यक्ति की मृत्यु उसके पैतृक घर से काफी दूर जाकर होती है जीवन रेखा के आखिरी में क्रॉस या गुणन का चिन्ह हो तो अंतिम समय में मृत्यु काफी दुखद होगी।
यदि चंद्र पर्वत पर नक्षत्र का निशान हो तो व्यक्ति जीवनभर पेट रोग से परेशान रहता है। उसे पेट में कोई ना कोई समस्या बनी रहती है। इसी तरह यदि व्यक्ति के हाथ और नाखून पीले पड़ने लगें और धब्बे जैसे दिखाई दें, बुध रेखा कटी-फटी हो तो ऐसे लोग आंत संबंधी बीमारी से ग्रसित रहते हैं।
हस्तरेखा टीबी रोग होने का खतरा
शनि पर्वत के नीचे द्वीप का निशान दिखाई दे तो रीढ़ की बीमारी होने का संकेत है। इसी तरह यदि बुध रेखा पर काले निशान के साथ नक्षत्र एवं द्वीप का निशान दिखाई दे तो व्यक्ति को पीलिया होने का खतरा बना रहता है।
अगर मस्तिष्क रेखा पर शनि पर्वत के निचले हिस्से में जंजीरनुमा निशान दिखाई पड़ते हैं तो यह फेफड़े और गले के रोगों की ओर इशारा करता है। हाथों में नाखून ऊंचे उठे हुए हों और मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत से बुध पर्वत तक पंखदार होकर आगे बढ़े तो व्यक्ति को टीबी रोग होने का खतरा हो सकता है।
हस्तरेखा गठिया, मिर्गी और लकवा के संकेत
हाथों की अंगुलियां नुकीली और मुड़ी हुई हों, पर्वत नीचे दबा हुआ हो, नाखून लाल हो जाएं, साथ ही उन पर चकते जैसे निशान दिखाई दें तो यह मिर्गी रोग का संकेत देते हैं। हथेली में उच्च शनि पर्वत पर अनेक रेखाएं हो, मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत के नीचे खंडित हो जाए, स्वास्थ्य खराब स्थिति में हो अर्थात घिसी और छिन्न-भिन्न हालत में हो, आयु रेखा को काटकर चंद्र पर्वत से रेखा निकले तो यह स्थिति गठिया रोग का संकेत देती है।
हृदय रेखा पर क्रॉस हो या स्वास्थ्य रेखा में अलग-अलग रंग दिखाई दे तो जातक को मिर्गी रोग होता है। यदि हृदयरेखा तथा चंद्र परत पर दो खड़ी लंबी लाइनें हों तो व्यक्ति को लकवा होता है।
हस्तरेखा से अकाल मृत्यु
- हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार लंबी, गहरी, पतली और निर्दोष जीवन रेखा शुभ होती है। जीवन रेखा पर क्रॉस का चिह्न अशुभ होता है। यदि जीवन रेखा शुभ है तो व्यक्ति की आयु लंबी होती है और उसका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
- यदि दोनों हाथों में जीवन रेखा टूटी हुई हो, तो व्यक्ति को असमय मृत्यु या मृत्यु के समान कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।
- यदि एक हाथ में जीवन रेखा टूटी हो और दूसरे हाथ में यह रेखा ठीक हो, साथ ही जीवन रेखा के अंत में लाल या काला धब्बे जैसा निशान हो तो यह अकाल मृत्यु का संकेत है।
- यदि जीवन रेखा अंत में दो भागों में विभाजित हो गई हो तो व्यक्ति की मृत्यु जन्म स्थान से दूर होती है।
- यदि दोनों हाथों में जीवन रेखा बहुत छोटी हो तो वह व्यक्ति अल्पायु होता है।
हस्तरेखा से मृत्यु दुर्घटना
- यदि जीवन रेखा प्रारंभ से ही जंजीरदार हो और उसके ठीक मध्य में बड़ा नक्षत्र या तारे का चिन्ह हो तो आयु के उस भाग में व्यक्ति की मृत्यु दुर्घटना में होती है।
- जीवन रेखा पर एक से अधिक तिल होना शुभ नहीं माना जाता। इससे व्यक्ति को बार-बार गंभीर रोग होने की आशंका रहती है। ऐसे व्यक्ति की मृत्यु किडनी रोग से होती है।
- शुक्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर जीवन रेखा को जिस स्थान पर काटे, उस आयु में व्यक्ति की मृत्यु यौन रोगों के कारण होती है।
- चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा जीवन रेखा से मिले और चंद्र पर्वत पर डबल क्रॉस का चिन्ह हो तो व्यक्ति की मृत्यु जल में डूबने से होती है।