×

Holi 2025: भद्रा काल के बाद होगा होलिका दहन, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Holi 2025: फाल्गुन पूर्णिमा की रात को हर साल होलिका दहन होता है। इस बार होलिका दहन 13 मार्च की रात को किया जायेगा।

Newstrack          -         Network
Published on: 13 March 2025 12:41 PM IST
Holi 2025
X

Holi 2025

Holi 2025: फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को हर साल रात में होलिका दहन होता है। इस साल भी होलिका दहन 13 मार्च की रात को किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग पूजा पाठ करके घर की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। अगर इस साल शुभ मुहूर्त की बात करें तो पूर्णिमा तिथि 13 मार्च की सुबह 10:36 बजे से शुरू होकर 14 मार्च दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी। इस दौरान भद्रा काल भी चलता रहेगा। जोकि रात 11:26 बजे तक चलेगा। ऐसा कहा जाता है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। इसीलिए होलिका दहन 13 मार्च की रात 11:27 बजे के बाद काम किया जाना उचित रहेगा।

होलिका दहन से पहले पूरी पूजा विधि

होलिका दहन की भी अपनी एक विधि होती है। जिसके हिसाब से काम किया जाता है। इसमें सबसे पहले घर के सभी लोग पूजा की थाली लेकर पूजा स्थल पर जाते हैं। वहां भूमि पर जल अर्पित करते हैं। उसके बाद होलिका के चारो ओर गोबर के उपले, काले तिल, हल्दी और सूखा नारियल चढ़ाया जाता है। उसके बाद हाथ में कलावा बाँधकर होलिका की परिक्रमा करते हैं। बाद में घर के सभी लोगों को तिलक लगाकर बधाई दी जाती है।

होलिका दहन कैसे करें

होलिका दहन करने के लिए सबसे पहले एक पेड़ की टहनी को जमीन पर गाड़कर उसके चारों ओर लकड़ी, उपले और बाकी सामग्री रख दी जाती है। बाद में शुभ मुहूर्त के समय होलिका में आग जलाई जाती है। ऐसी भी मान्यता है कि इसमें गेंहू की नई बालियों और गोबर के उपलों को जलाने से सालभर आरोग्य की प्राप्ति होती है।

होलिका दहन से लाभ

होलिका दहन से कई लाभ होते है। कहा जाता है कि इस दिन सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं। रोग और शारीरिक परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए लोग होलिका की राख को तिलक के रूप में लगाते हैं। आर्थिक परेशानियों से बचाव और समृद्धि की प्राप्ति के लिए विशेष पूजा की जाती है। जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए अग्नि में विशेष सामग्रियां अर्पित की जाती हैं।

इस साल होलिका दहन को लेकर भद्रा काल की स्थिति के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि 13 मार्च की रात 11:27 बजे के बाद ही होलिका दहन करना शुभ रहेगा।

Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

Content Writer

Next Story