TRENDING TAGS :
Holika Dahan Upay: इस होली दूर हो जाएगी हर मुश्किल, होलिका दहन की रात आजमाएं ये सारे टोटके
Holika Dahan Upay: होली का त्योहार अध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही पहलुओं से महत्वपूर्ण है।
Holika Dahan Upay: होली का त्योहार हिंदू समाज में अध्यात्मिक और सामाजिक महत्व का होता है। इसे मनाने के पीछे वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक कई कारण हैं। अध्यात्मिक रूप से, होली का त्योहार विविधता और एकता का प्रतीक है। इस दिन मनुष्य और प्रकृति के आपसी संबंध को महसूस करता है। होली के दिन लोग अपने आपको और दूसरों को प्रेम और सम्मान से भर देते हैं। यह त्योहार लोगों को सामूहिक अनुष्ठान, प्रेम, और सहयोग की भावना से जोड़ता है। इसके अलावा, होली का त्योहार धर्मिक उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है, जिसमें लोग भगवान की आराधना करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।
वैज्ञानिक रूप से, होली के रंगों का खास महत्व है। खेलने के दौरान अबीर और गुलाल के रंग हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मन को भी प्रभावित करते हैं। विज्ञान ने साबित किया है कि रंगों का प्रयोग मनोवैज्ञानिक रूप से मनोबल बढ़ाता है और मन को ऊर्जावान और प्रसन्न बनाता है। साथ ही, होली के दिन धूल और गंदगी को धोने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी होता है, जिससे पर्यावरण की सफाई होती है और लोग स्वच्छता के महत्व को समझते हैं
इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च की सुबह 9. 54 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 मार्च की दोपहर 12 .29 मिनट पर हो जाएगा। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन होली मनाते हैं।
होलिका दहन की रात खास उपाय
होलिका दहन हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की प्राचीन कथा से जुड़ा है। प्रह्लाद के प्रेम और भक्ति को देखकर उनके पिता हिरण्यकश्यप ने उन्हें भगवान विष्णु के भक्ति से विचलित करने का प्रयास किया। उन्होंने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लाद को जल में डालने की कोशिश की। होलिका को एक विशेष कठोर अग्नि के अंदर बैठाया गया, क्योंकि उसे वरण रक्षा हथियार होते थे। लेकिन भगवान की कृपा से प्रह्लाद अग्नि में अक्षय रहे, जबकि होलिका की आहुति हो गई। इस कथा के आधार पर होलिका दहन का उत्सव मनाया जाता है, जिसका अर्थ है बुराई का नाश और परम परमेश्वर के प्रति विश्वास।
सूखी लाल मिर्च, सूखा नारियल और साबुत नमक का प्रयोग भी बुरी नजर और नकारात्मकता को दूर करने के लिए किया जाता है। यह प्राचीन उपाय लोगों के बीच अत्यंत प्रसिद्ध है और उन्हें घर की सुरक्षा के लिए अच्छा माना जाता है। इसे होली के पर्व में आचरण करके घर को नकारात्मकता और बुरी नजर से बचाया जा सकता है।
होलिका दहन की रात उत्तर दिशा में बाजोट (पटिए) पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर मूंग, चने की दाल, चावल, गेहूं, मसूर, काले उड़द एवं तिल की ढेरी बनाएं। अब उस पर नवग्रह यंत्र स्थापित करें. उस पर केसर का तिलक करें, घी का दीपक लगाएं एवं नीचे लिखे मंत्र का जाप करें।जाप स्फटिक की माला से करें।जाप पूरा होने पर यंत्र को पूजा स्थान पर स्थापित करें, ग्रह अनुकूल होने लगेंगे।
मंत्र- ब्रह्मा मुरारी स्त्री पुरान्तकारी भानु शशि भूमि-सुतो बुधश्च.
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतवरू सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु..
एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में गेहूं के आसन पर स्थापित करें और सिंदूर का तिलक करें।अब मूंगे की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। 21 माला जाप होने पर इस पोटली को दुकान में ऐसे स्थान पर टांग दें, जहां ग्राहकों की नजर इस पर पड़ती रहे। इससे व्यापार में सफलता मिलने के योग बन सकते हैं- मंत्र – श्री सूक्त .
अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो इसके लिए भी होली की रात को खास उपाय करने से आपकी बीमारी दूर हो सकती है।होली की रात आप नीचे लिखे मंत्र का जाप काली मिर्च की माला से करें.
मंत्र- रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्. त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥