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Good Luck After Marriage: जन्म कुंडली में इस प्रकार की स्थिति हो तो विवाह के बाद चमकती है किस्मत

Good Luck After Marriage: आइए जानते हैं कुंडली के वह कौन से योग हैं जो शादी के बाद जातक का भाग्योदय कराते हैं

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Newstrack Network
Published on: 24 May 2024 3:07 PM IST
Good Luck After Marriage ( Social Media Photo)
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Good Luck After Marriage: मेहनत तो आपकी अपनी होती है लेकिन किस्मत हर व्यक्ति की अपनी नहीं होती है, कुछ लोगों की किस्मत उनके बच्चों से तो किसी की माता-पिता से जबकि कुछ लोगों की जीवनसाथी से जुड़ी होती है, आपने देखा भी होगा कि कुछ लोग खूब संघर्ष कर रहे होते हैं लेकिन विवाह के बाद उनके जीवन में अचानक से बदलाव होेते हैं और किस्मत उन पर मेहरबान हो जाती है ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि ज्योतिषशास्त्र में व्यक्ति की कुंडली में नवम भाव को भाग्य स्थान बताया गया है और सप्तम स्थान दांपत्य जीवन को दर्शाता है कुंडली के इन्हीं दोनों घरों के विश्लेषण से पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का भाग्योदय शादी के बाद होगा या नहीं, इसके साथ ही कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह योग होते हैं जो शादी के बाद भाग्योदय का इशारा करते हैं। आइए जानते हैं कुंडली के वह कौन से योग हैं जो शादी के बाद जातक का भाग्योदय कराते हैं


१:- जिस व्यक्ति की कुंडली में सप्तम भाव, सप्तम भाव का कारक ग्रह, एवं सप्तमेश की स्थिति बलवान है, ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय विवाह के बाद होता है।

२:- यदि व्यक्ति की कुंडली में सप्तमेश यानी सातवें घर का स्वामी जैसे मेष राशि में सातवें घर का स्वामी शुक्र होगा। अगर इनकी कुंडली में शुक्र अपनी उच्च राशि यानी मीन में हों। स्वराशि यानी तुला या वृष में और शुक्र की दृष्टि भाग्य या विवाह स्थान पर हो तब विवाह के बाद व्यक्ति की किस्मत के दरवाजे खुल जाते हैं।

३:- सप्तमेश और नवमेश यानी भाग्येश का राशि परिवर्तन भी लाइफ में जीवनसाथी के आगमन के बाद विशेष भाग्योदय करवाने वाला होता है। इस गणना के हिसाब से अगर कुंडली में सातवें स्थान में जो राशि है उसका स्वामी ग्रह नवम भाव में और नवम भाव में जो राशि है उसका स्वामी ग्रह सातवें घर में आ जाए तो इस तरह का शुभ योग बनता है जो विवाह के बाद भाग्योदय कारक होता है।

४:- ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि शुक्र का दशमेश और भाग्येश के साथ होना भी जीवनसाथी के भाग्य से सफलता और भाग्योदय करवाता है। यानी कुंडली के नवम भाव में जो राशि है उसका स्वामी ग्रह और नवमें घर में जो राशि है उसका स्वामी ग्रह अगर कुंडली में साथ हो तब विवाह के बाद भाग्योदय योग बनता है।

५:- व्यक्ति की कुंडली में सप्तमेश का नवम या दशम भाव में स्थित होना या सप्तमेश का नवम या दशम भाव को देखना भी विवाह उपरांत विशेष सफलता और भाग्योदय देता है।

६:- सप्तम स्थान के कारक गुरु और शुक्र बली अवस्था में हो। साथ ही सप्तम स्थान या सप्तमेश को प्रभावित करें, तो व्यक्ति का विवाह के बाद भाग्योदय होता है।

७:- पंडित नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार सप्तमेश का धन स्थान या लाभ स्थान पर स्थित होकर शुभ ग्रहों के प्रभाव में होना विवाह उपरांत भाग्योदय करवाता है, ऐसे व्यक्ति का जीवनसाथी या तो धनी घर से सम्बंध रखता है या बड़ा ही भाग्यशाली होता है।


Shalini Rai

Shalini Rai

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