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Jyeshtha Maah Ke Tyohaar: ज्येष्ठ का महीना 2024 कब से लगने वाला है, जानिए नौतपा और इस माह के व्रत-त्योहारों की लिस्ट

Jyeshtha Maah 2024: ज्येष्ठ माह बस कुछ घंटों बाद लग जायेगा, इस माह का धार्मिक महत्व है। इसमें कई व्रत त्योहार के साथ सूर्य की तीखी किरणों का प्रकोप भी शिखर पर रहता है, जानते है इस माह के बारे में और त्योहार कौन कौनसे है...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 3 Jun 2024 9:15 AM IST (Updated on: 3 Jun 2024 4:24 PM IST)
Jyeshtha Maah  Ke Tyohaar: ज्येष्ठ का महीना 2024 कब से लगने वाला है, जानिए नौतपा और इस माह के व्रत-त्योहारों की लिस्ट
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Jyeshtha Maah 2024: ज्येष्ठ मास हिन्दू वर्ष का तीसरा माह है। पंचांग में हर माह की एक विशेषता रही है। जीवन में आने वाले उतार-चढा़वों में ये सभी माह कोई न कोई महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.।मौसम में होने वाले जबरदस्त बदलाव को भी इन सभी 12 माह के दौरान देखा जा सकता है।.

ज्येष्ठ माह में विशेष रुप से गंगा नदी में स्नान और पूजन करने का विधि-विधान है। इस माह में आने वाले पर्वों में गंगा दशहरा और इस माह में आने वाली ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी और निर्जला एकादशी प्रमुख पर्व है. गंगा नदी का एक अन्य नाम ज्येष्ठा भी है। गंगा को गुणों के आधार पर सभी नदियों में सबसे उच्च स्थान दिया गया है।

मई मे इस दिन से नौतपा भी शुरू

इस साल ज्येष्ठ महीना 24 मई 2024 से 23 जून तक रहेगा. इसी महीने में नौतपा भी लगता है. भीषण गर्मी पड़ती है। ज्येष्ठ मास में सूर्य अपने भीषण स्वरूप में होते हैं, इस कारण पृथ्वी से जल का वाष्पीकरण बहुत तेजी से होता है। कई नदियां और तालाब इस माह में सूख जाते हैं। जल की कमी आने लगती है। ऐसे समय में हमें जल बचाने का संदेश देता है ज्येष्ठ मास। ज्येष्ठ मास में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जल का महत्व बताने वाले पर्व हैं। गंगा दशहरा पर गंगा और अन्य सभी पवित्र नदियों की पूजा की जाती है। निर्जला एकादशी पर निर्जल रहकर यानी बिना पानी का व्रत किया जाता है। ये पर्व पानी की कीमत समझाते हैं और जल बचाने का संदेश देते हैं।

ज्येष्ठ माह त्योहार (Jyestha Month 2024 Vrat Festival)

ज्येष्ठ मास के त्यौहारों में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, वटसावित्री व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा, योगिनी एकादशी जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं।इन त्यौहारों का महत्व ही हमारे जीवन में एक नई चेतना और विकास देने वाला होता है. इस माह के दौरान तीर्थ स्थलों पर जाकर नदियों में स्नान करने और लोगों को ठंडा पानी इत्यादि बांटा जाता है। जग-जगह पर लोगों को पानी पिलाने के लिए मटकों इत्यादि की व्यवस्था भी की जाती है।

इस माह के दौरान मौसम का प्रकोप इतना अधिक प्रचंड रहता है कि मनुष्य तो क्या जीव जन्तु भी इस समय में गर्मी की अधिकता से व्याकुल हो जाते हैं. ऎसे में इस तपन को शांत करने के लिए ही पशु-पक्षिओं के लिए पानी इत्यादि की व्यवस्था की जाती है. लोग मीठा पानी इत्यादि चीजों को सभी में बांटते हैं।

24 मई 2024 (शुक्रवार) - नारद जयंती, ज्येष्ठ माह शुरू

26 मई 2024 (रविवार) - संकष्टी चतुर्थी

28 मई 2024 (मंगलवार) - पहला बड़ा मंगल (Bada Mangal)

29 मई 2024 (बुधवार) - पंचक शुरू

2 जून 2024 (रविवार) - अपरा एकादशी (Apara Ekadashi)

4 जून 2024 (मंगलवार) - मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण), दूसरा बड़ा मंगल

6 जून 2024 (गुरुवार) - ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती

9 जून 2024 (रविवार) - महाराणा प्रताप जयंती

10 जून 2024 (सोमवार) - विनायक चतुर्थी

14 जून 2024 (शुक्रवार) - धूमावती जयंती

15 जून 2024 (शनिवार) - मिथुन संक्रांति, महेश नवमी

16 जून 2024 (रविवार) - गंगा दशहरा (Ganga Dussehra)

17 जून 2023 (सोमवार) - गायत्री जयंती

18 जून 2024 (मंगलवार) - निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)

19 जून 2024 (बुधवार) - प्रदोष व्रत (शुक्ल)

22 जून 2024 (शनिवार) - ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत (Jyestha Purnima vrat), वट पूर्णिमा व्रत, कबीरदास जयंती

सनातन धर्म में ज्येष्ठ का मन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इस महीने पवन पुत्र हनुमान और भगवान सूर्य की पूजा आराधना की जाती है। इस महीने खान-पान दिनचर्या का विशेष ध्यान रखा जाता है धार्मिक दृष्टि से यह महीना बहुत पुण्य फलदाई माना जाता है। इस महीने नारद जयंती बड़ा मंगल अपरा एकादशी के साथ-साथ विनायक चतुर्दशी गंगा दशहरा निर्जला एकादशी जैसे बड़े पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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